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Amrud Fal ke fayde or Upyogitaayen | अमरुद फल के फायदे और उपयोगिताएं



अमरुद का फल सस्ता होने के साथ-साथ बहुत गुणकारी भी होता है. यह प्रक्रति की हम मनुष्यों की दी गई एक निराली देन है. अमरुद का फल कच्चा भी प्रयोग में लाया जाता है और पका हुआ भी प्रयोग में लाया जाता है. हमारी सेहत के लिए अमरुद एक बहुत हे लाजवाब फल होता है. अमरुद को अमृतफल अर्थात अमृत के समान गुणों वाला फल माना जाता है. 


अमरुद का स्वाद खट्टा - मीठा और मन को लुभाने वाला होता है. कच्चे अमरुद में मिठास तो होती है लेकिन मिठास के साथ अम्लता और कसेलापन भी होता है. पकने के बाद अमरुद बहुत मीठा हो जाता है. पकने पर अमरुद का स्वाद व गुण और भी अधिक बड जाते हैं. इसमें स्वस्थ्य की रक्षा करने वाले गुण प्रचुर मात्रा में बड जाते हैं. 


अमरुद की सबसे ज्यादा पैदावार हमारे देश भारत में ही होती है. अमरुद हमारे देश भारत में 17विं शताब्दी में लाया गया था. भारत से पहले अमरुद की खेती वेस्ट इंडीज और स्पेन में की जाती थी. अलाहाबाद के अमरुद विदेशों में भी काफी पसंद किये जाते हैं.


अमरुद की पांच नस्लें पाई जाती है. इलाहाबादी सफेदा, सेब अमरुद, बेदाना, करेला और चित्ते वाला. लाल अमरुद सफेद अमरुद से ज्यादा गुणकारी होता है. अमरुद के पेड़ के सभी अंग जैसे जड़, पत्ते,छाल, फल, फूल आदि सभी रोगों में काम आते हैं.


अमरुद को संस्कृत में अमृतफल, पेरुकम, हिंदी में जाम, अमरुद, मराठी में पेरू, गुजराती में जाम्फाड़े, बंगला में पियारा, तेलगु में गोइया, तमिल में कोईया, कन्नड़ में शिवे, फारसी में अरूद और अंग्रेजी में गुआवा कहते हैं. लेटिन में अमरुद को पिसिडियम गुयावा कहते हैं.


अमरुद के पेड़ की ऊँचाई 20-25 फुट होती है. अमरुद के पत्तों का रंग हरा होता है और इसके पत्ते आयताकार होते हैं. अमरुद के फूलों का रंग सफ़ेद होता है व इनसे बहुत अच्छी सुगंध निकलती है. पकने से पहले अमरुद के फल का रंग हरा होता है लेकिन पकने के बाद इनका रंग पीला हो जाता है. अमरुद के कुछ फल लाल रंग के भी होतें हैं. अमरुद विटामिन सी का भण्डार होता है. पके हुए अमरुद में विटामिन सी कम होता है और कच्चे अमरुद में जयादा होता है. अमरुद के छिलकों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है.


100 ग्राम अमरुद में जल 76.1 प्रतिशत, प्रोटीन 15.1प्रतिशत, वसा 0.2 प्रतिशत, खनिज तत्व 7.8 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 14.5 प्रतिशत, कैल्शियम 0.44 प्रतिशत तथा आयरन 1.0 मिग्रा प्रतिशत होता है. अमरुद में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है और थोड़ी मात्रा में विटामिन  ए भी मिलता है.

आयुर्वेद के अनुसार पके हुए अमरुद का स्वाद खट्टा-मीठा होता है. अमरुद पचने में भारी होता है, अर्थात अमरुद को हमारा शरीर देर में पचा पाता है. पका हुआ अमरुद कफकारक व तीखा होता है. अमरुद ह्रदय के लिए बहुत अच्छा होता है. अमरुद खाने से हमारे ह्रदय को शक्ति प्राप्त होती है. अमरुद शुक्रोत्पादक होता है. अमरुद खाने से हमें शीतलता प्राप्त होती है और अमरुद का स्वाद भी काफी अच्छा होता है. यह तीक्ष्ण होता है व वातवर्धक होता है. त्रिदोष तथा जलन को खत्म करता है. अमरुद वात व पित के विकारों में लाभ देता है. यह उन्माद, भ्रम, और बेहोशी में लाभकारी होता है. अमरुद खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं. अमरुद बार बार लगने वाली प्यास को कम करता है. अमरुद खाने से थकान दूर हो जाती है. भीषण ज्वर व शरीर की गर्मी को दूर करता है. अमरुद खाने से भूख बढती है और हमारे दिमाग को ताकत मिलती है. मलेरिया, बवासीर, पागलपन, आधासीसी आदि रोगों में अमरुद से लाभ प्राप्त होता है. अमरुद से शरीर व हाथ- पैरों की दाह में आराम मिलता है. अमरुद खाने से पाचन तन्त्र को ताकत मिलती है व पाचन क्रिया तेज़ हो जाती है. अमरुद के सेवन से कई तरह के विकार दूर हो जाते हैं.


कुछ लोगों का मानना है की अमरुद खाने से हैजा, पेट दर्द, अफारा आदि की प्रॉब्लम हो जाती है. यह गलत धारणा है. केवल बरसात के मौसम में अमरुद खाने से यह शिकायतें हो सकती हैं. 
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अमरुद के बीज काफी सख्त होते हैं इसलिए वे देर से हजम होते हैं. जहाँ तक संभव हो अमरुद के बीज कम खाने चाहिए बारिश के मौसम में. वैसे अमरुद के बीजों से हमारी आंतो की सफाई हो जाती है इसीलिए ये जरूरी भी है की हम इनको खाएं. अमरुद के बीज यदि आँतों में प्रवेश कर जाएँ तो दिक्कत हो सकती है. अमरुद छिलके समेत खाना चाहिए क्योंकि अमरुद के फल से ज्यादा ताकत अमरुद के छिलके में होती है. छिलके में म्र्दुविरेजक गुण होता है. ज्यादा अमरुद खाने से अजीर्ण हो सकता है, यदि अजीर्ण हो जाए तो सोंफ या गुड खाना चाहिए.
 
Amrud Fal ke fayde or Upyogitaayen
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