मुहूर्त के हिसाब से उठाये
समय का लाभ
हम ईश्वर द्वारा बनाये गये
वो प्राणी है जो किसी भी समय खली नही बैठते. हमे हर समय काम करने के लिए कुछ न कुछ
चाहिए ही होता है और इसीलिए हमे बौधिक प्राणी माना जाता है. लेकिन हमे अपने कार्यो
की सफलता के लिए समय के प्रयोग और समय की गति को पहचानने की आवश्कता है. समय के
सही उपयोग से ही हम अपने कार्यो में सफलता को प्राप्त कर पाते है और अगर आप बिना
समय के महत्व को समझे कार्य करते है तो आपके कार्य निष्फल हो जाते है उस वक़्त हमे
शास्त्र याद आते है. शास्त्रों में हर कार्य को करने के लिए सही विधि, सही मुहूर्त
का उल्लेख मिलता है और यही मुहूर्त हमे बताते है कि हम किस तरह सही मुहूर्त का लाभ
उठा सकते है और अशुभ समय से कैसे बचा जा सकता है.
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Benefits of Timely Countermeasures |
मुहूर्त के हिसाब से समय के
उपयोग की शास्त्रों द्वारा बताई गई विधि के उदहारण निम्नलिखित है –
·
अगर आप कोई कानूनी
दावा करना चाहते है तो आप उसके लिए शुक्ल पक्ष या फिर कृष्ण पक्ष के मंगलवार की
त्रितय, अष्टमी या तेरस को चुन कर सफलता प्राप्त कर सकते है.
·
अगर आप कोई नया
कार्य शुरू कर रहे है तो आपको अमावस्या के दिन से बचना होगा क्योकि अमावस्या के
दिन को किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए सबसे ज्यादा अशुभ दिन माना जाता है. किसी
भी नये कार्य की शुरूआत के लिए आप ऐसे दिन को भी जरुर टाल दे जिसमे सूर्य एक नयी
राशी में प्रवेश करता हो जैसेकि हर माह की संक्रांति का दिन. क्योंकि ये दिन किसी
भी मंत्र सिद्धि, तांत्रिक सिद्धि के लिए उपयोगी माना जाता है.
·
मुहुर्तो के चुनाव
में दिनांको का भी एक अहम स्थान होता है. जिस दिन सूर्य और चंद्रमा एक समान अंशो
पर होता है तो उस वक़्त अमावस्या होती है और जब ये दोनों 180 डिग्री पर होते है उस
वक़्त पूर्णिमा होती है. साथ ही सूर्य और चंद्रमा के 12 अंशो की दुरी से ही एक तिथि
बनती है
·
तिथि 1, 6, 11 को
नंदा तिथि कहते है, तो 2, 5, 12 को भद्रा कहते है, तिथि 4, 9, 14 रिक्ता कहलाती है
और 5, 10, 15 तिथियां पूर्णा कहलाती है.
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Samay ka Laabh Uthaayen |
महत्वपूर्ण बाते जो
मुहुर्तो से जुडी है -
1.
अगर आपने कोई मुकदमा
शनिवार के दिन दायर कराया है तो आपको उसके हल के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता है
क्योकि इस दिन दायर कराया गया मुकदमा लम्बा चलता है.
2.
आपको कभी भी कोई भी
मुकदमा मंगलवार के दिन दायर नही करना चाहिए.
3.
यदि आप विवाह के लिए
किसी दिन का चुनाव कर रहे है तो आप वक्री गुरु की 28 तारिख से बचे. इस दिन को
विवाह के लिए सबसे अशुभ दिन माना जाता है.
4.
साथ ही अमावस्या का
दिन भी विवाह के लिए अशुभ माना जाता है.
5.
और अगर आप यात्रा के
लिए जा रहे है तो आप रिक्ता तिथि का चुनाव कदापि ना करे.
6.
माना जाता है की
किसी भी कन्या के विवाह का सबसे अशुभ दिन और तिथि गुरु का गोचर 4, 8, 12 होती है.
7.
अगर आप अपने ज्येष्ठ
संतान का विवाह करने का विचार कर रहे है तो उसके लिए आप ज्येष्ठ मास का चुनाव कभी
भी न करे क्योकि ज्येष्ठ माह को ज्येष्ठ संतान के विवाह के लिए अशुभ माना गया है.
उपरोक्त कुछ उपाय आपको आपके कार्य को सही मुहूर्त और सही तिथियों पर करने में
सहायक होंगे और इससे आपको लाभ प्राप्त होगा.
समय का लाभ कैसे उठायें |
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