लाडली लाडो - प्यारी बेटियां Heart Touching Poem By Sandeep Dahiya




भाइयों आज कल हम पहले तो बेटी होने ही नहीं देते, और अगर १ हो भी जाए तो समझते है बहुत बड़ा शान कर दिया उस छोटी सी बच्ची पर, और तब दूसरी के लिए तो बिलकूल ही नहीं हो जाती है ... और अगर किसी कारन से दूसरी हो भी जाए तो ऐसी हालत हो जाती है की पता नहीं कितना बड़ा गुनाह कर दिया उस मासूम कली ने हमारे घर आकर ...
 
लाडली लाडो - प्यारी बेटियां Heart Touching Poem By Sandeep Dahiya
लाडली लाडो - प्यारी बेटियां Heart Touching Poem By Sandeep Dahiya

लाडली लाडो
जब शादी करनी हो तो जरूर चाहिए एक खुबसूरत सी लड़की
लेकिन उन्ही को किसी कीमत पर नहीं चाहिए गर्भ में बच्ची,
 राखी पर याद करते है बहनों को भूलकर भी,
लेकिन पता नहीं क्यों भूल जाते है दया धर्म जब वो होती है गर्भ में ही,
500 गज की कोठी के अंगन में भी नहीं होती जगह उनके लिए
20 साल तक माँ बाप की सेवा करने के बाद भी सब कुछ छोड़ जाती है उनके लिए,
शादी के बाद ससुराल में शरू होती है अग्निपरीक्षा हरदिन,
लेकिन माँ बाप को नहीं भूलती वो किसीदिन,
ससुराल और मायके में दोनों परिवारों को बांध कर रखती है अपनी प्रेम और सेवा की डोर से,
फिर भी वो क्यों काट फेंकते है कच्ची कली को गोद से,
भाई संदीप भूवि और शगुन देकर भगवान् ने तेरा घर भर दिया,
दो बेटियों के उपहार से तेरा जीवन महका दिया ...



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