ज्योतिष भविष्यवाणी को
सम्पूर्ण करने वाली नील सरस्वती साधना
अगर कोई ज्योतिष नील
सरस्वती की साधना कर ले, तो उसे ज्योतिष शास्त्र का सम्पूर्ण ज्ञान हो जाता हैं.
नील सरस्वती की साधना को पूर्ण करने पर ज्योतिष द्वारा की गई भविष्यवाणी सत्य तथा
अकाट्य हो जाती हैं तथा इस साधना को करने के बाद ज्योतिष अगर किसी व्यक्ति की
कुंडली का विश्लेषण या उसके जीवन से जुडी किसी प्रकार की भविष्यवाणी कर दे, तो वह
भी पूर्णत: सत्य सिद्ध हो जाती हैं.
नील सरस्वती साधना को करने
के लिए आवश्यक सामग्री –
1.
1 नीला हकिक पत्थर
2.
सरस्वती यंत्र
3.
एक स्फटिक माला
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Nil Saraswati Sadhna Kaise Karen |
नील सरस्वती की साधना को
करने का विधान – नील सरस्वती की साधना 21
दिनों में सम्पूर्ण होती हैं. इस साधना को सम्पूर्ण करने के लिए ज्योतिषों को
रोजाना 1 माला गुरु मन्त्र की और 1 माला नील सरस्वती के मन्त्र की करनी चाहिए.
नील सरस्वती की साधना में
कुछ अलौकिक अनुभूतियाँ भी होती हैं. इसलिए इस साधना को करने से पहले ज्योतिषियों
को अपने शरीर की रक्षा करने के लिए 11 बार देह रक्षा मन्त्र का जाप करने के बाद ही
साधना में बैठना चाहिए.
देह रक्षा मन्त्र -
॥ हूं हूं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दंष्ट्रे प्रचंड
चंड नायिके दानवान दारय हन हन
शरीर
महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हूँ
फट ।
यदि ज्योतिष गुरु मन्त्र जानते है तो वे अपना गुरु मन्त्र भी कर सकते हैं या
फिर ज्योतिष निम्नलिखित गुरु मन्त्र का जाप करें. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
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नील सरस्वती साधना कैसे करें |
गुरु मन्त्र -
॥ ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः ॥
नील सरस्वती की साधना का समय – नील सरस्वती की साधना को करने का शुभ समय रात को 12.00
बजे से 3.00 तक का होता हैं.
नील सरस्वती की साधना को करने की विधि – नील सरस्वती की साधना को एक एकांत
कमरे में करें. इस साधना को करने के लिए कमरे को बंद कर लें. ताकि कमरे में किसी
भी प्रकार की रोशनी न आये. इस साधना को करने के लिए एक घी का दीपक जला लें तथा
दीपक की रोशनी में ही नील सरस्वती की साधना की विधि को आरम्भ करें.
1. नील सरस्वती की साधना
करने से पहले देह रक्षा मन्त्र का 11 बार जाप करें.
2. देह रक्षा मन्त्र का जाप
करने के बाद उत्तर की ओर अपना मुख कर लें. अब सरस्वती जी का यंत्र लें और उसके बिच
में नीले हकिक पत्थर को स्थापित करें.
3. नीले हकिक पत्थर को
स्थापित करने के बाद नील सरस्वती जी की लघु पूजन करें और संकल्प लेकर गुरु मन्त्र
की एक माला का जप करें.
4. इसके बाद नील सरस्वती
मन्त्र की एक माला का जप करें.
5. लगातार 21 दिनों तक विधान
के अनुसार पूजा करें.
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How to Do Nil Saraswati Saadhna Ritual |
6. 22 वें दिन सरस्वती के
यंत्र में से नीले हकिक के पत्थर को निकाल लें. अब इस पत्थर से एक चाँदी की अंगूठी
बनवा लें और इस अंगूठी को अपने सीधे हाथ की अनामिका ऊँगली में पहन लें.
विनियोग :-
॥ ॐ अस्य नील
सरस्वती मंत्रस्य ब्रह्म ऋषिः,
गायत्री छन्दः, नील
सरस्वती देवता,
ममाभीष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोगः ॥
नील सरस्वती मंत्र :-
॥ ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूँ
फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा ॥
नील सरस्वती साधना से सम्बंधित अन्य जानकारी और मंत्रो की जानकारी के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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Nil Sarswati |
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श्री मानजी नील साधना सम्बन्धी कुछ विशेष बचाओ और फुल जानकारी email करें ।
ReplyDeleteसारी विधि बताईए request karta hu please
ReplyDeleteshri man ji agar mera koi guru nahi hai to kya me is sadhana ko kar sakta hu kyo ki me shiv ji ko hi apna guru manta hu
ReplyDeleteनील सरस्वती जी का उत्कीलन मंत्र तथा शाप विमोचन बताने की कृपा करें
ReplyDeleteshri man ji agar mera koi guru nahi hai to kya me is sadhana ko kar sakta hu kyo ki me shiv ji ko hi apna guru manta hu
ReplyDeleteगुरु जी नील सरस्वती जी की साधना कैसे करें सम्पूर्ण विधि बताइए और उत्कीलन मंत्र बताने की कृपा करें ।
ReplyDeleteसारी विधि बताईए request karta hu please
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