सूर्य को नमस्कार करने व जल देने के तरीके ( Tips to Greet
and Pray God Surya )
सुबह के समय जल्दी उठने से ताज़ी हवा और सूर्य की किरणों से हमारे
स्वास्थ्य को लाभ होता है. यें बात तो सभी जानते है कि सूर्य को जल चढाते समय पानी के
बीच से सूर्य को देखना चाहिए ऐसा करने से सूर्य की किरणों से हमारी आँखों की रोशनी
भी बढती है. सूर्य की किरणों में विटामिन डी पायी जाती है. इसलिए जो भी
व्यक्ति उगते सूर्य को जल चढ़ता है, वह तेजस्वी होता है उसकी त्वचा में एक अलग प्रकार की
आकर्षक चमक भी आ जाती है. CLICK HERE TO KNOW संसार का बादशाह सूरज ...
Kaise Karen Surya Dev ko Namaskaar |
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सूर्य पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण ( Scientific View
on Sun ) : विज्ञान की नज़र से देखा जाएँ तो सूर्य और पृथ्वी के बीच कम
से कम 1,49,60,00,000 किलोमीटर की
दूरी है. पृथ्वी तक सूर्य का प्रकाश पंहुचने में 8 मिनट 19 सेकेण्ड का समय
लगता है. सूर्य ही सभी जीव जन्तुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण उर्जा का स्त्रोत है. पेड़ पौधों को तो
भोजन भी सूर्य के कारण ही मिलता है. ऋषि मुनियों द्वारा कहा जाता है कि सूर्य को जल देने से
हमारे शरीर के हानिकारक तत्व नष्ट हो जाते है.
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पूर्णिमा का उपवास ( Fast on Full
Moon ) : सूर्य को देवता माना जाता है. इसलिए पूर्णिमा के दिन
उपवास रखकर पूजा करें और यदि हो सके तो चाँदी के लोटे में थोडा पानी और ढूध मिलाकर
उस जल को सूर्य भगवान को अर्पित करें और फिर घर में जो भी बुजुर्ग हो उनके पैर
छूकर उनसे आशीर्वाद लें. ऐसा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएँ पूरी हो जाती है. CLICK HERE TO KNOW सूर्य रौशनी से स्वास्थ्य लाभ ...
कैसे करें सूर्य देव को नमस्कार |
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पूजा का समय ( Time of Prayer ) : ध्यान रखें कि
सूर्य को प्रातःकाल जल्दी 7 - 8 बजे तक जल चढ़ा देना चाहिए. ज्यादा देर से
जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि देर से जल चढ़ाने पर उसका पूरा फल हमें
नहीं मिल पाता है.
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पीली वस्तुओं का दान ( Donate Yellow
Clothes and Food Material ) : सूर्य से शुभ फल प्राप्त करने के लिए रविवार के
दिन सूर्य की विशेष तरीके से पूजा अर्चना करनी चाहिए. साथ ही इस दिन
सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान भी करना चाहिए. सूर्य से
संबंधित वस्तुएं जैसे :- पीले वस्त्र और पीले रंग की कोई भी खाने की
सामग्री का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान में दे.
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सूर्य मंत्र ( Sun Mantra ) : सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लौटे का उपयोग करना
चाहिए. लौटे में शुद्ध जल भरें और उसमें चावल कुमकुम, पुष्प और आदि
पूजन सामग्री भी डालकर, इसके बाद लौटे से सूर्य को जल चढाएं. जल चढ़ाते
समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ
रवये नम:, ऊँ
आदित्याय नम:, ऊँ
भानवे नम: आदि का जप करते रहना चाहिए.
How to Greet God Surya |
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स्वस्थ्य लाभ ( Health Benefits ) : यदि कारोबार में
परेशानी हो रही हो या नौकरी में कोई परेशानी है, तो सूर्य की
उपासना करके लाभ मिलता है स्वास्थ्य लाभ के लिए भी सूर्य की उपासना करनी चाहिए.
सूर्य देव को जल अर्पण करने से सूर्यदेव की असीम कृपा की प्राप्ति होती है और
सूर्य भगवान प्रसन्न होकर दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य, धन, मित्र, संतान, सौभाग्य और
विद्या का आशीर्वाद प्रदान करते है.
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सूर्य को जल चढायें ( Give Water to Sun
) : रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके
बाद किसी मंदिर या घर पर ही सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद पूजन में सूर्य देव
को लाल फूल, लाल चन्दन, गुडहल का फूल और
चावल अर्पित करें. गुड या फिर गुड से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएँ और फिर पवित्र मन
से सूर्य मंत्रों का जाप करें और अपने माथे पर लाल चन्दन अवश्य लगाएँ.
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घर में पितरों का स्थान ( Place of Ancestors / Fathers at Home ) : अपने घर में
पितरों का स्थान जरूर बनवाएँ तथा हर किसी शुभ अवसर पर उनको याद करके उनके स्थान पर दीपक
जलाकर भोग लगाएँ. ऐसा हर किसी त्योहार, शादी व जिस दिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के
दिन करें और ध्यान दें कि अमावस्या के दिन उपवास रखकर पंडित को भोजन कराने व दान
आदि देने से पितृ शांति मिलती है.
सूरज को अर्ध्य दें |
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बुजुर्गों की तस्वीर ( Pictures of Old Persons ) : हमेशा ध्यान दें कि पूजा
स्थल घर की दक्षिण दिशा में ही रहें तथा उसी दिशा में बुजुर्गों की तस्वीर लगाएँ.
याद रहें कि कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके न सोयें. अमावस्या के दिन निम्न
वस्तुएं जैसे :- सफेद वस्त्र, मूली, रेवड़ी, दही और दक्षिणा आदि दान में दें.
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सत्यनारायण कथा ( Story of Lord Satyanaranyan ) : हर महीने में आने
वाली अमावस्या के दिन श्री सत्यनारायण भगवान की कथा करायें या खुद भी कर सकते है.
विष्णु मंत्रों का जाप करें तथा श्रीमद भागवत गीता का पाठ करें. खासकर ऐसा श्रादों
में अवश्य करवाएं.
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एकादशी का उपवास ( Fast on Ekadashi ) : अगर एकादशी का
उपवास रखते है तो उसका उद्यापन कुछ इस प्रकार करें कि पितरों के नाम से मंदिर, धर्मस्थल, विद्यालय, धर्मशाला, चिकित्सालय और
फ्री सेवा संस्थान आदि बनायें और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान जरूर दें.
Safalta Prapti ke Liye Ravi Prarthna |
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पिंडदान ( Pind Daan ) : जब भी किसी का
श्राद्ध हो तो गंगाजी के किनारे पितरों की शांति के लिए हवन यज्ञ करायें. गया में
जाकर पिंडदान करवाने से पितरों को तुरंत शांति मिलती है. पितृ दोष से मुक्ति पाने
के लिए नारायण बली का पाठ, यज्ञ तथा नागबली करायें. पवित्र तीर्थ स्थानों पर ही
पिंडदान करें.
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पितृदोष शांति ( Remove Pitri Dosh ) : कनागत में पितृ
मोक्ष अमावस्या के दिन विद्वान ब्राह्मणों से पितृदोष शांति करायें. सरसों के तेल
का दीपक जलाकर प्रतिदिन नवनाग स्त्रोत का जप करें. सूर्य व चन्द्र ग्रहण के समय
अनाज दान में दें.
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रुद्राभिषेक ( Rudrabhishek ) : शिवलिंग पर
रोज़ाना दूध चढायें ''ऊँ नमः शिवाय'' या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें. भगवान शिव की ज्यादा
से ज्यादा पूजा करें. साल में एक बार श्रावण माह, सोमवार व
महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करायें. शत्रु के नाश के लिए जिस अमावस्या को सोमवार
पड़ता हो, इसे सोमवारी
अमावस्या भी कहते है. इस दिन सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करायें और अगर यह
अमावस्या श्रावण के महीने में हो फिर तो सोने पे सुहागा हो जाता है.
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नागपंचमी उपवास ( Fast on Nagpanchmi ) : नागपंचमी का
उपवास रखकर सर्प की पूजा करें और नाग प्रतिमा की अंगूठी पहनें, हर महीने की
पंचमी को नाग नागिन के जोड़े को बांधकर शिवलिंग पर चढायें. ऐसा करने से कालसर्प योग
से शांति मिलती है. सुबह पक्षियों को जौ के दाने खिलायें और जल पिलायें इसके अलावा
उड़द व बाजरा भी खिला सकते है.
Suraj ko Jal Chadhane ke Tarike |
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नारियल प्रवाहित करें ( Flow Coconut on Water ) : पानी वाला
नारियल सुबह या शाम के समय बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. सरस्वती माँ व गणेश
भगवान की पूजा करें. हर सोमवार को दही के साथ शिवजी का अभिषेक करें और इस मंत्र “ऊँ
हर-हर महादेव” का जप अवश्य करें.
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नागयोनी से मुक्ति ( Free from Naagyoni ) : नाग योनी में
पड़े पितरों की शांति के लिए नागपंचमी के दिन, चाँदी का नाग बनवाकर उसकी
पूजा अवश्य करें तथा साल में कम से कम एक बार किनरों को नये कपडे, फल, मिठाई और दक्षिणा
आदि वस्तुएं दान में दें.
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सुखी दाम्पत्य जीवन ( For Happy Married Life ) : अगर किसी भी पति
पत्नी के बीच किसी प्रकार का तनाव चल रहा है, तो लगातार 7 शुक्रवार
किसी भी देवी के मंदिर में जाकर 7 परिक्रमा लगाकर पान के पत्ते पर
मिश्री व मक्खन का प्रसाद रखें तथा सफेद फूलों की माला चढायें साथ ही आप सफेद फूलों को ही
उनके चरणों में अर्पित करें.
सूर्य को नमस्कार करने, जल अर्पण करने और सूर्य नमस्कार
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Surya ko Jal Arpit Karne ke Laabh |
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