लोहडी खुशियों का त्यौहार
लोहड़ी उत्तर भारत के पंजाब
में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार हैं. लोहडी पंजाब के लोगों का सबसे प्रिय
त्यौहार हैं तथा इस त्यौहार को मनाने के लिए पंजाबियों के द्वारा हर वर्ष विशेष
तैयारियां की जाती हैं. इस वर्ष (2016) यह
त्यौहार सर्द ऋतु के माघ (जनवरी) महीने की 14 तारीख को मानाया जाएगा. इस त्यौहार
को सामूहिक रूप से लकड़ियों को जलाकर मनाया जाता हैं. इस त्यौहार का अपना एक अलग ही
महत्व हैं.
जैसे - इस दिन एक साल तक अपने –
अपने काम में व्यस्त लोग समय निकालकर त्यौहार मनाने के लिए इकट्ठे होते हैं और एक
- दुसरे से मिलते हैं.
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Lohadi Khushiyon ka Tyouhar |
लोहडी शब्द का अर्थ – लोहडी शब्द “लोही” से बना हैं जिसका अर्थ फसलों का फूटना
तथा बारिश होना माना जाता हैं. लोहड़ी शब्द के लिए पहले तिलोड़ी शब्द का प्रयोग किया
जाता था. यह शब्द “तिल” तथा “रोडी” (गुड़ की रोड़ी) से मिलकर बना हैं. लेकिन बदलते
समय के साथ अब तिलोडी शब्द के स्थान पर लोहड़ी शब्द का प्रयोग किया जाता हैं.
लोहड़ी का त्यौहार कैसे
मनाया जाता हैं
लोहडी को पंजाब के किसान
तथा सामान्य व्यक्ति फसल कटने की ख़ुशी में विशेष उत्साह के साथ मनाते हैं. इस
त्यौहार को मनाने के लिए शाम को विशेष आयोजन किया जाता हैं.
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लोहड़ी खुशियों का त्यौहार |
इस दिन बच्चे जल्दी उठकर
अपने आस – पडोस के घरों में जाते हैं और “ सुन्दर मुन्द्रियाई तेरा कौन विचारा ”
लोहड़ी का प्रसिद्ध गीत गाते हुए अपने बड़ों से आशीर्वाद तथा कुछ पैसे लेते हैं.
लौहरी का त्यौहार मनाने के
लिए कुछ लकड़ियों को इकठ्ठा किया जाता हैं तथा उन्हें जलाया जाता हैं. यह त्यौहार
पंजाब के लोग अपने सगे – सम्बन्धियों को, अपने मित्रों को तथा आस – पास के लोगों
को बुलाकर सामूहिक रूप से मनाते हैं.
इस दिन लकड़ियों को जलाने के
बाद सभी लोग इसके चोरों ओर घूम – घूम कर चक्कर लगाते हैं और इसमें मक्के की खिल,
तिल की रेवड़ी तथा चिडवा डालते हैं, गीत गाते हैं, पंजाब का प्रसिद्ध नृत्य गिद्दा –
भांगड़ा करते हैं और ख़ुशी से इस त्यौहार को मनाते हैं. इस विशेष अवसर पर सभी एक साथ
बैठ कर गजक, रेवड़ी, मूंगफली, मकके की खिल खाते हैं तथा अंत में एक - दुसरे को गले
मिलकर बधाईयाँ देते हैं.
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Lohri Festival of Happiness |
इस त्यौहार को जिन लोगों के
घर पुत्र ने जन्म लिया हो या जिन व्यक्तियों के घर नई शादी हुई हो, उन घरों में इस
विशेष अवसर पर कुछ विशेष तैयारियां की जाती हैं तथा ऐसे घरों में लोहड़ी का त्यौहार
विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता हैं. ऐसे मौके पर सभी को मिठाई खिलाई जाती हैं तथा
सभी बच्चे को तथा नव विवाहित जोड़े को अपनी शुभकामनायें तथा आशीर्वाद देते हैं. इस
दिन जिन घरों में बेटियों की शादी की जाती हैं. वहाँ पर मिठाई, मूंगफली, रेवड़ी,
मक्के की खिल, गजक आदि वस्तुएं भी भेजी जाती हैं.
लोहड़ी से कुछ ऐतिहासिक
कथाएँ जुडी हुई हैं. इन कथाओं को लोहड़ी मनाने का विशेष कारण माना जाता हैं.
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Happy Lohadi |
1.
जैसे – कुछ लोगों का मानना
हैं कि संत कबीर की पत्नी का नाम लोई था. इस त्यौहार को इनकी याद में ही मनाया
जाता हैं तथा इसलिए इस त्यौहार का नाम लोहड़ी रखा गया हैं.
2.
कुछ लोग इस त्यौहार को
मनाने के लिए सुन्दरी और मुंदरी नाम की दो कन्याओं की कहानी को इस त्यौहार का आधार
मानते हैं.
कहानी - प्राचीन समय में सुन्दरी और मुंदरी नाम की दो अनाथ लडकियां
थी. ये दोनों अपने चाचा के साथ रहती हैं. इन लड़कियों का चाचा इनका विवाह न करके
किसी राजा को इन्हें उपहार के रूप में भेंट करना चाहता था. उस समय में एक दुल्ला
भट्टी नाम का एक डाकू भी था. जिसने इन दोनों लड़कियों को चाचा के द्वारा राजा को
भेंट के रूप में नहीं देने दिया. इस दुल्ले भट्टी ने इन दोनों की सहायता की तथा इन
दोनों की शादी जंगल में दो अच्छे घरों के लड़कों से कर दी तथा उन्हें दान में एक
सेर शक्कर दे कर उन्हें विदा कर दिया.
कुछ लोगों का मानना हैं कि
इस दिन के बाद से ही लोहड़ी का त्यौहार मनाने की शुरुआत हुई तथा पंजाब के लोगों के
द्वारा यह त्यौहार धूम – धाम से मनाया जाने लगा.
लोहड़ी
खुशियों के त्यौहार के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते है.
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Lohri Image
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