1. पेट में कब्ज होना बहुत ही आम बात है. पेट मे
कब्ज हो जाने पर अधिकतर लोग ओ.आर .एस का घोल पीते है ताकि कब्ज से जल्दी मुक्ति
मिल सके . पेट में कब्ज हो जाने पर अंगूर को खाना भी लाभकारी होता है , अंगूर को
खाने से जल्दी ही पेट की कब्ज खत्म हो जाती है.
2. तेज गर्मी में लोगो को अक्सर नकसीर की परेशानी
हो जाती है. नकसीर में नाक से खून गिरता है और एक बार गिरना शुरु होता है तो जल्दी
बंद नहीं होता , ऐसे में अंगूर का मीठा रस बहुत ही उपयोगी है. अंगूर के रस की दो –
दो बुँदे डालने से नाक से खून आना बंद हो जाता है तथा नकसीर से राहत भी मिलती है.
3. अंगूर के
साथ- साथ मुनक्का का भी औषधीय रूप में
प्रयोग किया जाता है. कुछ व्यक्तियों को दूध नहीं पचता . दूध पीना सेहत के लिये
लाभकारी होता है. और ऐसा मन जाता है की दूध ही एक ऐसा द्रव है जिससे हमारा शरीर
स्वस्थ रहता है.जिन व्यक्तियों को दूध नही पचता तथा दूध पीने से उनके पेट में गैस
बनती है ऐसे व्यक्तियों को दूध के साथ १ या दो मुनक्का अवश्य खाना चाहिए. सा करने
से दूध पीने के बाद गैस होने का भय नही होता , तथा दूध भी जल्दी पच जाता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Angur se Bimariyon ka Ilaaj |
4. बुखार एक
ऐसा रोग है जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी मौसम में हो सकता है. जब बुखार होता है
तो बीमार व्यक्ति का शरीर अधिक गरम हो जाता है, तथा ज्वर से तपने लगता है.एसि
स्थिति में कई बार बीमार व्यक्ति के शरीर में बहुत ही बैचेनी उतप्न हो जाती है, और
वह बहुत परेशान हो जाता है. ऐसि स्थिति में अंगूर के रस में एक चुटकी सेंधा नमक
मिलकर और एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिला कर पीने से ज्वर से तथा ज्वर के कारण
हुई बैचेनी से बुखार से पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है तथा उसकी हालत में भी
जल्दी सुधर होने लगता है.
5. कुछ
व्यक्ति हमेशा किसी न किसी बीमारी से जूझते रहते है. जिससे उनके शरीर में कमजोरी आने
लगती है, और वे बहुत ही दुबले व पतले हो जाते है. ऐसि स्थिति में दुर्बलता को खत्म
करने में अंगूर का रस बहुत ही सहायक सिद्ध होता है.अगर दुर्बल व्यक्ति को रोजाना
सुबह और शाम एक कप अंगूर का रस पिलाया जाए या उसे अंगूर खिलाया जाए तो उसके शरीर
की कमजोरी और दुर्बलता खत्म हो जाएगी है.
अंगूर से बिमारियों का इलाज |
6. नेत्र रोग से छुटकारा पाने के लिए भी अंगूर के
रस का प्रयोग किया जाता है. इसके लिए अंगूर के मीठे रस को पका कर पीना पड़ता है. और
इसे पकाने के लिए विशेष बर्तन की आवश्यकता पडती है इसे एक कलई के बर्तन में डालकर
पकाना चाहिए. तथा जब यह पकाकर तैयार हो जाए तब इसे किसी बर्तन में न डालकर एक काँच
की शीशी में डालकर रख देना चाहिए . रात को सोने से पहले इसे आँखों में सिलाई की
सहायता से लगाना चाहिए.इससे आँखों के बाल गिरना तथा आँखों की खुजली भी ख़त्म हो
जाती है.और नेत्र रोग जल्दी ही खत्म हो जाता है.
7. रतौंधी
जैसे रोग में भी अंगूर का रस उपयोग किया जाता है. तथा इसे काजल भी बनाया जाता है
जिससे आँखों को ठंडक मिलती है तथा आँखों की जलन भी कम हो जाती है. अंगूर के रस को काजल
के रूप में उपयोग करने के लिए इसमें शहद मिलाया जाता है . रतौंधी का रोग दूर करने
के लिए केवल अंगूर का रस ही लगाने से इस रोग से मुक्ति मी जाती है. इसे सोते हुए
लगाना चाहिए. इससे रतौंधी का रोग तो दूर होता ही है साथ ही साथ आँखों की रौशनी भी
बढ़ जाती है.
Grapes for Diseases Remedy |
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