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Happy Dussehra Vijyadashami ki Shubhkamnayen | दशहरा विजयादशमी की शुभकामनाएं | Happy Dashahra Festival

दशहरा (Dussehra Festival)
दशहरा असत्य पर सत्य के जीत के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं. इस दिन को भगवान राम के द्वारा रावण का वध किये जाने की ख़ुशी में मनाया जाता हैं. यह पर्व विजयादशमी के रूप में प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु के समाप्त होने पर अर्थात अश्र्विनी शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि को मनाया जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT भाई दूज का महत्तव और पूजन विधि ...
Happy Dashahra Festival
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दशहरा का इतिहास (History of Dussehra)
दशहरे की कहानी हम सभी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं तथा इस कहानी को हमने रामलीला के जरिए प्रत्यक्ष देखा भी हैं. राम अयोध्या नरेश दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र थे. इनकी तीन माताएं तथा तीन भाई थे. इनकी तीनों माताओं में से एक माता का नाम केकई था. जिन्होंने राजा दशरथ से राम को चौदह वर्ष के लिए वनवास के लिए भेजने का वचन माँगा था. अपने पिता के द्वारा दिए गये वचन को ही पूरा करने के लिए राम अपनी पत्नी सीता और अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए चले गये. वन में वास करते समय ही एक दिन रावण अपना भेस बदलकर एक साधु के भेस में सीता से भिक्षा लेने आया. भिक्षा के बहाने से ही रावण ने सीता का अपहरण कर लिया और उन्हें अपने साथ लंका ले गया. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT गोवर्धन पूजा ...
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राम ने सीता माता को रावण की कैद से मुक्त करने के लिए युद्ध की तैयारी की और युद्ध में विजय हासिल करने के लिए दशहरे से नौ दिन पहले दुर्गा माता की उपासना कर दुर्गा माता का आशीर्वाद प्राप्त किया और दसवें दिन रावण का वध कर सीता को रावण की कैद से छुड़ा लिया.
जिस दिन राम जी ने रावण का वध किया था. उस दिन दशमी तिथि थी. इसलिए उस दिन के बाद से ही प्रति वर्ष यह त्यौहार रावण दहन के रूप में विजयादशमी के दिन मनाया जाता हैं.

दशहरे पर नवरात्रे की समाप्ति (Dussehra the End of Navratre)
दशहरे के नौ दिन पहले सम्पूर्ण भारत में शक्ति की देवी माँ दुर्गा के नवरात्रे की पूजा आरम्भ हो जाती हैं. पश्चिम बंगाल के लोग नवरात्रे के इन पवित्र दिनों में माँ दुर्गा के अलग – अलग रूपों की उपासना पूरे दस दिनों तक करते हैं तथा पूरे दस दिनों तक व्रत भी रखते हैं. ऐसा माना जाता हैं कि माँ दुर्गा ने नवरात्रे के दसवें दिन ही दुर्गा माँ ने दैत्य महिषासुर का वध कर देवताओं को इनके अत्याचारों से मुक्त कराया था तथा नवरात्रों के पूरे नौ दिनों तक रामजी ने रावण से युद्ध जितने के लिए शक्ति का रूप माँ दुर्गा की उपासना की थी और उनके वरदान की प्राप्ति के कारण ही राम जी रावण का वध करने में सफल हुए थे. इसलिए भारत में तथा पश्चिम बंगाल में नवरात्रे के दस दिनों तक दुर्गा देवी की पूजा की जाती है तथा दुर्गा पूजा की समाप्ति के दसवें दिन माँ दुर्गा की मूर्ति को धूमधाम से नाचते – गाते हुए पवित्र गंगा नदि में विसर्जित कर दिया जाता हैं.
Happy Dussehra Vijyadashami ki Shubhkamnayen
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दशहरे का उत्सव कैसे मनाया जाता हैं (How to Celebrate Dussehra Festival)
दशहरे का पर्व सम्पूर्ण भारत में बहुत ही उत्साह से मनाया जाता हैं. दशहरे से नौ दिन पहले पूरे भारत में रामलीला का आयोजन किया जाता हैं. जिसमें राम जी के वनवास की पूरी कथा कुछ कलाकार अपने अभिनय से प्रस्तुत करते हैं. पूरे भारत में रामलीला का यह कार्यकर्म पूरे दस दिनों तक चलता हैं. रामलीला के दसवें दिन अर्थात विजयादशमी को खुले मैदानों में रावण तथा रावण के दोनों भाई मेघनाथ तथा कुम्भकरण के विशाल पुतले खड़े किये जाते हैं और राम के द्वारा धनुष के तीर से इन पुतलों को जलाया जाता हैं तथा इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता हैं. दशहरे के इस महोत्सव को देखने के लिए इस दिन रामलीला के मैदानों में अधिक से अधिक संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं. रामलीला मैदानों में पुतलों के जलने के बाद भगवान राम के नाम की जयजयकार होती हैं और इस महोत्सव के दसवें दिन रामलीला के भव्य कार्यकर्म की सभी स्थानों पर समाप्ति हो जाती हैं.

दशहरा, दिवाली, गोवर्धन आदि के त्यौहारों के बारे में जानने के लिए आप नीचे केमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं. 
दशहरा विजयादशमी की शुभकामनाएं
दशहरा विजयादशमी की शुभकामनाएं 



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