बेर के औषधिय प्रयोग (Medicine
uses of Jujube)
1.
बालतोड़ – यदि किसी व्यक्ति को बालतोड़ के कारण छोटी – छोटी फुंसी हो
गई हो तो उसके लिए बेर के पत्ते बहुत ही लाभकारी होते हैं. बालतोड़ के करण होने
वाली फुंसियों को ठीक करने के लिए बेर के कुछ पत्ते ले और उन्हें अच्छी तरह से पीस
लें. पत्तों को पिसने के बाद इसे बालतोड़ वाले स्थान पर लेप की तरह लगा ले. इस लेप
को लगाने से बालतोड़ जल्दी ठीक हो जाता हैं.
2.
स्वरभंग – यदि किसी ठंडी चीज का सेवन करने के कारण आपका गला खराब हो
गया हैं. जिसके कारण आपकी आवाज भी खराब हो गई हैं. तो स्वरभंग की इस समस्या से
निजात पाने के लिए आप बेर के पेड़ की जड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए बेर के
पेड़ की जड लें और उसे अच्छी तरह से धो लें. अब इस जड को कुछ समय तक अपने मुंह में
रखकर चूसें तथा इसके बाद कुछ बेर के पत्तों को ले और उन्हें सेंक लें. अब इस पत्ते
पर थोडा सेंधा नमक छिड़क कर खा लें. इस उपाय को करने से आपका गला कुछ दिनों के अंदर
ही ठीक हो जाएगा तथा आपकी आवाज भी ठीक हो जायेगी.
3.
मूत्रकृच्छ – अगर कोई व्यक्ति मूत्रकृच्छ की बिमारी से पीड़ित हैं तो
उसे बेर की कोपल का प्रयोग करना चाहिए. मूत्रकृच्छ की इस बिमारी से राहत पाने के
लिए बेर की कोपल का तथा जीरे का सेवन एक साथ करें. इस उपाय को करने से आपको इस रोग
से जल्द ही मुक्ति मिल जाएगी.
4.
तलुवों में जलन – यदि किसी व्यक्ति के तलुवों में निरंतर दर्द तथा जलन हो
रही हैं तो इस परेशानी से निजात पाने के लिए बेर की 40 ग्राम पत्ती लें, सफेद
इलायची लें, 20 ग्राम मिश्री के दाने लें. पैर के तलवों की जलन से राहत पाने के
लिए आप इन सभी को मिलाकर पीस लें. अब इस लेप को अपने पैर के तलवों पर लगा लें. इस
लेप को लगाने से आपके पैर की जलन कुछ ही समय में खत्म हो जायेगी. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेर के आयुर्वेदिक प्रयोग ...
Ber ke Aushdhiya Pryog |
5.
अंडकोष की सूजन – यदि किसी महिला के अंडकोष में सूजन आ गई हैं. तो अंडकोष
की सूजन को दूर करने के लिए बेर के पेड़ की छाल लें और उसे पीसकर अपने पेट की नाभि
पर लगा ले. इस लेप को लगाने से जल्द ही अंडकोष की सूजन ठीक हो जायेगी.
6.
भस्मक रोग – भस्मक रोग से मुक्ति पाने के लिए बेर की मींगी या बेर के
पेड़ की छाल लें. अब इसे एक बर्तन में पानी डालकर रात भर भिगो दें. अगली सुबह उठकर
इसे पानी के साथ पीसकर इसका सेवन करें. इस उपाय को करने से आपको जल्द ही इस समस्या
से मुक्ति मिल जायेगी.
7.
मूत्रावरोध – मूत्रावरोध की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेर के
पत्तों को पीसने के बाद इसका लेप पेडू पर करें. इस उपाय को करने से मूत्रावरोध की
समस्या से आपको निजात मिल जायेगा.
8.
वमन – यदि किसी व्यक्ति को वमन विकार उत्पन्न होने की शिकायत हैं
तो उसके लिए बेर का फल बहुत ही लाभकारी हैं. इसके लिए बेर की मींगी लें, छोटी
इलायची लें, सफेद चन्दन लें तथा धान की खिल लें. अब इन सभी चीजों की एक समान
मात्रा लेकर इन्हें एक साथ मिला लें. अब
इस में एक चम्मच शहद डालें और इस मिश्रण का सेवन करें. इस मिश्रण का सेवन प्रतिदिन
करने से कुछ ही दिनों में आपको वमन विकार की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.
वमन विकार को नष्ट कारने के लिए आप बेर के रस का
काढ़े के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं. इस काढ़े को बनाने के लिए बेर के गुठली की
मींगी लें, बड के अंकुर लें, मधुरयष्टि का काढ़ा ले, एक चम्मच शहद ले और थोड़ी चीनी
लें. अब इन सभी को एक साथ मिला लें और इस काढ़े का सेवन करें. इस काढ़े का सेवन करने
से जल्द ही यह बिमारी ठीक हो जाती हैं.
9.
पेचिस – पेचिस की बीमारी को दूर करने के लिए बेर के सत्तू का
सेवन करन बहुत ही फायदेमंद होता हैं. बेर के सत्तू का सेवन करने से पेट के दस्त
बंद हो जाते हैं तथा पेचिस रोग से भी छुटकारा मिल जाता हैं.
10.
खांसी – यदि आपको पुरानी ख़ासी की शिकायत हैं तो इस रोग को दूर
करने के लिए आप बेर के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए बेर की कुछ
पत्तियां लें और उसे घी में भून लें. अब इन पत्तियों में थोडा सेंधा नमक मिला लें
और इसका सेवन करें. घी में भूनी हुई पत्तियों का सेवन करने से पुरानी ख़ासी तथा
स्वरभंग का रोग शीघ्र ही दूर हो जाता हैं.
11.
भूख खुलना – अगर किसी व्यक्ति को हमेशा अपना पेट भरा – भरा लगता हैं
और इसके साथ ही भूख भी कम लगती हैं. तो इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए भी आप बेर
का प्रयोग कर सकते हैं. भूख बढ़ाने के लिए सुबह नाश्ता न करके 50 से 100 ग्राम
पेबन्दी बेर का सेवन प्रतिदिन करें. रोजाना सुबह खाली पेट बेर को खाने से आपकी भूख
खुल जायेगी तथा पेट में यदि गैस हो रही हो तो वह भी ठीक हो जायेगी.
12.
दस्त – यदि आपको लगातार दस्त लग रहें हैं. जिसके कारण आप में
शारीरिक दुर्बलता भी आ गई हैं तो इस बिमारी से राहत पाने के लिए 10 – 15 बेर ले और
उसे खूब चबा – चबा कर खाएं. बेर का सेवन करने से दस्त के साथ – साथ पेचिस के रोग
से भी आपको मुक्ति मिल जाएगी. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT इमली के औषधीय फायदे ...
बेर के औषधिय प्रयोग |
13.
मोटापा तथा ब्लडप्रेशर – अगर कोई व्यक्ति लगातार बढ़ते हुए वजन से परेशान हैं और
मोटापे के ही कारण उसका ब्लडप्रेशर कभी कम हो जाता हैं. तो कभी ज्यादा हो जाता
हैं. तो इस बिमारी से बचने के लिए व्यक्ति को बेर का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए.
यदि व्यक्ति दिन में एक बार भोजन खा कर बेर खाए. तो उसे इन दोनों ही बिमारियों की
शिकायत दुबारा कभी नहीं होगी.
14.
पेट के कीड़े – पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए बेर बहुत ही फायदेमंद
होते हैं. पेट के कीड़ों से राहत पाने के लिए सुबह खाली पेट नाश्ते की जगह पर
रोजाना 100 ग्राम बेर खाएं. रोजाना सुबह बेर को चबा –चबाकर कर खाने से पेट के कीड़े
खत्म हो जाते हैं.
15.
बालों की मजबूती – बालों की मजबूती के लिए बेर बहुत ही उपयोगी फल हैं. बेर
को खाने से बालों को पौष्टिकता मिलती हैं और बाल मजबूत तथा लम्बे हो जाते हैं.
बालों को मजबूत करने के लिए आप बेर की पत्तियों का भी प्रयोग कर सकते हैं. बेर की
पत्तियों का इस्तेमाल करने के लिए कुछ पत्तियां ले और उसे पानी में उबाल लें. अब
इन पत्तियों को पानी में से छान कर अलग कर दें और इस पानी से अपने बाल धो लें.
हफ्ते में एक बार बेर की पत्तियों के पानी से बाल धोने से बाल मजबूत, लम्बे व घने
होते हैं.
16.
शरीर की जलन - शरीर की जलन को कम करने के लिए भी आप बेर के पत्तों का
उपयोग कर सकते हैं. शरीर की जलन को शांत करने के लिए बेर के पत्ते लें और उन्हें
खूब अच्छी तरह से पीस लें. अब बेर के पत्तों के इस लेप को अपने शरीर के जिस भाग
में जलन हो रही हैं उस पर लगा लें. इस लेप का प्रयोग करने से आपको शीघ्र ही इस जलन
से छुटकारा मिल जाएगा.
17.
आँख से पानी गिरना – यदि किसी व्यक्ति के आँखों से लगातार पानी गिरता हैं तो
वह आँखों से पानी गिरने की इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए बेर की गुठली का
इस्तेमाल कर सकता हैं. इसके लिए बेर की कुछ गुठलियों को इकठ्ठा कर के पीस लें और
उसे अपनी आँखों में काजल की भांति लगायें. बेर की गुठलियों को घिसकर आँखों में
लगाने से कुछ ही दिनों में आपकी आँखों से पानी गिरना बंद हो जाएगा.
18.
नेत्र रोग – यदि आपकी आँखों में दर्द होता हैं, जलन होती हैं. तो आप
इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बेर के गूदे का प्रयोग कर सकते हैं.
प्रतिदिन बेर के गुदे को काजल की तरह आँखों में लगाने से आँखों से सम्बन्धित ये
सभी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं.
19.
कंठ सर्प – यदि कोई व्यक्ति कंठ सर्प के रोग से पीड़ित हैं तो वह इस
बिमारी से मुक्ति पाने के लिए जंगली बेर के पेड़ की छाल का उपयोग कर सकता हैं.
जंगली पेड़ की छाल को पानी में घिसकर प्रतिदिन पीने से जल्द ही इन रोगों से निजात
मिल जाता हैं.
20.
शीतलता – यदि किसी व्यक्ति पर ठंड का ज्यादा प्रभाव पड़ता हैं.
जिसके कारण सर्दी के दिनों में उसकी तबियत हमेशा खराब रहती हैं. तो वह ठंड के
प्रभाव से बचने के लिए बेर के पत्तों के रस का प्रयोग कर सकता हैं. बेर के पत्तों
का रस दूध में मिलाकर रोजाना पीने से ठंड का प्रभाव व्यक्ति के शरीर पर कम पड़ता
हैं.
Medicine Use of Jujube |
21.
रक्तातिसार – इस रोग को दूर करने के लिए भी आप बेर के पेड़ की जड का
प्रयोग कर सकते हैं. इस रोग से निजात पाने के लिए बेर की जड लें और सरसों का तेल
लें. अब इन दोनों को गाय या बकरी के दूध में मिला लें. अब इस दूध का सेवन करें. इस
दूध का सेवन प्रतिदिन करने से आपको जल्द ही इस बिमारी से छुटकारा मिल जाएगा.
22.
बिच्छुदंश – यदि आपको किसी जहरीले बिच्छू ने काट लिया हो तो बिच्छु के
जहर के प्रभाव से बचने के लिए भी आप बेर के पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं. बिच्छु
के जहर के प्रभाव से बचने के लिए बेर के पत्ते लें और गूलर के पेड़ के पत्ते लें.
अब इन दोनों को अच्छी तरह से पीस लें. अब इस लेप को बिच्छुदंश से प्रभावित स्थान
पर लगाकर कपडे से बांध दें. बेर के तथा गूलर के पेड़ की पत्तियों को पीसकर लगाने से
कुछ ही समय में बिच्छु के जहर का असर खत्म हो जाता हैं.
23.
विस्फोटक – विस्फोटक की बिमारी से बचने के लिए बेर के पेड़ की छाल
बहुत ही उपयोगी होती हैं. बेर की छाल को पीसकर लेप करने से यह बिमारी जल्द ही ठीक
हो जाती हैं.
24.
छाती का दर्द, रक्तक्षय तथा
क्षयरोग – इन तीनों रोगों से मुक्ति पाने के लिए बेर के
पेड़ की छाल बहुत ही लाभकारी सिद्ध होती हैं. इन तीनों रोगों से मुक्ति पाने के लिए
10 ग्राम बेर के पेड़ की छाल लें या पीपल के पेड़ की छाल लें. अब इन दोनों में से
किसी भी एक को पानी में कुछ समय तक भिगोने के बाद अच्छी तरह से पीस लें. अब एक
गिलास कद्दू का रस लें और इसमें इस लेप को मिलाकर पी लें. इस रस का सेवन कुछ दिनों
तक लगातार करने से आपको इन तीनों रोगों से शीघ्र ही मुक्ति मिल जायेगी.
25.
ज्वर दाह – इस रोग से निजात पाने के लिए भी आप बेर के पत्तों का
इस्तेमाल कर सकते हैं. ज्वर दाह के रोग से मुक्ति पाने के लिए बेर के पत्तों को
खूब अच्छी तरह से पी लें और इसका इस्तेमाल लेप के रूप में करें.
ज्वर दाह की समस्या से मुक्ति पाने के लिए आप एक और उपाय को
आजमा सकते हैं. इस उपाय को करने के लिए छोटे – छोटे लाल बेर लें और उसे धोकर कूट
लें. अब एक बर्तन में 1 लीटर पानी डालें और उसमें इसे डाल कर मिला दें. कुछ देर तक
पानी को उबालने के पश्चात् इसे उतार कर ठंडा कर ले और इसमें चीनी मिला दें. बेर के
इस काढ़े का सेवन करने आपको ज्वर दाह की इस बीमारी से जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा.
बेर के अन्य औषधिय उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
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बेर से देशी घरेलू ईलाज |
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- रविदास जयंती मुबारक हो
क्या इसके पत्तों के लेप से हेर्पस जोस्टर ठीक होता है कृपया जल्द बताए मेरे पिता बहुत तकलीफ में है
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