श्वेत प्रदर तथा रक्त प्रदर आदि रोगों के होने पर क्या करें
श्वेत प्रदर तथा रक्त प्रदर दोनों ही महिलाओं के शरीर की योनी से सम्बन्धित रोग हैं. श्वेत प्रदर के रोग के होने
पर महिला की योनी मार्ग से सफेद पानी निकलने लगता हैं. जो की श्वेत प्रदर की
बीमारी का सूचक होता हैं. रक्त प्रदर का रोग अधिकतर मासिक धर्म के दिनों में होता
हैं. इन दिनों में ऋतुस्त्राव के समय में अधिक रक्तस्त्राव होता हैं. जिसका प्रभाव
महिला के शरीर व स्वास्थ्य पर अधिक पड़ता हैं.
श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया के रोग के होने पर क्या करें
श्वेत प्रदर के रोग होने पर किस प्रकार उपचार किया जा सकता हैं. इसके बारे में
जानने से पहले हम यह जान लेते हैं की यह बीमारी क्या हैं. श्वेत प्रदर के रोग को
अंग्रेजी भाषा में ‘ल्यूकोरिया’ कहते हैं. श्वेत प्रदर का रोग होने पर महिला की
योनी से एक प्रकार का सफेद पानी निकलने लगता हैं. यह रोग लैक्टोबेसिल्स नामक तत्व
के कारण होता हैं. महिलाओं के योनी मार्ग में एक लैक्टोबेसिल्स नामक तत्व होता
हैं. जिसका का कार्य योनी मार्ग और योनी के पानी में उपस्थित अम्लता में संतुलन
बनाए रखना होता हैं. लैक्टोबेसिल्स के संतुलन बनाए रखने से महिला के शरीर में किसी
भी प्रकार के हानिकारक जीवाणुओं की वृद्धि नहीं होती. श्वेत प्रदर के रोग होने पर
महिला की योनी से कई कारणों से सफेद पानी का स्राव बढ़ जाता हैं. योनी से श्वेत
पानी का स्राव मासिक चक्र के शुरु होने के बाद या पहले हो सकता हैं. गर्भावस्था के
दौरान भी हो सकता हैं. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
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श्वेत प्रदर होने के कारण
श्वेत प्रदर का रोग कई बार महिला के अधिक मांस – मछली खाने, चाय पीने, शराब का
सेवन करने से भी हो जाता हैं. अधिक चटपटे पदार्थों का सेवन करने से भी यह रोग हो
सकता हैं. जिन महिलाओं का जीवन आलस्य से
भरा होता हैं उनको भी यह रोग हो जाता हैं. मासिक धर्म के अनियमित समय पर होने के
कारण भी यह रोग हो सकता हैं. कई लडकियों की जल्दी शादी हो जाती हैं जिसके कारण ही
उन्हें जल्दी गर्भ धारण करना पड़ता हैं. उनको भी यह रोग हो जाता हैं. बार – बार
गर्भ धारण करने के कारण भी यह रोग हो सकता हैं. इन सब के आलावा योनी के भीतरी भाग
में किसी प्रकार की फुंसी, फोड़े या रसूली के होने के कारण भी यह रोग हो जाता हैं.
श्वेत प्रदर रोग के लक्षण
श्वेत प्रदर के रोग के होने पर
महिलाओं के योनी मार्ग से गाढ़ा सफेद पानी निकलता हैं. यह पानी मटमैला, चिपचिपा,
हल्का लाल और बदबूदार होता हैं. यह यह श्वेत प्रदर के रोग का गम्भीर रूप का लक्षण
होता हैं. इन लक्षणों के आलावा इस रोग के
गम्भीर रूप धारण करने पर महिला के हाथ – पैरों में, पिंडलियों में, घुटनों में और
पैर की हड्डियों में बहुत दर्द होता हैं. इस रोग के होने पर हाथ – पैरों में जलन
होती हैं. स्मरण शक्ति कम हो जाती हैं. शरीर में कमजोरी आ जाती हैं. चेहरा पीला पड
जाता हैं. पेट में भारीपन महसूस होता हैं. इस रोग के होने पर शरीर में कैल्शियम की
कमी हो जाती हैं तथा भूख भी कम लगती हैं. इस रोग के होने पर योनी में खुजली, जलन,
योनिशूल, योनिगंध की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं. इस रोग के होने पर योनी द्वार
में जख्म भी हो जाता हैं.
श्वेत प्रदर के रोग को ठीक करने के लिए उपचार
श्वेत प्रदर के रोग को ठीक करने के लिए अक्सर महिलाए शर्म के कारण डॉक्टर के
पास जाना पसंद नहीं करती. इस स्थिति में महिलायों के लिए घरेलू उपाय बहुत ही
फायदेमंद होते हैं. जिनका उपयोग वो घर में बैठे – बैठे आसानी से कर सकती हैं.
श्वेत प्रदर के रोग को ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं
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Shwet Prdar Rog ke Karan Lakshan or Ghrelu Upchar |
1. श्वेत प्रदर के रोग से
मुक्ति पाने के लिए आप फालसे के शर्बत का सेवन कर सकते हैं. फालसे के शर्बत का
सेवन करने से जल्दी ही श्वेत प्रदर के रोग से राहत मिलती हैं.
2. श्वेत प्रदर के रोग को ठीक
करने के लिए आप केलों का सेवन भी कर सकते हैं. श्वेत प्रदर के रोग को ठीक करने के
लिए 3 केलों का सेवन रोजाना करें. आपको इस रोग से जल्द ही मुक्ति मिलेगी.
3. श्वेत प्रदर के रोग को दूर
करने के लिए आंवले का चुर्ण बहुत ही उपयोगी होता हैं. श्वेत प्रदर के रोग को ठीक
करने के लिए 5 या 6 ग्राम आंवले का चुर्ण लें और थोडा शहद लें. अब इन दोनों को
अच्छी तरह से मिला लें और इसका सेवन करें. श्वेद प्रदर के रोग से राहत मिलेगी.
4. टमाटर का प्रयोग करके भी
श्वेत प्रदर के रोग को दूर किया जा सकता हैं. श्वेत प्रदर के रोग से छुटकारा पाने
के लिए टमाटर का उपयोग रोजाना करना चाहिए.
5. गूलर के फूल का इस्तेमाल
करने से भी श्वेत प्रदर का रोग ठीक हो जाता हैं. श्वेत प्रदर के रोग से छुटकारा
पाने के लिए गूलर के फूल लें और उसे अच्छी तरह पीस लें. अब इसमें मिश्री और शहद
मिला लें. फिर इस मिश्रण का सेवन करें. 4 या 5 बार गूलर के फूल से बने मिश्रण का
सेवन करने से आपको इस रोग से राहत मिलेगी.
6. सफेद मूसली का चुर्ण और
ईसबगोल का सेवन करके भी श्वेत प्रदर के रोग से निजात पाई जा सकती हैं. श्वेत प्रदर
के रोग से मुक्ति पाने के लिए मूसली का चुर्ण लें और ईसबगोल लें. अब इन दोनों का
सेवन एक साथ करें. ईसबगोल और मूसली के चुर्ण का सेवन करने से यह रोग जल्दी ही ठीक
हगो जायेगा.
7. श्वेत प्रदर के रोग को ठीक
करने के लिए आप आंवला और जौ के आटे का भी उपयोग कर सकते हैं. श्वेत प्रदर के रोग
को दूर करने के लिए 2 या 3 आंवले लें और उन्हें खूब अच्छी तरह से पीस लें. अब जौ
का आटा लें और उसमे पिसा हुआ आंवला डालकर मिला लें. अब इस आटे की रोटी बनाए और
खाए. एक या डेढ़ महीने तक लगातार इस आटे की रोटी को खाने से श्वेत प्रदर के रोग से
छुटकारा मिल जाता हैं.
8. केवल भिंडी का सेवन करने से
भी श्वेत प्रदर का रोग ठीक हो जाता हैं. इस रोग को ठीक करने के लिए रोजाना सुबह
खाली पेट कच्ची भिंडी का सेवन करें. आपको इस रोग से आराम मिलेगा.
9. श्वेत प्रदर के रोग को ठीक
करने के लिए आप कुछ चीजों का प्रयोग करके चुर्ण बना कर उसका सेवन कर सकते हैं.
श्वेत प्रदर के रोग में आराम पाने के लिए 20 ग्राम मुलैठी लें. 10 ग्राम जीरा लें.
40 ग्राम अशोक के पेड़ की छाल लें. अब इन सभी चीजों मिलाकर महीन चुर्ण पीस लें. पिसने के बाद इस
चुर्ण का सेवन दिन में 4 या 5 बार करें. आपको इस रोग से जल्दी ही छुटकारा मिलेगा.
10.
श्वेत प्रदर के रोग में आराम पाने के लिए आप कच्चे केले और
गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस रोग को ठीक करने के लिए 5 या 6 कच्चे केले लें और
उन्हें सुखा लें. फिर इन सूखे केलों को पीसकर इसका चुर्ण तैयार कर लें. अब चुर्ण
की समान मात्रा में गुड़ लें और उसे चुर्ण में मिला दें. फिर इस चुर्ण का सेवन
करें. चुर्ण का सेवन करने से श्वेत प्रदर के रोग ठीक हो जायेगा.
11.
श्वेत प्रदर के रोग को ठीक करने के लिए आप एक और चुर्ण बना
सकते हैं. इसके लिए सिंघाड़ा लें. गोखरू लें. बबूल की गोंद लें. बड़ी इलायची लें.
थोड़ी चीनी और सेमल की गोंद लें. अब इन सब को मिलकर पीसकर बारीक़ चुर्ण तैयार कर
लें. फिर इस चुर्ण का सेवन करें. श्वेत प्रदर के रोग से राहत मिलेगी.
श्वेत प्रदर रोग के कारण लक्षण और घरेलू उपचार |
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ReplyDeleteNice information
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