Law and order for Live in Relationship and Adultery for Married |
वास्तव में तो लिव इन और अडल्टरी दोनों में क्या फर्क है पहले वो समझ लेते है.
लिव इन रिलेशनशिप (Live इन Relationship)- जैसे आपकी शादी हो चुकी है. और आपकी पत्नी आपको छोड़ चुकी है या मर चुकी या कोई भी कारन हो, मुख्यत आप अब कानूनी तौर पर अकेले हो तब अगर आप किसी लड़की / लड़के के साथ रहते है तब ये रिश्ता लिव इन रिलेशनशिप कहलायेगा. या फिर आपकी शादी नहीं हुई है तो आप लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते है.
अडल्टरी (Adultery) – लिव इन रिलेशनशिप से बिल्कुल उल्टा यानी अगर आप शादीशुदा है और पत्नी आपके साथ ही है या साथ नहीं है लेकिन कानूनी तौर पर पति पत्नी अलग नहीं हुए है ओर् पति या पत्नी अगर गैर मर्द या गैर औरत से संबंद बना ता है उसके साथ रहता है Adultery कहलाता है. हिंदी में व्यभिचार बोल सकते है इसे.
लिव इन रिलेशनशिप और अडल्टरी विवाहितो के लिए कानून
लिव इन रिलेशनशिप के लिए कानून :
1. आयु (Age) – लिव इन में रहने के लिए सबसे पहले लड़के और लड़की की आयु भारत सरकार द्वारा निर्धारित आयु अब 21 साल कर दी है. इस से निचे की आयु के बच्चे न तो शादी कर सकते है और न ही लिव इन में रहने के लिए कानूनी तौर पर वैलिड प्रमाणित है.
2. अकेला लड़का या लड़की – अगर आप कुंवारे है या आपकी पत्नी या पति मर चुके है या फिर तलाक लिया जा चूका है केवल तभी आप लिव इन में रहने के लिए कानूनी तौर पर यौग्य है अन्यथा नहीं.
3. प्रभाव (Effect) – लिव इन में रहने के कारन अगर बच्चा हो जाए तो उसके लालन पालन के लिए वो लड़का ही जिम्मेदार होगा, या फिर किसी तरह का लड़की से झगडा हो जाए तो भी वो आप पर केस कर सकती है या वो मर जाए तो सारी परेशानी आपके गले ही पड़ेगी. यानी हर तरह से लड़का ही जिम्मेदार होगा उसके लिए. हाँ अगर पहले से कोई affidevite वैगेरह पर हस्ताक्षर ले रखे है लड़की के तो बात अलग है फिर उसके अनुसार कार्यवाही होगी.
4. सरकारी नौकरी – अगर आप किसी सरकारी महकमे में काम करते है तो आपको उनके रूल और रेगुलेशन भी फॉलो करने होंगे. क्योंकि उनके अपने कानून होते है जिनके जरिये वो आपको नुक्सान पहुचा सकते है. इसीलए इस बात का विशेस ध्यान रखे.
5. आपकी पत्नी के व्यवहार का ज्ञान आपकी पार्टनर को होंना अनिवार्य है: अगर आप लिव इन में रहने का प्लान बना चुके है तो आपके लिए जरूरी है की आपको आपनि पत्नी के बारे में मतलब उसके व्यवहार के बारे में अपनी पार्टनर को जरूर बताएं क्योंकि आप उसके साथ लिव इन में रह रहे है और उसका कारन आपकी पत्नी ही है इसीलिए ये उसको इन्फॉर्म करना जरूरी है चाहे तो सब बाते लिख कर उसके सिग्नेचर ले लो बेस्ट रहेग.
6. लीगल अग्ग्रेमेंट (Legal Aggrement) – बल्कि बेस्ट तो ये रहेगा की आप उस लड़की से लीगल अग्रेमेंट पर सिग्नेचर ले लें, और उससे लिखवा लें की वो पूर्ण रूप से सहमत है आपके साथ लिव इन के लिए और तो और सारी कंडीशन भी अग्ग्रेमेंट में ही क्लियर कर दो. इसीलिए लीगल अग्रीमेंट लिव इन के लिए अनिवार्य है आपके बचाव के लिए.
7. लिव इन पार्टनर के साथ भूलकर भी शादी न करें नहीं तो आप अपराध मामले में शामिल हो जायेंगे.
अडल्ट्री (Adultery) के लिए लॉ एंड आर्डर –
आयु (Age) – आयु का हिसाब बिलकूल सेम है 21 साल होनी चाहिए.
लेकिन इसमें लड़के या लड़की अकेली होने की जरूरत नहीं अगर लड़का पत्नी के होते हुए भी किसी और लड़की के साथ रहता है तो वो अडल्ट्री ही कहलायेगा. क्योंकि कुछ लोग मानते है की पत्नी के होते हुए भी अगर वो किसी और के साथ रह रहे है तो वो लिव इन है, लेकिन ये बिलकूल गलत है. पत्नी या पति के होते हुए अगर आप किसी और के साथ रह रहे है तो वो अडल्ट्री के अंदर आता है.
लॉ और आर्डर में या कानून में ये किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता आज की तारीख में लेकिन अगर आप अडल्ट्री में रह रहे है तो आपकी पत्नी या पति इस को बेस बनाकर आपके ऊपर मुकुद्द्मा बनाकर तलाक ले सकती है.
मुख्य और जरूरी बातें आपको बता दी गयी है बाकी फिर भी अगर कुछ पूछना है या कोई डाउट है तो कमेंट करके आप पूछ सकते है – धन्यवाद
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