पोंगल किसानों का त्यौहार
पोंगल दक्षिण भारत के तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश का मुख्य त्यौहार हैं. इसलिए
यहाँ प्रतिवर्ष यह त्यौहार विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता हैं. इसके अलावा भी
अनेक देशों में जैसे – श्रीलंका, मलेशिया, अमेरिका कनाडा तथा सिंगापूर में भी यह
पर्व मनाया जाता हैं. पोंगल जिस दिन उत्तर भारत में मकरसंक्रांति का त्यौहार मनाया
जाता हैं, उसी दिन दक्षिण भारत में यह त्यौहार मनाया जाता हैं. ये दोनों त्यौहार
आमतौर पर 14 या 15 जनवरी को मनाये जाते हैं.
पोंगल शब्द का अर्थ
पोंगल शब्द का अर्थ अच्छी तरह से उबालना होता हैं तथा इस उत्सव का नाम इसलिए
पोंगल रखा गया हैं. क्योंकि इस दिन विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा की जाती हैं
तथा उन्हें जो प्रसाद भोग के रूप में चढ़ाया जाता हैं, वह प्रसाद पोंगल कहलाता
हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT चार दिनों का पर्व पोंगल ...
Pongal Kisanon ka Tyouhar |
सूर्य देवता को समर्पित पोंगल पर्व
पोंगल के पर्व में सूर्य देवता की मुख्य रूप से पूजा की जाती हैं. उन्हें
चावल, दूध घी से बना भोग अर्पित किया जाता हैं तथा अगले वर्ष अच्छी फसल होने की
प्रार्थना की जाती हैं. इस उत्सव पर अच्छी फसल, प्रकाश तथा सुखपूर्ण जीवन प्रदान
करने के लिए इनके प्रति अपना आभार भी प्रकट किया जाता हैं.
पोंगल से नव वर्ष की शुरुआत
दक्षिण भारत के लोग पोंगल का त्यौहार विशेष उत्साह के साथ इसलिए मनाते हैं.
क्योंकि पोंगल के दिन से ही तमिल महीने का पहला महिना शुरू होता हैं तथा जिस
प्रकार उत्तर भारत में नव वर्ष की शुरुआत 1 जनवरी से मानी जाती हैं. उसी प्रकार
दक्षिण भारत में पोंगल के दिन से ही नव वर्ष का आरम्भ माना जाता हैं और उसे अपनी
परम्परा के अनुसार मनाया जाता हैं.
पोंगल चार दिनों का पर्व |
पोंगल कृषि का त्यौहार
पोंगल के त्यौहार के समय तमिलनाडू में गन्ना तथा धान की फसल पककर तैयार हो
जाती हैं. पोंगल किसानों की समृद्धि का त्यौहार माना जाता हैं तथा यह त्यौहार
किसानों द्वारा अच्छी फसल उगने और काटने की ख़ुशी मनाने के लिए ही विशेष रूप से मनाया
जाता हैं. इस दिन बैल जो खेती करने में बहुत ही सहायक होते हैं. उन्हें इस दिन
अच्छी तरह से नहलाया जाता हैं. उनके सींगों पर विभिन्न रंगों का प्रयोग कर
चित्रकारी की जाती हैं. उनकी पूजा की जाती हैं तथा उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराया
जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE FESTIVAL ...
पोंगल किसानों का त्यौहार |
दक्षिण भारत में पोंगल का यह उत्सव लगातार चार दिनों तक चलता हैं तथा इस उत्सव
के इन चार दिनों को चार अलग – अलग नामों से जाना जाता हैं.
1. भोगी पोंगल
2. सूर्य पोंगल
3. मट्टू पोंगल
4. कन्या पोंगल
तमिलनाडू के लोग पोंगल के इस चार दिनों तक चलने
वाले पर्व को क्रमानुसार मनाते हैं तथा इन्हें मनाने के लिए चारों दिन विशेष
तैयारियां करते हैं.
पोंगल किसानों के त्यौहार के बारे में अधिक जानने
के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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