दक्षिण भारत का नाडी शास्त्र (South India’s Nadi Shastra)
नाडी शास्त्र क्या हैं. (What is Naadi Shastra)
नाडी शास्त्र ज्योतिष शास्त्र की वह पद्धति हैं. जिसमें व्यक्ति के नाम को
जाने बिना उसके पूरे जीवन वृतांत के बारे में बताया जाता हैं. नाडी शास्त्र की यह
पद्धति मुख्य रूप से दक्षिण भारत की हैं.
नाडी शब्द का अर्थ (Meaning of Naadi Word)
नाडी शब्द से अभिप्राय समय की एक मात्रा से हैं. नाडी शास्त्र का यह
समय आधे “मुहर्त” के बराबर अर्थात 24 मिनट के बराबर होता हैं. नाडी शब्द
वैसे समय का प्रतीक हैं. इसीलिए इसका प्रयोग ज्योतिषशास्त्र के अर्थ में किया
जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT नील सरस्वती साधना कैसे करें ...
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Dakshin Bharat ka Prasiddh Naadi Shastra |
नाडी शास्त्र की परम्परा (Naadi Shastra Tradition)
नाडी शब्द का प्रचलन दक्षिण भारत में अधिक होता हैं तथा वहाँ नाडी
शास्त्र के कुछ ग्रंथों की रचना की गई हैं. जिनमें से कुछ आज भी दक्षिण भारत में
प्राचीन धरोधर के तौर पर उपलब्ध हैं.
नाडी ग्रंथ की समान्य रूप रेखा (General Outlines of Naadi Granth)
जिस प्रकार भृगु शास्त्र, अरुण सहिंता तथा रावण सहिंता आदि
ग्रंथों की गणना उत्तर भारत के प्रसिद्ध ग्रंथों में की जाती हैं तथा
इन ग्रंथों की सहायता से ही जो मनुष्य जन्म ले चुके हैं तथा जिनका अभी जन्म होगा.
उन सभी के जीवन के बारे में तथा उनके जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में
विस्तार से बताया जाता हैं.
उत्तर भारत की भांति ही दक्षिण भारत में भी कुछ महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध
ग्रंथ जैसे नन्दी नाद, शुक्र नाडी, भुजंदर नाडी, सप्त ऋषि नाडी, चंद्रकला नाडी
आदि की रचना की गई हैं. इन सभी नाडी शास्त्रों में मनुष्य के जीवन के भूतकाल तथा
भविष्यकाल का पूर्ण वृतांत पहले से ही लिखा हुआ हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT ज्योतिषी पक्ष के प्रभाव व्यक्तित्व पर ...
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दक्षिण भारत का प्रसिद्ध नाडी शास्त्र |
नाडी शास्त्र की विशेषताएँ (Features of Nadi Shastra)
1. अगर आप नाडी ग्रंथ के
द्वारा अपने आने वाले भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं. तो सामने बैठे विद्वान्
आपसे आपके जीवन या आपके नाम को जाने बिना आपके जीवन के बारे में आपके परिवार
के बारे में जैसे – आपकी माँ का नाम, पिता का नाम, बहन का नाम, आपके भाई
एवं बहनों की संख्या, आपके संतान के बारे में, आप कहाँ पर कार्य करते
हैं, आप किस चीज का व्यवसाय कर रहें हैं. ये सब जानकारी आपको दे देंगे. कुल
मिलाकर नाडी शास्त्र से आपको आपके भूतकाल, वर्तमानकाल तथा भविष्यकाल
की पूर्ण जानकारी इस ग्रंथ से हासिल हो जाती हैं.
2. नाडी शास्त्र ज्योतिष
शास्त्र के ग्रंथों के सामान ग्रंथ नहीं हैं. जिसमें केवल ज्योतिष शास्त्र के
सिद्धांत हो. नाडी ज्योतिष के द्वारा मनुष्य के समस्त जीवन की विभिन्न घटनाओं के
बारे में जानकारी मिलती हैं. नाडी शास्त्र के ग्रंथों में सभी ग्रहों का वर्णन विस्तृत
रूप से नहीं मिलता. लेकिन इस ग्रंथ से इतनी जानकारी जरुर प्राप्त हो जाती हैं. जिससे
किसी भी व्यक्ति का नाम ज्ञात हो जाएँ और उसकी जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों की
दिशा का ज्ञान हो जाएँ.
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Naadi Shastra ki Visheshtaen |
3. नाडी शास्त्र के ग्रंथों की
रचना विद्वानों ने ग्रहों की स्थिति के आधार पर की हैं. जिससे मानव के सम्पूर्ण
जीवन की जानकारी मिल जाती हैं. इन ग्रंथों में ज्योतिष शास्त्र के समान मात्र
सिद्धांतों का उल्लेख नहीं किया गया. जैसे – ज्योतिष शास्त्र में केवल यह बताया
जाता हैं कि यह दोष या घटना ज्योतिष शास्त्र के इस नियम के आधार पर हुई हैं.
नाडी शास्त्र तथा ज्योतिष शास्त्र के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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Naadi Jyotish ki Smany Roop Rekha |
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