Bhumi Ek Mahatvpurn Sansadhan Ke Roop Mein | भूमि एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में


भूमि एक महत्वपूर्ण संसाधन
जिस स्थान पर मनुष्य रहता हैं उसे भूमि कहते हैं. पृथ्वी का आधे से भी कम लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा भूमि हैं. लेकिन पृथ्वी का यह तीस प्रतिशत भाग पूरी तरह से मनुष्य के रहने के लायक नहीं हैं. संसार के सभी स्थानों की भूमि तथा जलवायु का स्तर अलग – अलग होता हैं. जिसके कारण किसी स्थान पर मनुष्य की संख्या अधिक हैं तो कहीं कम.

भूमि का उपयोग
भूमि एक ऐसा प्राकृतिक संसाधन हैं. जिसका उपयोग विभिन्न कार्यों को करने के लिए किया जाता हैं. जिनकी जानकारी निम्नलिखित दी गई हैं.

1.       भूमि का प्रयोग खेती करने के लिए किया जाता हैं.

2.       मनुष्य घर बनाने के लिए भी भूमि का ही उपयोग करते हैं.

3.       सड़कों को बनाने के लिए भी भूमि का प्रयोग किया जाता हैं.

4.       वानिकी एवं खनन के लिए भूमि का इस्तेमाल किया जाता हैं.

5.       कम्पनी या फैक्ट्री स्थापित करने के लिए भी भूमि का उपयोग किया जात हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT मृदा का निर्माण और संरक्षण ...
Bhumi Ek Mahatvpurn Sansadhan
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किसी भी भूमि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग उसकी गुणवत्ता के आधार पर किया जाता हैं तथा जिस स्थान की भूमि में गुणों की मात्रा अधिक होती हैं. वहाँ पर मनुष्य की संख्या भी ज्यादा पाई जाती है. तो चलिए जानते है कि भूमि की गुणवत्ता किन – किन कारकों से बढती हैं.

भूमि की गुणवत्ता बढाने वाले कारक या तत्व -
1.       स्थलाकृति- स्थलाकृति से तात्पर्य भूमि के आकार से हैं. भूमि का आकार जितना अधिक होगा मनुष्य उसका प्रयोग उतना ही अधिक कर पायेगा.

2.       मृदा - भूमि की गुणवत्ता मृदा अर्थात मिट्टी पर भी निर्भर होती हैं. क्योंकि जिस स्थान की भूमि की मिटटी अधिक उपजाऊ होगी तो उसका प्रयोग फसलों को उगाने के लिए भी उतना ही अधिक हो पाएगा.

3.       खनिज एवं जल – भूमि की उपयोगिता खनिज तथा जल के स्तर पर भी निर्भर होती हैं तथा जिस स्थान पर इन दोनों तत्वों की मात्रा अधिक पाई जाती हैं. वहाँ पर जनसंख्या का घनत्व भी उतना ही अधिक पाया जाता हैं.

4.       प्रोद्यौगिकी – जिस भूमि पर उद्योगों की संख्या जितनी अधिक होगी. उस स्थान की भूमि का उपयोग भी उद्योगों को लगाने के लिए उतना ही अधिक किया जाएगा.

भूमि के प्रकार
1.       नीजी भूमि -  जिस भूमि पर व्यक्ति का व्यक्तिक अधिकार होता हैं या जो भूमि व्यक्ति को अपने बुजुर्गों के द्वारा प्राप्त होती हैं. उसे नीजी भूमि कहते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संसाधन के प्रकार और उसके उदहारण ...
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2.       सामुदायिक भूमि – सामुदायिक भूमि को साझा सम्पत्ति संसाधन के नाम से भी जाना जाता हैं. सामुदायिक भूमि से कई व्यक्ति जुड़े होते हैं तथा इस समुदाय से जुड़े हुए व्यक्ति ही मिलकर इस भूमि का एक साथ उपयोग करते हैं. जैसे – चारा, फल तथा औषधि का निर्माण करने के लिए कई व्यक्ति मिलकर एक समूह बनाते हैं और इस भूमि का प्रयोग करते हैं.

भूमि संरक्षण
मनुष्य की इच्छाएं और जरुरतों की कोई सीमा नहीं होती तथा इसलिए वह हर वस्तु का प्रयोग अधिक से अधिक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करना चाहता हैं. लेकिन भूमि एक सिमित संसाधन हैं जिसका प्रयोग मनुष्य ने व्यापारिक क्षेत्र के रूप में, शाहरों में घर बनाने के लिए तथा गाँवों में खेती करने के लिए करना शुरू कर दिया हैं. जिसके कारण हमें भूस्खलन, मृदा अपरदन तथा मरुस्थलीकरण आदि स्थितियों का सामना करना पड रहा हैं.

भूमि संरक्षण के तरीके
1.       भूमि संरक्षण के लिए अर्थात भूमि की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए.

2.       खेती करने के लिए रसायनिक कीटनाशकों का कम से कम प्रयोग करना चाहिए तथा इसके बजाय प्राकृतिक खाद का अधिक प्रयोग करना चाहिए.

3.       पशुओं द्वारा अतिचारण पर रोक लगाकर भी भूमि की गुणवत्ता को बचाया जा सकता हैं.

4.       भूमि संरक्षण के लिए हमें उवरकों के विनियमित उपयोग पर रोक लगाने चाहिए. 

 भूमि एक संसाधन के रूप में तथा भूमि के संरक्षण के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.

Bhumi Ek Mahatvpurn Sansadhan Ke Roop Mein
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5 comments:

  1. भूमि की श्रेणियां

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    1. भूमि की कई श्रेणियां होती हैं –
      1.वन
      2.बंजर भूमि या कृषि अयोग्य भूमि
      3.कृषि योग्य भूमि
      4.खनिज से परिपूर्ण भूमि
      5.उद्योग तथा अन्य विकास कार्य हेतु भूमि
      6.महासागरीय एवं अन्य जलीय भूमि इत्यादि

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  2. केसर हिन्द भूमि क्या है।

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  3. Apne pura chapter btayaa hai but explain Nhi Kiya nahi Koi example hai

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  4. Apne pura chapter btaya Bu without explain or examples ke

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