एचआईवी एड्स ( HIV AIDS )
HIV ( Human Immuno Deficiency Virus ) एक वायरस है, जो व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली ( Immune System ) पर बुरा प्रभाव डालता है. व्यक्ति के शरीर
में आ जाने के बाद ये शरीर में संक्रमण पैदा कर देता है, जो धीरे धीरे AIDS ( Acquired Immuno Deficiency Syndrome ) जैसी भयंकर बीमारी का रूप ले लेता है. इसमें
व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक ( रोगों से लड़ने की
क्षमता ) शक्ति कम हो जाती है, इसी
वजह से एड्स से पीड़ित व्यक्ति को हर छोटी छोटी बीमारी में भी बहुत परेशानी का
सामना करना पड़ता है और उसे इन्फेक्शन होने लगते है. जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती
है. वहीँ AIDS एक विषाणु ( Syndrome ) है जो HIV वायरस से होता
है. ऐसा तभी होता है जब ये वायरस इम्यून सिस्टम को ऐसी स्थिति में पहुँचा दे जहाँ
से वो किसी भी रोग का सामना नही कर पाता. इस तरह आप एड्स को HIV की अंतिम स्टेज बोल सकते हो. CLICK HERE TO KNOW THE SYMPTOMS OF HIV AIDS ...
HIV AIDS Ke Shrir Par Prabhav |
कैसे पता चलता
है? :
एचआईवी के होने
से व्यक्ति के शरीर में कुछ रोग प्रतिकारक कण बनने लगते है. जिन्हें एंटीबौडिज ( Antibodies ) कहा जाता है. इस वायरस का पता
लगाने के लिए व्यक्ति को इसकी जांच करनी होती है, जांच के बाद अगर आपके खून मे एंटीबौडिज
पाया जाता है तो समझें कि आपको HIV ने घेर लिया है
और आपका खून HIV + ( एचआईवी पॉजिटिव ) है. किन्तु HIV के खून में होने का ये मतलब नही होता कि आपको
एड्स है. अगर आपको ये शुरु में ही पता चल जाता है तो आप आप कुछ सावधानियों को
ध्यान में रखते हुए इसे एड्स बनने से रोक सकते हो.
नोट : HIV वायरस के शुरु समय विंडो पीरियड कहलाता है अगर
आप इस पीरियड में एचआईवी की जांच करा रहे हो तो रिपोर्ट गलत भी हो सकती है इसलिए
आपको हर 2 से 3 महीने में इसकी जाँच दोबारा करा लेनी चाहियें. CLICK HERE TO KNOW HOW HIV AIDS TRANSMITTED AND HOW NOT ...
एचआईवी एडस के शरीर पर प्रभाव |
HIV / AIDS के शरीर पर प्रभाव
:
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प्रतिरक्षा तंत्र ( Immune System ) : एचआईवी सबसे पहले व्यक्ति की प्रतिरक्षा तंत्र को प्रभावित करता है जहाँ
वो वाइट ब्लड सेल ( White Blood Cell ) को खत्म करता
है. ये सेल व्यक्ति को किसी भी बीमारी, इन्फेक्शन
या बैक्टीरिया से बचाते है और इनके खत्म होने की वजह से ही व्यक्ति का शरीर किसी
बीमारी से नही लग पाता. HIV का वायरस खून
में मिलकर धीरे धीरे फ़ैलाने लगता है और पुरे शरीर को प्रभावित करने लगता है.
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श्वसन तंत्र और हृदय रोग ( Respiratory System and Cardiovascular System ) : जैसे जैसे
एचआईवी का वायरस बढ़ता जाता है वैसे वैसे ये शरीर में अनेक रोगों को पैदा कर देता
है जैसेकि निमोनिया, बुखार और शरीर में ठंड. इस तरह ये वायरस व्यक्ति की छाती तक
पहुँच जाता है. धीरे धीरे इससे अन्य श्वसन रोग उत्पन्न होने लगते है जैसेकि टीबी,
अस्थमा, खांसी और PCP ( Pneumocystis Carinii Pneumonia ) इत्यादि. ये हृदय में साफ़ होकर शरीर में जानने वाली नाली
को प्रभावित कर देता है ताकि शरीर को साफ खून ना मिल सके, इस तरह ये हृदय पर भी
खतरा बन जाता है. जो आपकी छाती में दर्द और खांसी में खून का कारण बनता है. इस
स्थिति में आपको शरीर के T सेल की संख्या
को जांचना चाहियें.
Effects of HIV AIDS on Body |
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पाचन तंत्र ( Digestive System ) : HIV पाचन तंत्र को
खराब करके व्यक्ति को अनेक इन्फेक्शन में घेर लेता है जैसेकि Candidacies और Leukoplakia इत्यादि. इन इन्फेक्शन के हो जाने से व्यक्ति की जीभ पर एक सफ़ेद परत जैम जाती
है और उसका मुंह सूज जाता है जिसकी वजह से ये ना कुछ खा पाते है और ना ही अच्छी
तरह बोल पाते है. पाचन तंत्र के खराब होने की वजह से व्यक्ति के पेट में दर्द
होना शुरू हो जाता है और उसे बार बार उल्टियाँ व दस्त आने लगते है.
इसके अलावा ये
आपके पते में पच अपच की समस्या को उत्पन्न कर देते है जिसकी वजह से आप अच्छी तरह
से खाना तक नही खा पाते. ये किडनी को प्रभावित कर उसके कार्य में भी अवरोध उत्पन्न
करता है जिसकी वजह से शरीर से मलमूत्र के बाहर निकलने में भी समस्या होने लगती है.
How AIDS Affect Body |
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तंत्रिका तंत्र ( Nervous System ) : ये व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर उसके दिमाग की
कार्य क्षमता को कम करता है. जिसके लिए ये सीधें नाशो की कोशिकाओं को निशाना नहीं
बनता बल्कि दिमाग के आसपास की नशों में इन्फेक्शन करता है. इससे नाशो को चोट
पहुँचती है और इसके अंतिम स्तर में पहुँचने के बाद तो ये नाशो में छेद कर उन्हें
पूरी तरह खत्म कर देता है.
तंत्रिका तंत्र
के प्रभावित होने से व्यक्ति को सिर और कमर में बहुत तेज दर्द, उलझन, आँखों में
परेशानी और यादाश्त में कमी जैसी समस्याओं का सामना कर न पड़ता है. कुछ लोग तो इतना
तनाव ले लेते है कि वे अपनी सूद बुदद खोकर डिप्रेशन में चले जाते है.
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त्वचा ( Skin ) : HIV अपने साथ कुछ और
वायरस को भी लाता है जिसकी वजह से व्यक्ति के की त्वचा पर दाग, फोड़े और फुंसी
इत्यादि निकलने लगती है. इससे पीड़ित व्यक्तियों की त्वचा सफ़ेद हो जाती है जिनपर
लाल निशान पड़ जाते है, इनको खुजाने या हाथ लगाने से इनमे बहुत दर्द होता है. जब ये
बढ़ता है तो त्वचा में चेचक होने का खतरा बन जाता है.
HIV AIDS के लक्षण, उससे
बचाव के तरीके, उसके फैलने के कारण या इनसे जुडी किसी भी अन्य सहायता के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
प्रतिरक्षा तंत्र पर एचआईवी के प्रभाव |
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Kandhe ke bich se lekar sir picchle hisse me ek hapte se dard ho raha hai
ReplyDeleteएचआईवी पॉजिटिव का शरीर काला क्यों पडने लगता है बताये 8003502007
ReplyDeletemera bhi ho rha h
DeleteMare maal mai pilapan aa raha eska kya matlab hai
ReplyDeleteKya sex ke bad agar har bar wife ko jalan hote rehna. Kya ye HIV ke Lakashan he?
ReplyDeleteWo HIV to nahi lekin koi infection ho sakta hai, ya to doctor se koi medicine len ya fir condom ka prayog karen or unko bolo ki dono time safaai ka poora dhyaan rakhen ....
DeleteHIV symbol ka Matlab kya hota hai. Or ye symbol hamare body me hota hai kya
ReplyDeleteHIV ka symbol hamare body me hota hai kya
ReplyDeleteHiv blood mere hath pr lg ggya kya mujhe hiv ho jayega
ReplyDeleteHiv positive person ko khoon ki kami or gale me khich-khich rahne lagta Hai
ReplyDeleteपहले मेरे हाथ में दाने निकले जिनमें पानी सा था और अब मेरे दौनों पेरो में दाने हुए और अब काले दाग से हो गये हैं खुजली बहुत होती है रात को सो भी नहीं पाता हूँ
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