नाक कान में घाव --- अनार
के जूस की तीन – चार बूंदे कान व नाक में टपकाने से नाक व कान का जख्म ठीक हो जाता
है. कान या नाक के अन्दर फुंसी निकल आये तो अनार के रस की कुछ बूँदें डालें. इससे
फुंसी ठीक हो जाती है.
मसूड़ों से खून आना --- अनार
के पत्ते सुखाकर पीसकर पाउडर बना लें और इस पाउडर से अच्छी तरह से मंजन करें. इससे
खून व पीप आना बंद हो जाएगा व दांत और मसूड़े स्वस्थ हो जायेंगे. साँस लेने में
ताजगी महसूस होगी.
रक्त प्रदर --- अनार के
छिलके छाया में सुखा लें और इन्हें पीसकर चूर्ण बना लें. सुबह-शाम पानी के साथ
एक-एक चम्मच खाएं. इस चूर्ण को कुछ दिन तक नियमित रूप से सेवन करने से मासिक रक्तस्राव
कम हो जाता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
![]() |
अनार से बिमारी का इलाज |
श्वेत प्रदर --- अनार के
10-15 पत्ते और काली मिर्च पीसकर चूर्ण बना लें और दिन में दो बार इसका सेवन करने
से श्वेत प्रदर में लाभ मिलता है.
![]() |
Anaar Se Bimaari ka Ilaaj |
Anaar Se Bimaari ka Ilaaj, अनार से बिमारी का इलाज, Anaar se Rog chikitsa, naak kaan ke ghav, Masudhon se khoon aana, rakt pardar, shwet pardar, अनार से रोग चिकित्सा, नाक कान में घाव, मसूड़ों से खून आना, रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर.
YOU MAY ALSO LIKE
- सभी ग्रहों के लिए रत्न विज्ञानं
- छोटे उपाय लेकिन बड़े काम के
- ॐ के जाप की शक्ति
- मंगल दोष या मंगली का उपाय
- लग्न का मंगल कैसे हो
- गुणकारी व् स्वादिस्ट फल अनार
- औषधि के रूप में अनार के उपयोग
- मुख की दुर्गन्ध दुबलापन योनी रोग- मंगल दोष या मंगली का उपाय
- लग्न का मंगल कैसे हो
- गुणकारी व् स्वादिस्ट फल अनार
- औषधि के रूप में अनार के उपयोग
- अनार से बिमारी का इलाज
- सूर्य किरण चिकित्सा
- कब खरीदें नए कपडे और क्यों
- स्वस्तिक क्या है महत्तव
No comments:
Post a Comment