Gurutvakrshan Kaise Kaam Karta Hai | गुरुत्वाकर्षण कैसे काम करता है | How Gravitational Force Works


गुरुत्वाकर्षण बल ( Gravitation Force )
आपने गुरुत्वाकर्षण के बारे में बहुत बात सूना होगा और महसूस भी किया होगा कि जब भी आप किसी चीज को ऊपर की तरफ फेंकते हो तो वो अपने आप वापस नीचे क्यों आ जाती है. हममे से अधिकतर लोगों को लगता भी यही है कि गुरुत्वाकर्षण का अर्थ किसी चीज का गिरना मात्रा है. किन्तु जब बात इसको सम्पूर्ण रूप से समझने की आती है तो ये काफी जटिल है. एक और बात गुरुत्वाकर्षण बल हर जगह मौजूद है, आपके ब्रह्माण्ड में भी लेकिन ये कभी किसी को दिखाई नहीं देता. CLICK HERE TO KNOW मेडिकल साइंस बताएगी आखिर प्यार क्या है ...
Gurutvakrshan Kaise Kaam Karta Hai
Gurutvakrshan Kaise Kaam Karta Hai
गुरुत्वाकर्षण के कुछ ख़ास तथ्य ( Some Important Facts of Gravitational Force ) :
-    गुरुत्वाकर्षण बल उन चार मौलिक बालों ( Gravity Force, Electromagnetic Force, Electrostatic Force and Strong Force ( in chemistry ) ) का हिस्सा है जिससे प्रकृति अपने काम सहजता से कर पाती है और व्यवस्थित रहती है.

-    ये एक ऐसा बल है जो अन्तरिक्ष में भी दो मास ( Mass ) वाली चीजों के बीच आकर्षण पैदा करता है और उन्हें उनकी जगह पर बनायें रखता है.

-    ये चीजों को उनका वजन देता है. कहने का अर्थ है कि अगर आपके ऊपर से गुरुत्वाकर्षण बल हटा दिया जाए तो आपका कुछ भी वजन नहीं होगा.

-    पृथ्वी और उसके कण कण पर निरंतर गुरुत्वाकर्षण बल लगता है और उसकी गति 9.8 m/s2 है.

-    ये बल हमे पृथ्वी पर बनाये रखता है और गिरने नहीं देता, ना सिर्फ हमे बल्कि अन्तरिक्ष में भी ये ग्रहों को उनकी कक्षाओं में बनाये रखने में अहम भूमिका निभाता है. CLICK HERE TO KNOW पहली बार सम्पूर्ण कंप्यूटर हार्डवेयर ईबुक ...
गुरुत्वाकर्षण कैसे काम करता है
गुरुत्वाकर्षण कैसे काम करता है
-    माना जाता है कि करीब साढ़े 4 अरब साल पहले इसी बल के कारण सूर्य और पृथ्वी का भी जन्म हुआ था.

तो ये सब बातें बताती है कि गुरुत्वाकर्षण बल का जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान है, अगर हम आपको एक आश्चर्यचकित कर देने वाली बात बताये तो शायद आप यकीन ना करें किन्तु वो सत्य है. वो बात ये है कि पृथ्वी के हर कण और अन्तरिक्ष के हर कण के बीच में एक आकर्षित कर देने वाला बल है और इसका कारण भी गुरुत्वाकर्षण बल ही है. कहने का तात्पर्य ये है कि धरती से करीब 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाश गंगा में ब्लैक होल है हम उसे भी अपनी तरफ आकर्षित करते है और वो हमे अपनी तरह.

गुरुत्वाकर्षण बल पर न्यूटन के सिद्धांत ( Newton’s Principle over Gravitational Force ) :
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर ऐसा है तो ब्लैक होल हमे खिंच क्यों नहीं रहा? दरअसल बात ये है कि दो चीजों में दुरी जितनी अधिक होगी उनके बीच का आकर्षण बल उतना ही कम हो जाएगा और इस सिद्धांत का पता सर्वप्रथम आइजैक न्यूटन ने लगाया था. इसके अलावा उन्होंने बताया कि गुरुत्वाकर्षण बल की शक्ति का अनुपात वास्तु के द्रव्यमान के अनुपात में ही होता है. कहने का तात्पर्य ये है कि अगर वास्तु छोटी होगी तो गुरुत्वाकर्षण बल भी कम और कमजोर होगा और अगर चीज बड़ी होगी तो बल भी अधिक होगा.
How Gravitational Force Works
How Gravitational Force Works
अगर इस बात का उदाहरण लेना है तो आप चाँद और खुद से लें. आप दोनों के बीच में भी तो गुरुत्वाकर्षण बल है किन्तु चाँद आपको तो खिंच नहीं पाता क्योकि आप उसके सामने बहुत छोटे हो किन्तु जब बात समुद्र की आती है तो आप देख सकते हो कि चाँद उसे अपनी तरफ खिंच लेता है और ज्वार बनता है.

गुरुत्वाकर्षण बल का नियम ( Newton’s Law of Gravitation ) :
इस नियम के अनुसार दो चीजों के बीच जो आकर्षण बल कार्य करता है वो उन चीजों के द्रव्यमान के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती व उन दोनों चीजों के बीच की दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता होता है.

उदाहरण : मान लें दो चीज या पिंड है, जिनका द्रव्यमान m1 और m2 है. इन दोनों के बीच की दुरी R  है. इस तरह जो सिद्धांत न्यूटन ने दिया है उसके अनुसार उनके बीच का आकर्षण बल F = Gm2m2/R^2 होगा. सिद्धांत में G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है इसका मान 6.67 * 10^-11 NM^2/Kg^2NM^2/Kg^2  है.

गुरुत्वाकर्षण बल के सिद्धांत और नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
गुरुत्वाकर्षण बल तथ्य और मान
गुरुत्वाकर्षण बल तथ्य और मान 

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