लीची (Litchi)
फलों में लीची का विशेष स्थान है. इसे फलों की रानी के नाम से भी जाना
जाता हैं. क्योंकि यह बहुत ही रसीली होती हैं तथा अपनी सुगंध, स्वाद, रूप – रंग और
आकार के कारण यह लोगों का पसंदीदा फल हैं. यह दिखने में और फलों से अलग होता है
तथा इसका स्वाद भी और फलों से भिन्न होता हैं. लीची ग्रीष्म ऋतु का फल है. यह एक
बहुत ही पौष्टिक तथा उत्तम फल हैं. लीची को गर्मी के मौसम में खाने से शरीर को
ठंडक मिलती हैं.
लीची बाजार में बहुत ही कम समय लगभग 4 या 5 महीने तक ही उपलब्ध रहती हैं. लेकिन
यह गर्मी के दिनों में व्यक्ति की जरूरतों को भी पूरा करती हैं. जैसे – गर्मी के
दिनों में लीची को खाने से बार – बार प्यास नहीं लगती तथा शारीरिक जलन भी नही
होती.
लीची के उत्पादन क्षेत्र
लीची का अधिक मात्रा में उत्पादन दक्षिण चीन में होता हैं. लेकिन भारत
के भी कुछ क्षेत्रों में इसका उत्पादन होता हैं. जैसे – उत्तर प्रदेश, बिहार,
हिमाचल प्रदेश, तथा बंगाल. पंजाब के देहरादून में भी लीची का
उत्पादन होता हैं. बल्कि देहरादून की लीची की प्रसिद्धि तो विदेशों में भी हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल एक उपयोगी फल ...
Lichi ka Fal |
लीची के फल का सेवन करने के फायदे (Benefits of Litchi)
लीची बहुत ही जल्दी पच जाती हैं. लीची का सेवन करने से पित्त के रोग का तथा पेट की कब्ज का शमन होता हैं. यह
बवासीर जैसी बिमारी के लिए भी बहुत ही उपयोगी होती हैं. लीची का सेवन करने से शरीर
का पाचन तंत्र ठीक ढंग से कार्य करता हैं तथा इसे खाने से खाने के प्रति अरुचि
खत्म हो जाती है और भूख बढती हैं. लीची का सेवन यदि किसी व्यक्ति की स्मरण शक्ति
क्षीण हो तो भी किया जा सकता हैं. क्योंकि यह मस्तिष्क के विकास के लिए बेहद
लाभप्रद होती हैं. हृदय के रोगों से पीड़ित व्यक्ति के लिए तथा जिस व्यक्ति के हृदय
की धड़कन तीव्र हो जाती हैं. उस व्यक्ति के लिए भी यह अत्यंत लाभदायक होती हैं.
लीची का सेवन करने से वात नष्ट हो जाता हैं तथा इसका सेवन करने से वीर्य में वृद्धि होती है. जिससे पुरुषों के शरीर में से नपुसंकता के लक्षण दूर हो जाते हैं.
लीची का रस (Litchi’s juice)
लीची के रस का भी प्रयोग किया जाता हैं. गर्मी के दिनों में लीची का रस पीने
से शरीर को शीतलता मिलती है तथा बार – बार लगने वाली प्यास बुझ जाती हैं. गर्मी के
दिनों में लिची के रस का सेवन करने के आधे या एक घंटे के बाद हमेशा एक गिलास पानी
चाहिए. इससे शरीर के सभी अंगों में लीची के पौषक तत्व आसानी से पहुँच जाते हैं.
लीची में पौष्टिक तत्व (Litchi’s Nutrients)
लीची में 41 प्रतिशत पानी की मात्रा पाई जाती हैं. इसमें 6 से 8
प्रतिशत शकरा की मात्रा विद्यमान होती हैं. 0.64 प्रतिशत अम्लता भी
पाई जाती हैं. 0.2 प्रतिशत साइट्रिक अम्ल भी उपलब्ध होता हैं. इसमें 0.4
प्रतिशत रेशे होते हैं. लीची में लौह तत्व, वसा, कैल्शियम, फास्फोरस, जैसे
महत्वपूर्ण खनिज तत्वों की भी कुछ मात्रा विद्यमान होती हैं. 100 ग्राम
लीची में 40 से 50 मिली ग्राम विटामिन सी की मात्रा समाहित होती हैं. 100
ग्राम लीची का सेवन करने से मनुष्य को 61 प्रतिशत कैलोरी की प्राप्ति
शारीरीक ऊर्जा के रूप में होती हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT लीची के औषधीय प्रयोग ...
Litchi A Healthy Fruit |
सुखी लीची के गुण (Dry Litchi )
कुछ लोग सुखी लीची का प्रयोग भी करते हैं, सुखी लीची में भी कुछ पौष्टिक
पदार्थों की मात्रा समाहित होती हैं. सुखी हुई लीची में 15 प्रतिशत पानी
होता हैं. 3 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा पाई जाती हैं. 14 प्रतिशत वसा
की मात्रा विद्यमान होती हैं. इसमें 66 प्रतिशत कर्बोहाईड्रेट तथा 4.5 सुक्रोज
की मात्रा उपलब्ध होती हैं.
लीची का सामान्य परिचय (Normal Introduction of Litchi)
लीची आकार में छोटी होती हैं. इसका छिलका मोटा होता हैं. लीची का फल 1 से 1.5
इंच लंबा तथा अंडाकार का होता हैं. इसके ऊपर के छिलके का रंग हल्का लाल होता हैं.
जिसे आसानी से इस फल से छीलकर अलग किया जा सकता हैं. इसके छिलके के ऊपर छोटी –
छोटी गुलिकाएं होती हैं. जिसे पकाकर भी खाया जाता हैं. पकाने के बाद लीची के फल का
रंग लाल से बदलकर गुलाबी हो जाता हैं. लीची को पकाने के बाद इसका स्वाद खाने पर
हल्का खट्टा और चटपटा लगता हैं. लीची के अंदर सफेड रंग का गूदा होता हैं. जो खाने
में बहुत ही स्वादिष्ट होता हैं. लीची के गूदे के अंदर एक गहरे भूरे रंग का बीज भी
पाया जाता हैं.
लीची की किस्में (Litchi’s Vairaity)
चीन में लीची की 50 से अधिक किस्में पाई जाती हैं. जिनमे नोमई तथा हाईकप
किस्म की लीची बहुत ही प्रसिद्ध हैं. भारत में लीची की कुछ ही किस्में पाई
जाती हैं. जिनमें से नेफेलियन चीनी लीची, बेदाना लीची, देशी लीची व कलकतिया
लीची विशेष हैं.
लीची एक लाभदायक फल |
लीची का पेड़ (Tree of Litchi)
लीची के पेड़ की ऊंचाई लगभग 30 से 40 फिट होती हैं. इस पर ढेर सारी गहरे हरे
रंग की पत्तियां लगी होती हैं. इसकी पत्तियां नुकीली तथा लम्बी होती हैं. लीची के
पेड़ पर 3 से 5 वर्ष में फल लग जाते हैं तथा 10 से 25 साल तक पुराना होने पर इस पेड़
पर लीची के फल की भरमार लग जाती हैं. सामान्यतौर पर इसके प्रत्येक पेड़ से लगभग 125
से 200 ग्राम तक लीची के फल मिल जाते हैं. लीची के यह फल गुच्छों में लगते हैं.
इसके फल एक गुच्छे में 4 से 5 की संख्या से शुरु होकर 15 से 20 की संख्या में पाए
जाते हैं.
लीची के गुण तथा इसके औषधीय प्रयोग के बारे में जानने के लिए आप नीचे केमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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