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Chaay Ke Fayde or Nuksaan | चाय के फायदे और नुकसान | Loss and Benefits of Tea

चाय कितनी फायदेमंद और कितनी नुकसान दायक खुद ही निर्णय करे

सबसे पहले मै आपको चाय के इतिहास के बारे में बताना चाहूँगा. चाय हमारे देश का उत्पादन नहीं है. इसके उत्पादन का तरीका हमें अंग्रेजो से पता चला है. अंग्रेज जब शुरू में भारत आये थे तो वे अपने साथ एक पौधा लेकर आये थे. यह पौधा चाय का था. अंगेजो ने भारत में कुछ ऐसे ठन्डे स्थान और पहाड़ियां चुनी जहाँ पर ये पौधा लगाया जा सके. तो उन्होंने पहाड़ियों में ऐसे पौधे लगाकर चाय का उत्पादन किया. अंग्रेजो के आने से पहले भारत में कभी चाय का इस्तेमाल नहीं हुआ. यहाँ पर किसी को चाय के बारे में कुछ पता नहीं था. इस प्रकार जब अंग्रेज कम्पनी ईस्ट इंडिया भारत में आई तो उन्होंने ही चाय के बागान लगाकर चाय की खेती शुरू कर दी. 


उन्होंने ऐसा क्यों किया ?

चाय का इस्तेमाल हम एक प्रकार की दवाई के रूप में कर सकते है. यह दवाई उन लोगो के लिए असरदारक होती है जिनका ब्लड प्रेशर लो रहता है यानि की यह एक प्रकार की दवा ही है. अगर इसे हाई ब्लड प्रेशर या नार्मल ब्लड प्रेशर वाले पी लेते है तो उनके लिए यह एक प्रकार से जहर के रूप में होती है जो नुकसानदायक होता है. अंग्रजो को शुरू से ही बी.पी.low की समस्या है यह समस्या उनको ठन्डे इलाको में रहने से है यदि आप किसी बर्फ वाली जगह पर जाते हो तो आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है इसी वजेह से अंग्रेजो को भी यही समस्या है. इसी वजेह से वे चाय को अपने साथ लेकर आये. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
चाय के फायदे और नुकसान
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ब्लड प्रेशर लो होने के कारण ?

बहुत ठन्डे इलाको में रहने के कारण ब्लड प्रेशर हमेशा ही लो रहता है. जिन इलाको में अंग्रेज रहते है वहां तो सूर्य ही कभी कभी निकलता है. उनके वहां तो तापमान की न्यूनतम इकाई है -40. इतनी ठण्ड होने के बावजूद धुंध भी महीनो तक गिरती रहती है और सूर्य देवता भी ६ से 8 महीनो तक निकलता ही नहीं इसी वजेह से इनको इतनी समस्या होती है और उनका ब्लड प्रेशर लो रहता है. अब जहाँ तक भारत की बात है तो भारत में कुछ जगह ऐसी है जहाँ बहुत ही ठण्ड रहती है जैसे की जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश. इन इलाको में  तापमान 0 हो जाने पर लोग चाय व् कॉफ़ी पीकर ब्लड प्रेशर को नार्मल करते है और ठण्ड से राहत पाते है.


ठन्डे इलाको की तो बात ठीक है लेकिन जहाँ तक नार्मल तापमान वाले इलाको की बात है तो वहां पर हर समय चाय पीना बहुत ही घातक है. क्योंकि नार्मल ब्लड प्रेशर वाले अगर चाय का सेवन रोजाना करेंगे तो उनका ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है जोकि एक प्रकार की समस्या बन जाता है और इस समस्या को खत्म करने के लिए हमें सहारा लेना पड़ता है डॉक्टर का. वो हमें गोलियां खाने की सलाह देगा जिसके कारण हम जब तक चाय पीते रहेंगे गोलियां भी खाते रहेंगे. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Chaay Ke Fayde or Nuksaan
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चाय की एक और जानकारी आपके लिए:    

इसे आपको एक अमलीय (acidity) की समस्या भी हो सकती है वो कैसे हो सकती है जानिए :

आपको पता होगा की नार्मल तापमान वालो देशो में लोगो के पेट में अमलीय समस्या होती है जबकि ठण्ड वाले देशो में इसका उल्टा होता है वहां लोगो को क्षारिय होती है.  इस प्रकार हमें पता चलता है की दोनों देशो के लोगो की नार्मल एसिडिटी मतलब अमलीयता में बहुत फर्क होता है जैसे के ठण्ड वाले देशो में नार्मल अम्लीयता से भी कम होता है जबकि नार्मल तापमान वाले देशो में नार्मल अम्लीयता से कहीं ज्यादा अमलीयता पाई जाती है जोकि रक्त अम्लीयता में बदल जाती है.


तो चाय में पहले ही अमलीय गुण होता है और हमारे पेट में भी अमलीयता नार्मल से ज्यादा होती है और चाय पीने से वह और बदती है जिससे की हमारे जीवन पर खतरा बाद जाता है. आयुर्वेद के अनुसार रक्त में अमलीयता का बढ़ना शरीर में नए रोगों का बढ़ना है इसके कारण हमारे शरीर में लगभग 48 नए रोग लग जाते है.


अमलीयता बढ़ने के कारण जो हमें नए रोग लगते है उनमे से एक है कोलोस्ट्राल. कोलोस्ट्राल का मतलब है मनुष्य के रक्त में कचरे की मात्रा का बढ़ना. यह ये बढ़ा हुआ कचरा दिल की नलिकाओं से गुज़रता है तो ब्लोकेज  कर देता है जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी समस्या होती है. तो आप सोच सकते है की चाय पीना कितना खतरनाक साबित हो सकता है.


अबतक आपने अपना पेट इतना अम्लीय कर लिया है वो भी सिर्फ इस चाय की वजह से तो आप उसको कम कर सकते है जानिए कैसे :


आप अपने पेट में अम्लीयता को कम करने के लिए अम्लीय और क्षारिय दोनों चीजो की मात्रा को बराबर खाओ. इसके लिए आपको एक प्रकार का घोल तैयार करके पीना पड़ेगा. इस घोल को तैयार करने के लिए सबसे पहले एक गिलास पानी ले अब इसमें थोडा सा जीरा दल कर उबाल ले. अब इसको ठंडा करके इसमें थोड़ी चीनी आवश्यकतानुसार डाल कर गर्म कर ले और थोड़ी देर बाद ठंडा कर के पी ले.


इसके अलावा एक चीज और है जो आपकी अमलीयता को कम कर सकती है. अर्जुन की छाल का काढ़ा ले . इसे एक किलो मात्रा में ले और गर्म दूध में डाल दे. थोड़ी देर बाद इसका सेवन करने से आप हार्ट अटैक और ब्लोकेज जैसे समस्या को दूर कर सकते है. 


एक बात और हम आपको बताना चाहेंगे की आप जितना हो सके चाय को कम मात्र में पिए और अपने शरीर में अमलीयता को कम करने के लिए अक्षारिय चीजो का सेवन अधिक से अधिक करे. इससे आप साधा अपना जीवन सदा खुश और स्वस्थ जी सकेंगे .  
 
Loss and Benefits of Tea
Loss and Benefits of Tea

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