कौआ : आपके गृह में किसी अतिथि के आगमन की सुचना कौआ के आने से हे
होती है. इसके अलावा ये भी माना जाता है कि कौआ पितरो के आश्रम का स्थल है. कौआ का
रंग गहरा काला और इसकी लम्बाई लगभग 20 इंच होती है, इनमे नर और मादा दोनों एक ही
प्रकार के दिखाई देते है. कौआ में एक खास बात ये है कि ये कभी भी अकेले भोजन नही
करता है, यह हमेशा अपना भोजन अपने किसी साथी के साथ मिल बाँट कर ही खाता है. और
अगर किसी कौआ की मृत्यु हो जाती है तो उस दिन उसका कोई भी साथी भोजन नही करता है.
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The Bird Crow Importance |
कौआ में और भी अनेक ख़ास बाते है जैसेकि कौआ मिलों तक बिना
थके उडान भर सकता है. ये भी माना जाता है कि कौआ को भविष्य में होने वाली सारी
घटनाओ का पहले से ही अंदाजा हो जाता है. इसके अलावा श्राद्ध पक्ष में तो कौआ का
महत्व ओर भी अधिक बढ़ जाता है क्योकि मान्यता है कि इस पक्ष में कौआ को खाना खिलने
का अर्थ है के आप अपने पितरो को खाना खिला रहे है.
कौवा पक्षी का महत्तव |
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कौआ पछी के पृयोग बताईये
ReplyDeleteविक्रम जी,
Deleteकौए के महत्व और इसके प्रयोग के बारे में ऊपर जानकारी दी गयी है. आप कौए के कैसे प्रयोग के बारे में जानना चाहते है उसके बारे में स्पष्ट रूप से बतायें. आपकी तुरंत सहयता की जायेगी.
संपर्क के लिए धन्यवाद
जागरण टुडे टीम
mai yah jannaja chata hu ki agar kauve ka bachha ghonsale se gir jata hai aur ghonsla nasht ho jata hai to kya uske ma-baap usey usey dubara uthakar kisi ghaonsale me rakhte hain ya fir usey marne ke liye chod dete hain..
ReplyDeleteJagruk Times Ji,
DeleteSabse phle to baat ye ki koyal apne ghosle mein ande nahi deti or jab vo ande deti hai to uska male partner yaani ki kouva un andon ko seta hai or unka dhyaan rakhta hai. Koyal or kauva un kuch pakshiyon mein se hai jo dusron ke ghoslon mein rahte hai or haa agar anda surakshit hoga to kauva jrur use uthakar kisi dusre ghosle mein pahunchaa dega. kintu unchayi se girne baad ande ke surakshit hone ke chances bhi kam hee hote hai. Agar fir bhi aapko koi doubt rahta hai to aap dobara comment avashay karen.
Sampark ke Liye Dhanyavaad
Jagran Today Team