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Anjir Fal Kaisa hai | अंजीर फल कैसा है | How is Fig Fruit

अंजीर बेहद ही स्वादिस्ट फल है अंजीर का स्वाद खाने में मीठा होता है. अंजीर एक सुखा हुआ फल है. अंजीर के अंदर बहुत – सारे अनगिनत बीज होते है. अंजीर एक ऐसा फल है. जो ओर फलों की भांति फल मंडी में नही मिलता. बल्कि यह बाजार में पंसारी की दुकान तथा किराने की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है. यह दुकानों में सूखे फल के रूप में मिलता है. जैसे फूलो को माला में गूँथा जाता है , वैसे ही यह भी पंसारी या किराने की दुकान पर माला में गुंथा हुआ मिलता है. अंजीर के पेड़ अधिकतर गर्म देशो में पाए जाते है.


          अंजीर के फल दो प्रकार के होते है. एक बोया हुआ अंजीर होता है जिसके फल और पत्ते बड़े – बड़े होते है.तथा दुसरे प्रकार के अंजीर वो होते है जो जंगली होते है तथा जो पहले वाले की तुलना में छोटे होते है. इसके फल और पत्ते पहले वाले अंजीर के मुकाबले में से काफी छोटे होते है. अंजीर के पेडो को लगाने के लिए चुने वाली भूमि अत्यधिक उपजाऊ होती है. इस भूमि पर अंजीर की पैदावार बहुत अच्छी मात्रा में होती है. अंजीर के पेड़ काफी बड़े – बड़े होते है. अंजीर का स्वाद खाने में बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है.यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी होता है. अंजीर के कच्चे फल का रंग हरा होता है एवं पके हुए का रंग पीला या बैंगनी होता है. अंजीर के फल के अंदर का रंग बहुत ही लाल होता है. 


          जैसे अलग - अलग भाषा में हर वस्तु का अलग – अलग नाम होता है. ठीक वैसे ही अंजीर के लिए भी भिन्न – भिन्न भाषा में भिन्न – भिन्न नाम है.अंजीर को संस्कृत में फल्गु नाम से जाना जाता है. तो वंही इसे हिंदी में , तथा मराठी में अंजीर के नाम से ही जाना जाता है.गुजराती एवं बंगला में भी हिंदी और मराठी भाषा की तरह अंजीर नाम से ही यह प्रसिद्ध है. पंजाबी में अंजीर के लिए किमरी फगवारा नाम प्रयोग किया जाता है. तेलगु एवं मलयालम में अंजीर के लिए शिमि अट्ठी जैसे एक ही शब्द का प्रयोग दोना भाषओं में किया जाता है. फारसी में अंजीर के लिए अंजीर ही शब्द प्रचलित है. अंग्रेजी में अंजीर के लिए इंग्लिश शब्द फिग का प्रयोग किया जाता है. अंजीर का लेटिन नाम – फाइकस कैरिका है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
 
Anjir Fal Kaisa hai
Anjir Fal Kaisa hai

           एशिया में माइनर में स्थित कैरिका नामक स्थान को अंजीर की उत्पत्ति का मूल स्थान माना जाता है.  अंजीर की पैदावार पूर्वी तुर्की से पश्चिम के स्पेन तक होती है.भूमध्य सागर के तटीय प्रदेशो में भी अंजीर की बहुत पैदावार होती है. अमेरिका , अफगानिस्तान बिलोचिस्तान एवं फारस में भी इसकी खूब मात्रा में पैदावार होती है. भारत में स्थित कश्मीर तथा पंजाब में भी अंजीर की खेती की जाती है. भारत के दक्षिणी क्षेत्रों में भी अंजीर को काफी मात्रा में उगाया जाता है. तजा अंजीर का पका हुआ फल खाने में बहुत ही मीठा होता है. इसे खाने से शरीर में बहुत से पोषक तत्वों का समावेष हो जाता है. अंजीर एक गुदेदार खोखला फल है. अंजीर के उपरी सिरे पर बहुत सारे संकीर्ण छेद होते है. एवं इसमें बहुत से नर तथा मादा पुष्प भी होते है. अंजीर को महत्वपूर्ण बनाने वाले इसमें उपस्थित शर्करा एवं खनिज के तत्व होते है. जिसे खाने से हमारे शरीर में पोषक तत्त्वों की मात्रा में बढ़ोतरी होती है. अंजीर का पका हुआ मीठा फल लवणीय जल से परिपूर्ण होता है.


           अंजीर में बहुत से पोषक तत्वों की मात्रा विद्यमान होती है.जिसे खाने से हमारे शरीर को ताकत मिलती है. अंजीर में आद्रता 80.8 प्रतिशत होती है. प्रोटीन की मात्रा 0.03 प्रतिशत होती है.खनिज की मात्रा 0.6 प्रतिशत होती है.तथा कार्बोहाइड्रेट 17.1 प्रतिशत होती है.अंजीर में कैल्शियम की 0.06 प्रतिशत मात्रा विद्यमान होती है तथा फास्फोरस 0.03 प्रतिशत मात्रा में होती है. अंजीर में लोहा 1.2 मिग्राम तथा कैरोटिन 270 इ.यु होतीं है. निकोटिनिक अम्ल 0.06 मिग्राम विद्यमान होती है.राइबोफ्लेविन 50 मिग्राम होती है.अंजीर में एस्कोबिर्क एसिड 2 मिग्राम. प्रति 100 ग्राम में पाए जाते है.ताजे फलों में शर्करा की मात्रा 13.20 प्रतिशत होती है. एवं सूखे हुए फलों में 42 से 62 प्रतिशत शर्करा की मात्रा विद्यमान होती है.अंजीर के बीजो में वसा के रूप में 30 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
 
How is Fig Fruit
How is Fig Fruit

          अंजीर में बहुत से गुण होते है. इसके खाने से विभिन्न रोगों से मुक्ति भी मिलती है. अंजीर बेहद मीठा और हीक वाला फल है. अंजीर भारी, ठंडा और वातनाशक फल है. इसका रस बहुत ही मधुर होता है.अंजीर शीतवीर्य,विपाक होने पर मधुर वात और रक्तपित्त को खत्म करने वाला फल है. अंजीर आमवात कारक,रक्तविकार नाशक फल है.इससे खाने से पेट की कब्ज भी ख़त्म हो जाती है. अंजीर से शरीर की सुजन भी ठीक की जा सकती है. इससे शरीर के किसी भी भाग में लगी चोट भी ठीक की जा सकती है.यह पथरी को गलाने के लिए अत्यंत उपयोगी फल है.अंजीर यकृत व तिल्ली के विकार का भी नाशक है. अंजीर का प्रयोग शरीर में बल की वृद्धि के लिए भी किया जाता है. अंजीर से गठिया और बवासीर जैसे रोगों को भी दूर किया जा सकता है.


        अंजीर में खनिज तत्व अन्य फलों की तुलना में अधिक पाए जाते है. अंजीर में सभी प्रकार की सब्जियों और फलों से ज्यादा मात्रा में लौह और ताम्बा की मात्रा स्थित होती है.अंजीर में सूखे मेवो से भी अधिक पोष्टिकता होती है.अंजीर में जस्ता की मात्रा भी सूक्ष्म मात्रा के रूप में विद्यमान होती है.ताजे अंजीरो में तथा सूखे अंजीरो में विटामिन ‘ए’ तथा विटामिन ‘सी’ की मात्रा विद्यमान होती है. तथा बहुत ही सूक्ष्म मात्रा में विटामिन ‘बी’ तथा विटामिन ‘डी’ की मात्रा विद्यमान होती है.

 
अंजीर फल कैसा है
अंजीर फल कैसा है

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प्रार्थनीय
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3 comments:

  1. क्या जागरण का कोइ खेती बाडी से सम्बंधित प्रकाव्हन है ? यदि हाँ तो नाम बताएं और प्राप्त करने हेतु क्या करना होगा ?
    रमेश निगम
    ३/३८८ विकल्प खंड ,गोमती नगर ,लखनऊ ९४५३०१४१२३

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    Replies
    1. रमेश जी, खेती बाड़ी से सम्बंधित आप की जानना चाहते है क्रप्या खुल कर बताएं. हम आपको वो सब उपलब्ध करवाएंगे.

      सम्पर्क के लिए धन्यवाद

      Delete
  2. Anjeer or gullar ke fal me kya antar hai kripya batayn

    ReplyDelete

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