इस वेबसाइट पर किसी भी तरह के विज्ञापन देने के लिए जरूर CONTACT करें. EMAIL - info@jagrantoday.com

Note: इस वेबसाइट ब्लॉग पर जो भी कंटेंट है वो मात्र सुचना और शिक्षा के लिए दी गयी है. किसी भी कंटेंट को प्रयोग अगर किया जाता है तो उसके लिए खुद प्रयोग करने वाला ही हर तरह से जिम्मेदार होगा. हमने यहाँ अपने विचार प्रकट किये है. इसीलिए इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं - धन्यवाद

कुछ ख़ास आपके लिए :-

Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana - बेस्ट फुल बॉडी मसाज मालिश पार्लर इन रोहतक हरयाणा

  Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana सबसे पहला प्रश्न तो यही है की हमे बॉडी मसाज या शरीर पर मालिश ( Full Body Massa...

Rahasyamayi Aalaukik Vrindavan ka Nidhivan | रहस्यमयी आलौकिक वृन्दावन का निधिवन | Mysterious Supernatural Nidhivan of Vrindavan

वृन्दावन का निधिवन ( Nidhivan of Vrindavan )
भारत में अनेक ऐसे स्थान है जहाँ के दामन में अनेक ऐसे रहस्य सिमटे हुए है जिनको जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है. ऐसा ही एक रहस्य धार्मिक नगरी माने जाने वाले वृन्दावन में भी छिपा है, यहाँ एक वन है जिसे निधिवन के नाम से जाना जाता है ये वन पवित्र होने के साथ साथ धर्मिक भी है क्योकि माना जाता है कि यहाँ आधी रात होने पर स्वयं श्री कृष्ण और श्री राधा जी आज भी रास रचाने आते है, साथ ही रास की समाप्ति के बाद इसी वन के परिसर में बने रंग महल में सोते भी है. इसीलिए निधिवन को सायंकाल की आरती के बाद बंद कर दिया जाता है और माखन मिश्री को प्रसाद के रूप में रंग महल में रखा जाता है. सांयकाल की आरती खत्म होने के बाद कोई भी व्यक्ति इस मंदिर में नहीं रुकता, यहाँ तक की इस वन के सभी जीव जंतु भी वन छोडकर चले जाते है और प्रातःकाल लौट आते है. है ना रहस्यमयी और आलौकिक किन्तु ये सत्य है. CLICK HERE TO KNOW ठाकुर बिहारी जी महाराज का प्राकट्य स्थल ... 
Rahasyamayi Aalaukik Vrindavan ka Nidhivan
Rahasyamayi Aalaukik Vrindavan ka Nidhivan
पागल कर देता है ये वन ( This Forest Can make You Mad ) :
जैसाकि हमने बताया कि शाम की आरती के बाद मंदिर को बंद कर दिया जाता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति फिर भी वहां रासलीला देखने के लिए रुकता है या छुप छुपकर देखने का प्रयास करता है तो उसका मानिसक संतुलन बिगड़ जाता है. जी हाँ, करीब 10 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति जोकि जयपुर से आया था उसने कुछ ऐसा ही प्रयास किया था, वो वन में छुपकर बैठ गया था ताकि रासलीला को देख सके. लेकिन जब अगले दिन वन के दरवाजों को खोला गया तो वो व्यक्ति बेहोशी की अवस्था में पाया गया. उसके होश में आने के पश्चात पाया गया कि वो अपना मानसिक संतुलन खो चुका है. 

ये एकमात्रा किस्सा नहीं है बल्कि इस मंदिर से जुड़े ऐसे अनेक किस्से है. एक अन्य किस्से के अनुसार भी एक व्यक्ति ने ऐसा करने की कोशिश की गयी जो पागल हो गया. वो व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण का अनन्य भक्त था इसीलिए उस व्यक्ति की समाधि आज भी निधिवन में है ताकि लोगों को समझ आ सके कि अगर उन्होंने भी ऐसी कोशिश की तो उनके साथ भी उस व्यक्ति के जैसा हो सकता है. CLICK HERE TO KNOW श्री कृष्ण  जन्म कथा और पूजन विधि ... 
रहस्यमयी आलौकिक वृन्दावन का निधिवन
रहस्यमयी आलौकिक वृन्दावन का निधिवन
जोड़े में होते है तुलसी के पेड़ ( Every Basil Plant Grows in Pair ) :
इस वन की एक अन्य ख़ास बात तुलसी के पेड़ों से जुडी है क्योकि यहाँ तुलसी का हर पेड़ जोड़े में पाया जाता है और इसके पीछे की मान्यता भी राधा कृष्ण के मिलन, साथ और रास रचाने की बातों से जुडी है. माना जाता है कि रात के समय जब श्री कृष्ण रास रचाते है तो ये सभी तुलसी के पेड़ गोपियों में परिवर्तित हो जाते है. इन तुलसी के पौधों को कोई छूने की कोशिश भी नहीं करता क्योकि लोगों का मानना है कि अगर कोई इनकी डंडी को तोड़कर ले भी जाता है तो उसको जीवन में जल्द ही किसी बड़ी आपदा का सामना करना पड़ता है.

वृक्षों की खासियत और रहस्य ( Mystery and Importance of Forest Trees ) :
निधिवन करीब 250 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला एक विशाल वन है लेकिन यहाँ के पेड़ों की अजीब सी खासियत है कि इनमें से किसी भी पेड़ का तना सीधा नहीं है. सभी की डालियाँ भी टेढ़ी मेढ़ी है और एक दुसरे से गुथी हुई प्रतीत होती है. साथ ही डालियाँ ऊपर बढ़ने के स्थान पर नीचे की तरह बढती जाती है. अब तो ऐसी हालत हो चुकी है कि वन में रास्ता बनाने के लिए इन टहनियों को डंडों के सहारे ऊपर की तरफ किया गया है.
Mysterious Supernatural Nidhivan of Vrindavan
Mysterious Supernatural Nidhivan of Vrindavan
रंग महल का बिखरा पलंग ( The Spread Bed of Rang Mahal ) :
इन वृक्षों से भी एक रहस्य जुड़ा है और वो ये है कि वन में कुल 16000 पेड़ है जिन्हें श्री कृष्ण की 16000 रानियाँ माना जाता है जो रात के समय श्री कृष्ण के साथ रास रचाती है. रासलीला की समाप्ति के बाद राधा कृष्ण जी रंग महल में ही रुकते है और वहीँ रात बिताते है. जब प्रातःकाल मंदिर के पत खोले जाते है तो रोजाना वहां एक गीली दातुन मिलती है साथ ही रंग महल का बिस्तर भी बिखरा हुआ होता है, जिसे देखकर कोई भी ये कह सकता है कि वहां कोई रात को रुका था और उन्होंने पूरी रात वहीँ विश्राम किया था. इसके अलावा वहाँ रखा जाने वाला प्रसाद भी खा लिया जाता है. इसीलिए वन में 8 बजे तक सभी पशु पक्षी, बंदर, भक्त, पुजारी इत्यादि जो सारा दिन वहीँ दीखते है सब चले जाते है और वन को ताला लगा दिया जाता है.

रंग महल के जिस पलंग पर राधा कृष्ण विश्राम करते है वो चन्दन का बना हुआ है जिसे शाम 7 बजे से पहले पूरी तरह सजा दिया जाता है. इस पलंग के साथ में राधा रानी जी के श्रृंगार के लिए सामान, एक लौटा पानी और दातुन भी राखी जाती है जिनका प्रयोग श्री कृष्ण जी स्वयं करते है. वास्तुशास्त्र के अनुसार निधिवन को देखा जाए तो उसका निर्माण ही रहस्य को उजागर करता है.
क्या अब भी सच में रास रचाने आते है राधा कृष्ण
क्या अब भी सच में रास रचाने आते है राधा कृष्ण
आसपास के इलाकों के घर में खिड़कियाँ नहीं है ( No House has Window near This Forest ) :
निधिवन के चारों तरह चारदीवारी की गयी है, साथ ही वन का द्वार भी पश्चिम दिशा में बना है. वन के आसपास जितने घर है वहां किसी भी घर में खिड़की नहीं बनी और उसका कारण भी वहीं है कि कोई वन के रस को ना देख पाए. अगर कोई घरों में से रास लीला देखने का प्रयास करता है तो वो अंधा हो जाता है. अगर किसी घर में छोटी मोती खिड़की है भी तो उसे मंदिर के शाम के घंटा बजने के बाद बंद कर दिया जाता है.

वंशी चोर राधा रानी मंदिर ( Vanshi Chor Raadhaa Rani Mandir ) :
निधिवन में एक अन्य मंदिर भी है जिसे वंशी चोर राधा रानी मंदिर के नाम से जाना जाता है, मंदिर का ये नाम राधा जी की एक मधुर कथा के कारण पडा जिसके अनुसार एक बार राधा रानी को लगा कि श्री कृष्ण सदा अपनी बांसुरी को ही बजाते रहते है जिसके कारण वे उनकी तरफ ध्यान नहीं दे पाते. इसलिए राधा जी ने भगवान श्री कृष्ण की बांसुरी ही चुरा ली. इस मंदिर में राधा जी की मूर्ति के साथ साथ श्री कृष्ण की सर्वाधिक प्रिय गोपी ललिता की मूर्ति भी स्थापित है.
वंशी चोर राधा रानी मंदिर
वंशी चोर राधा रानी मंदिर
वन में बना विशाखा कुंड ( Vishaakha Kund Pond in Forest ) :
वन में बने इस कुंड की कथा के अनुसार एक बार श्री कृष्ण अपनी सखियों के संग रास लीला कर रहें थे कि तभी उनकी एक सखी ( जिनका नाम विशाखा था ) को प्यास सताने लगी. सबने पास में पानी खोजा और जब कोई व्यवस्था ना हो पायी तो श्री कृष्ण ने अपनी वंशी से उस कुंड को खोदा, जिसके पानी को पीकर विशाखा ने अपनी प्यास को बुझाया और उसी समय से ये कुंड विशाखा कुंड के नाम से विख्यात हो गया.

वृन्दावन के निधिवन की ऐसी ही अन्य रहस्यमयी और चमत्कारी कथाओं व तथ्यों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
Nidhivan ka Rang Mahal Kathaa
Nidhivan ka Rang Mahal Kathaa
Rahasyamayi Aalaukik Vrindavan ka Nidhivan, रहस्यमयी आलौकिक वृन्दावन का निधिवन, Mysterious Supernatural Nidhivan of Vrindavan, क्या अब भी सच में रास रचाने आते है राधा कृष्ण, Vishaakhaa Kund, Nidhivan ka Rang Mahal Kathaa, Vanshi Chor Raadha Rani Mandir, वंशी चोर राधा रानी मंदिर, Nidhi Van ki Tulsi v Anya Pedon ka Rahasya, Nidhivan ke 16000 Ped Hai Shree Krishn ki 16000 Raniyan





YOU MAY ALSO LIKE

Dear Visitors, आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमेंट डाल कर सूचित करें, आपको तुरंत सही और सटीक सुचना आपके इच्छित विषय से सम्बंधित दी जाएगी.


इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

No comments:

Post a Comment

ALL TIME HOT