इस कथन की जो लाइन है वो अपने आप को स्वयम ही समझा रही है. अब आपको ऐसा लगता होगा केवल अलंकार के लिए ऐसा बोला जाता है वर्ना कहाँ चिड़िया बाज का सामना कर सकती है, या फिर कुछ ऐसे भी सोच सकते है की राम जी अगर चाहे तो क्या नहीं हो सकता, बस उनके तो इच्छा मात्र पर सब निर्भर है. लेकिन सच बात आपको मैं इस सच्ची घटना से समझा रहा हूँ ध्यान से सुनिए पढ़िए और समझिये.
कहने का मतलब है की अगर चिड़िया और बाज की लड़ाई हो जाए तो कौन जीतेगा???
मैं खाना खाकर कुछ देर छत पर जरूर टहलने जाता हूँ. प्रतिदिन की तरह उस दिन खाना खाया और छत पर चला गया. हमारा घर शहर से थोडा बहार की तरफ है. एक तरफ आबादी है दूसरी तरफ तो अभी बस खेत ही है, इसीलिए उनकी हरियाली देखते देखते घुमने टहलने में काफी आनंद आता है.
बाज का आक्रमण - वैसे तो चिडया हमेशा झुण्ड में ही दिखाई दे गी आपको लेकिन एक चिड़िया शयद बिछड़ गयी थी या कुछ और कारन था आज अकेली मस्ती कर रही थी इस घर से उस घर और इधर उधर. कभी वो खेतों की तरफ और कभी घरों की तरफ. मेरा सारा ध्यान चिड़िया की अठखेलियों की तरफ ही था और पता ही नहीं लगा कब एक बाज उसकी तरफ बढ़ता चला आया.
घर में घुस कर बच गयी – बाज ने काफी तेजी से उसका पीछा किया और चिड़िया को पकड़ने की कौसिस की क्योंकि आबादी वाला एरिया था इसीलिए कुछ देर चिड़िया इधर उधर होकर एक घर में घुस गयी और बाज को भूखे ही हट जाना पड़ा और लौट गया. बाज कहाँ गायब हुआ ??? मुझे तो दिखाई दिया नहीं और शायद चिड़िया को भी नहीं पता था.
बाज का दोबारा आक्रमण – 15 – 20 मिनट्स तक घुमती घामती चिड़ियाँ अब खेतो की तरफ निकल आई थी और वहां खेल रही थी और अपना भोजन खोज कर खा रही थी. दूर दूर तक आसमान साफ़ था और बड़ा ही सुन्दर हरा भरा द्रश्य था. तभी जब मेरा ध्यान दूर एक पक्षी पर गया तो देखा वो बहुत ही स्पीड के साथ चिड़िया की तरफ बढ़ रहा था. मैंने सोचा एक कंकड़ चिड़िया की तरफ उछाल कर उसको सावधान कर दू लेकिन चिड़िया मुझसे ज्यादा चौक्क्नी थी, वो पहले ही गाँव की तरफ भाग ली. लेकिन दुर्भाग्य वश बाज की स्पीड इतनी ज्यादा थी की गाँव तक पहुचते पहुचते बाज ने चिडीया को अपने पंजों में जकड लिया. बाज की स्पीड ही बहुत ज्यादा थी की चिड़िया को संभलने का और ठीक से भागने मौका ही नहीं मिला.
क्या हुआ चिड़िया का या बाज का ? – क्योंकि चिड़िया को बाज ने अपने मजबूत पंजो में जकड लिया था तो कोई चांस ही नहीं बंता की अब चिड़िया को कोई बचा सके, मैं चिल्ला रहा था की शोर सुनकर बाज हडबडा जाए और चिड़िया छुट जाए, और आप भी यही सोच रहे होंगे की अब चिड़िया की क्या मजाल जो बाज से बच सके, लेकिन वास्ताव में हुआ क्या ध्यान से सुनिए.
जैसा की आपको बताया की बाज की स्पीड बहुत ज्यादा थी और वो इतनी ज्यादा थी की बाज इससे पहले की अपनी स्पीड कण्ट्रोल करके अपने आपको बचा पाता, वो एक बहुत ही जोर की आवाज के साथ सामने वाली दिवार से टकरा गया. दिवार से टक्कर इतनी जबर दस्त थी की एक तेज आवाज ने सबको अपनी तरफ आकर्षित किया. परिणाम बाज निचे गिरा लेकिन चिड़िया छुट गयी और फुर्र हो गयी लेकिन कुछ सेकंड्स में बाज तड़प तड़प कर मर गया.
चिड़िया से मैं बाज लडाऊं, गीदड़ को मैं शेर बनाऊं !
सवा लाख से एक लडाऊं तभी तो गोबिंद सिंह नाम कहाऊं !!
Chidiya se main Baaj Ladaaun, Gidad ko main Sher Banaaun!
Sawa Lakh se Ek Ladaaun Tabhi to Gobind Singh Naam Kahaaon !!
ये पंक्तियाँ सिख समुदाय के दसवें गुरु – गुरु गोबिंद सिंह जी की है. हमारी सनातन संस्कृति में गुरु महिमा बहुत पुरानी है. सनातन संस्कृति में से गुरु परम्परा से ऐसे ऐसे भगत और महावीर निकले है जिनकी तुलना स्वयं इश्वर से की जाती है. जैसे सनातन संस्कृति में सद्गुरु देव नानक जी हुए, गुरु गोरखनाथ जी और भी बहुत सारे.
चिडिया ने बाज को हरा दिया – Chidiya se Baaj Haar Gaya – Sparrow Defeat Hawk
- सिया ब्यूटी एंड स्पा सैलून मेकओवर रोहतक हरयाणा में
- Omegle ठरकी और गन्दी लडकियों से बात करने का ऑनलाइन अड्डा
No comments:
Post a Comment