बच्चे के जन्म के ठीक समय का निर्धारण कैसे करें (How to determine
the right time to Born Baby)
बच्चे का जन्म समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं. क्योंकि बच्चे के जन्म समय के
आधार पर ही उसकी जन्मकुंडली बनाई जाती हैं तथा उसके अनुसार ही बच्चे के बचपन से
लेकर वृद्धावस्था के सभी महत्वपूर्ण, आवश्यक और शुभ कार्य होते हैं. शिशु के जन्म
समय से ही यह पता चलता हैं कि वह किस नक्षत्र में पैदा हुआ हैं. यहाँ तक की बच्चे
का नामकरण भी उसके जन्म समय के आधार पर ही किया जाता हैं. इसलिए हमेशा बच्चे के
जन्म के ठीक समय का निर्धारण अवश्य करना चाहिए. कुछ विद्वानों के मत बच्चे के जन्म
समय के निर्धारण को लेकर एक – दूसरे बहुत ही भिन्न हैं. जिनकी जानकारी नीचे दी गई
हैं –
शिशु के जन्म समय के निर्धारण के विभिन्न मत ( Different –
Different Views On Child Birth)
1. बच्चे के शरीर का कोई भी
अंग बाहर आना (Child Body’s Any Part When Come Out) – कुछ विद्वानों का मानना
हैं कि जब बच्चे के शरीर का कोई भी अंग माँ के शरीर से बाहर आता हैं. तो वह समय ही
बच्चे के जन्म का ठीक समय हैं.
2. बच्चे का पूर्ण जन्म (Child’s Full
Birth) – वहीँ ब्राह्मणों का मानना हैं कि जब बच्चे का पूरा शरीर माँ की कोख से बाहर
आ जाता हैं. तो इस समय को बच्चे के जन्म का ठीक समय मानना चाहिए. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेहतर क्या हैं जन्म राशि या नाम राशि ...
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Bacche ke Janm ka Thik Samay |
3. बच्चे का रोना (Child’s Cry) – अन्य विद्वानों के अनुसार
जब बच्चे का जन्म हो जाए और पहली बार बच्चा रोने लगे या वह किसी प्रकार की आवाज
करें. तो उस समय को बच्चे के जन्म का सही समय मानना चाहिए तथा उस समय के अनुसार ही
बच्चे की जन्म कुंडली का निर्माण करना चाहिए. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT नवजात शिशु को अज़ान कैसे दें ...
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बच्चे के जन्म का ठीक समय |
4. बच्चे की नाल के कटने का
समय (The Baby’s Umbilical Cutting Time) – विद्वानों के द्वारा दिए
जाने वाले मत के अनुसार जब बच्चे की नाल को काट दिया जाए अर्थात जब बच्चा अपनी माँ
के शरीर से पूर्ण रूप से अलग हो जाए तो उस समय को बच्चे के जन्म का शुभ और सही समय
मानना चाहिए.
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Shishu ke Janm ke Kaal ka Nirdharan |
अनेक विद्वानों के द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न
मतों के अनुसार यदि बच्चे के जन्म समय का सही निर्धारण किया जाये. तो भी लोगों के
मन में विभिन्न भ्रांतियां उत्पन्न होती हैं. जैसे यदि बच्चा जन्म लेने के बाद
रोने की आवाज न करें. तो उसके नाल के काटने के समय को ठीक समय मान लेना चाहिए.
इनमें से किसी भी मत को मानने से किसी भी व्यक्ति को बच्चे के जन्म समय को लेकर
पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाती.
बच्चे के जन्म का ठीक समय (Right Time of
Child Birth)
उपरोक्त मतों से बच्चे के जन्म समय को लेकर
विभिन्न मत हैं. जब की बच्चे के जन्म का ठीक समय एक ही होता हैं. शास्त्रों के
अनुसार बच्चे के जन्म के समय का सही निर्धारण तब होता हैं. जब बच्चे की नाल कट
जाती हैं और बच्चा पूर्ण रूप से माँ के शरीर से अलग हो जाता हैं. बच्चे के जन्म का
यह ठीक समय इसीलिए भी हैं. क्योंकि बच्चे की नाल को काटने के बाद ही बच्चे का
स्वतन्त्र अस्तित्व आरम्भ होता हैं. इसलिए बच्चे की नाल के काटने के समय को ही
बच्चे के जन्म का सही समय मानना चाहिए तथा इस समय के अनुसार ही बच्चे की
जन्मकुंडली को निर्मित करवाना चाहिए.
बच्चे के जन्म के ठीक समय के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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Bacche ke Janm Lene ka Sahi vakt Shishu ki Naal ka Katna |
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हम कुड़ंली के लिए जन्म समय का कैसे पता करे कि जो जन्म समय हमे हमारे परिवार द्वारा बताया गया वो सही है कि नही ।
ReplyDeleteBachhe ki naal girne k baad us naal ka kya karna chahiye. Jisse bachha pragati kare
ReplyDeleteBachcho ki naal girane ke baad uska kya karana chahiye ki vh pragati kare
ReplyDeletehamare bache ka janam 22/01/2018 time 02.35 AM ko hua hai uska kya nam rakhe please bataye
ReplyDeleteMera bachha 31.1.2018 ko paida hua tha to uska janm kundli aur name kaise dekhende
ReplyDeleteDo judwa bachta ka janm 30 March 2018 up his ladka 2305 baje aur ladki 2307 baje kya rashi aur Napster hoga aur kya naam rakhe
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