1. कुछ बच्चे बिस्तर में ही पेशाब
कर देते हैं. बिस्तर में पेशाब करन भी एक तरह की बिमारी होती हैं. ऐसे में भी
आंवला बहुत ही लाभदायक होता हैं. इसके लिए एक आंवला लें और उसे पीस लें. अब 4
चम्मच काला जीरा का चुर्ण लें. अब 6 चम्मच मिश्री लें. अब इन तीनो को मिला लें. अब
एक गिलास पानी लें और उसके साथ चुर्ण को अपने बच्चे को खिलाए.
2. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के
लिए आंवला बहुत ही गुणकारी होता हैं. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए आंवले का रस
और आंवले का चुर्ण दोनों ही उपयोगी होते हैं. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए
आंवले का प्रयोग विभिन्न प्रकार से किया जा सकता हैं.
3. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के
लिए आंवले के चुर्ण के साथ गाय के दूध का सेवन करें.
4. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के
लिए ताजा आंवले के रस की दो – दो बूंदों को रोजाना आँखों में डालें. अगर किसी
व्यक्ति की आँखों में जलन होती हैं तो वह भी आंवले के रस का प्रयोग कर सकता हैं.
आंवलो के रस का प्रयोग कने से आँखों की जलन , पीड़ा, दाहकता व लालिमा भी खत्म हो
जाती हैं.
5. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के
लिए ताजे आंवलों का रस लें. अब एक कली का बर्तन लें और उसमे रस को दल दें. अब रस
को अच्छी तरह से पका लें. जब रस पूरी तरह से पक जाए तो उसे उतारकर उसकी गोलियाँ
बना कर रख दें. अब इन गोलियों को पानी में घिस लें. अब इसे सिलाई से आँखों में
लगाये. आँखों की रोशनी बढ़ेगी तथा अगर आँखें लाल हो गई हैं तो वो भी ठीक हो जाएगी.
6. आँखों की रोशनी को बढ़ाने के
लिए तिल और सूखे आंवले का भी प्रयोग किया जा सकता हैं. इसके लिए सूखे आंवले को और
तिल को पानी में भिगो दें. सुबह उठकर आंवले और तिल को खूब महीन पीसकर आँखों में
लगाये. आपके आँखों की रोशनी बढ़ेगी तथा सभी प्रकार के आँखों के रोगों से भी छुटकारा
मिलेगा.
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घरेलू इलाज में आंवला |
7. अजीर्ण व रुची को दूर करने
के लिए आंवले के चुर्ण का उपयोग करना चाहिए. आंवले के चुर्ण के प्रयोग करने से
हमारे शरीर का पाचन तंत्र नियन्त्रण में रहता हैं. इस लिए भोजन करने के बाद हमे
आंवले के चुर्ण का सेवन करना चाहिए. अजीर्ण और अरुचि से राहत पाने के लिए आंवले का
प्रयोग एक और तरीके से किया जा सकता हैं. इसके लिए सौंठ लें. हल्दी लें तथा आंवले
का चुर्ण लें. अब इन तीनो को एक बराबर मात्रा में लेकर मिला लें. अब एक गिलास पानी
लें और उसके साथ एक चम्मच चुर्ण को फांक लें.
8. पेट में अक्सर कई लोगों को
कब्ज की शिकायत हो जाती हैं. पेट की कब्ज को खत्म करने के लिए भी आंवला अत्यंत ही
फायदेमंद साबित होता हैं. कब्ज से राहत पाने के लिए एक चम्मच आंवले का चुर्ण लें
और उसको दूध के साथ खा लें. आपके पेट की कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी.
9. पीलिया की बीमारी के हो
जाने पर पूरे शरीर में कमजोरी हो जाती हैं तथा शरीर में रक्त की कमी भी हो जाती हैं.
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए भी आंवले का रस बहुत ही लाभदायक होता हैं. पीलिया
के रोग को दूर करने के लिए एक गिलास आंवले का रस लें. अब 2 या 3 तीन चम्मच शहद का
लें और उसे आंवले के रस में मिला लें. पीलिया की बीमारी से मुक्त होने के लिए
आंवले के रस का प्रयोग दिन में 3 बार करें. पीलिया का रोग ठीक हो जायेगा. पीलिया
के रोग से मुक्ति पाने के लिए आंवले के रस का एक उपयोग और भी किया जा सकता हैं.
इसके लिए ताजा आंवला का रस लें. अब ताजा गन्ने का रस लें. अब इन दोनों को मिलाकर
उसमे दो चम्मच शहद डाल दें. अब इस रस का सेवन करें. आपको पीलिया की बीमारी से राहत
मिलेगी.
10.
छोटे बच्चों के दूध के दांत उनकी बढती उम्र के साथ टूट जाते
हैं और इनकी जगह पर नए और मजबूत दांत निकलते हैं. जब नए जब बच्चों के दांत आते हैं तो बच्चों के दांतों
में दर्द भी होता हैं. दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए आंवले का रस बहुत ही
लाभकारी होता हैं. जब बच्चों के दांत निकलने शुरू होते हैं तो मसूढ़ों पर आंवले का
रस लगाना चाहिए. आंवलें के रस को मसूढ़ों पर लगाने से बिना दर्द हुए ही दांत निकल
आते हैं.
11.
यदि किसी व्यक्ति को बवासीर का रोग हो गया हैं तो उसके लिए
आंवले का चुर्ण बहुत ही लाभकारी होता हैं. बवासीर की बिमारी से राहत पाने के लिए 2
चम्मच आंवले का चुर्ण लें. अब एक कटोरी दही लें. दही की जगह पर छाज का भी उपयोग
किया जा सकता हैं. अब इस चुर्ण को दही में मिलाकर खाए. आपको बवासीर के रोग से
मुक्ति मिलेगी. आंवले के चुर्ण और दही का सेवन दिन में तीन बार करना चाहिए. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Amla Anvle se Ghrelu Ilaaj |
12.
कुछ व्यक्तियों को बहुमूत्र की शिकायत होती हैं. थोड़ी –
थोड़ी देर में मूत्र आना भी एक बिमारी का सूचक होता हैं. इस बीमारी से निजात पाने
के लिए भी आंवले के रस का उपयोग किया जा सकता हैं. बहुमूत्र की बिमारी से मुक्त होने
के लिए 5 आंवलों का रस लें. अब इस रस में रस की बराबर मात्रा में पानी मिलाकर दिन
में दो बार पिए. आपको बहुमूत्र की बिमारी से राहत मिलेगी.
13.
पायरिया दांतों की बिमारी होती हैं. इस बिमारी के होने पर
दांतों से खून आता हैं तथा मसूढ़ों में सूजन हो जाती हैं. इस बिमारी के होने पर
दांतों में दर्द भी होता हैं. दांतों में पायरिया हो जाने पर भोजन खाना भी मुश्किल
हो जाता हैं. पायरिया की बिमारी को भी दूर करने के लिए आंवले का प्रयोग किया जा
सकता हैं. इस बिमारी से राहत पाने के लिए आंवले को आग पर हल्का – हल्का भून लें.
अब थोडा सेंधा नमक लें और उसके साथ भूने हुए आंवले को पीस लें. अब पिसे हुए आंवले
में सरसों की 4 या 5 बूंद डालकर मिला लें और उससे दांतों पर रोजाना मसलें. दांतों
की पायरिया की बिमारी खत्म हो जाएगी.
Myrobalan for Home Remedies |
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