विज्ञानिक भी सिद्ध कर चुके है की हिन्दू वेद पुराण और शास्त्र पूर्ण रूप से विज्ञानिक है. यानी एक छोटा सा कर्म ही जो हमारे शास्त्रों में दिया गया है उसका भी विज्ञानिक सिद्ध पहलु होता है. हमारे शास्त्रों में ही दिया गया है की सावन के महीने में पति पत्नी को भी शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए नहीं तो उनको काफी हानि उठानी पड़ती है. बाकी व्यभिचार जैसे परस्त्री या परपुरुष से सेक्स की बात ही दूर है. इसके अलावा सभी आमजन को हमेशा के लिए दिन में तो कभी सम्बन्ध बनाने ही नहीं चाहिए.
सावन के महीने में महाविष्णु योग निद्रा में होते है. लेकिन महाशिव भोलेनाथ अपनी प्रलयंकारी चेतना में स्थित होते है. और केवल इसीलिए ये सावन का महिना भोने नाथ जी के लिए अति प्रिय है.
Shavan Mahine me Pati Patni bhi na Banaye Samabandh
सावन के महीने में पति पत्नी के सम्बन्ध का दुष्परिनाम इस प्रकार है:
1. साधना का सत्यानाश: साधक इस महीने में विशेष ध्यान रखते है की वो अपने विचार शुद्ध रखे. ताकि काम के अधीन होकर वो अपनी साधना अनुष्ठान का नुक्सान न कर लें. क्योंकि अगर इस महीने में सम्बन्ध बनाये तो साधना का सत्यानाश निश्चित है.
2. नजरें कमजोर: इस महीने में सम्बन्ध बनाने पर आँखों की ज्योति कम हो जाती है और जल्दी चश्मे चढ़ जाते है.
3. मानसिक कमजोरी : इस महीने में सम्भोग करने पर मानसिक कमजोरी जरूर आती है.
4. पुण्य नाश: जो भी अपने पुण्य किये होते है वो अगर इस महीने में सेक्स किया जाए तो जरूर आपके पुन्य नाश होंगे.
सिलिये सबको सलाह दी जाती है जो साधक है उनको भी और जो साधक नहीं है वो भी केवल इस महीने में समबन्ध न बनायें और प्रतिदिन भोजन से पहले खाली पेट नाहा धोकर भोले नाथ जी पर जल चढ़ाएं ताकि उनका पूर्ण रूप से विकास हो सके.
जय महाकाल – जय भोलेनाथ – ॐ नमः शिवाय
सावन के महीने में पति पत्नी भी न बनाये सम्बन्ध
Shavan Mahine me Pati Patni bhi na Banaye Samabandh – सावन के महीने में पति पत्नी भी न बनाये सम्बन्ध
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