ईमानदार या बेईमान ( Honest or Dishonest )
दोस्तों, अक्सर लाइफ में कुछ ऐसी सिचुएशन आ
जाती है जहाँ हमें ये चुनाव करना पड़ता है कि हम ईमानदार
बने रहे या उस काम के लिए हम थोड़ी सी बेईमानी कर लें. ऐसे में या तो हम अपनी
आत्मा की बात सुनते है या फिर अपने मन के चक्कर में फंस जाते है. जहाँ मन हमे बेईमानी के रास्तें पर चलने के लिए कहता है और बातें छुपाने के लिए बहाने
बनाता हैं. वहीँ आत्मा सच्चाई का साथ देती है जो
ज्यादातर लोगों को कडवी लगती है. असल में हमारे मन के
पास बहुत से ऐसे कारण होते हैं जिससे हम आसानी से बहक जाते है और झूठ, धोखे और चोरी के चक्कर में फंस
जाते है. तो सवाल यही है कि हम मन की बात माने या आत्मा की, ईमानदार
बने रहे या बन जाए बेईमान. CLICK HERE TO KNOW लिमिट्स को बूस्ट करने के 6 गजब तरीके ...
ईमानदार रहे या बेईमान बन जाये खुद से पूछें |
आत्मा का हमारे जीवन में
स्थान ( The Place of Soul in Our Life ) :
मन के बिलकुल अपोजिट हमारी आत्मा सदगुण और सच्चाई की राह पर ले जाती है और हमे हमेशा सही मार्ग दिखाती है. इसलिए अगर आप चाहते है कि आप हमेशा ईमानदारी और
आध्यात्म के मार्ग पर बने रहे तो आप अपने मन की ना सुनकर अपनी आत्मा की सुनें,
खुद को पहचाने. अगर आप ऐसा करते है तो ना तो आप झूठ के चक्कर में
पड़ते हो और ना ही धोखाधड़ी के. इसी बात को समझाने के लिए आज हम आपको एक स्टोरी भी
बताने वाले है जो आपको ईमानदार रहने के लिए प्रेरित करेगी.
एक प्रेरणा दायक कहानी ( An Inspirational Story ) :
हमारे देश में ना जाने
ऐसे कितने उदाहरण है जो हमे प्रेरित करते है कि हमे हमेशा सच्चाई का साथ ही देना
चाहियें और ईमानदारी को कभी नहीं छोड़ना चाहियें. इनमे सबसे पहले नंबर आता है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जिनके असूल ही अहिंसा और सच्चाई थे. यही वजह है
कि हमारे देश की आजादी में उन्होंने इतनी अहम भूमिका निभाई थी.
अहिंसा आंदोलन में तो उन्हें जेल तक भी जाना पड़ा था पर तब भी उन्होंने सच्चाई और सदगुण
का रास्ता नही छोड़ा था. उस
वक़्त उन्हें एक खास जेल में रखा गया था और उस जेल के नियम भी बहुत ही कड़े और खास तरह के थे. उन नियमों
में से एक नियम तो यह भी था की कैदियों को बाहरी दुनिया के बारे में कुछ भी नही
बताया जाता था और उन्हें बाहरी दुनिया से बिल्कुल अनजान रखा जाता था. उन्हें अखबार
पढने तक की इजाजत नहीं थी.
इस जेल में गांधी जी का एक मित्र उनसे मिलने गया जोकि चिकित्सक था. उस चिकित्सक ने
गांधी जी को अहिंसा आंदोलन से जुडी कुछ ख़ास बाते बताई. उस वक़्त वो अपने साथ कुछ
पेपर और अखबार लाया था और गांधी जी का स्वास्थ्य चेक करने के साथ साथ उनसे कुछ
सवालों के जवाब मांगे. वापस जाते वक़्त चिकित्सक सब कुछ ले गया लेकिन अखबार को वहीँ
छोड़ गया.
Imandar Rahen Ya Beiman Ban Jayen Khud se Puchhen |
उस चिकित्सक के जाने के
बाद गांधी जी को वो अखबार दिखा लेकिन उनकी सच्चाई और ईमानदारी देखें कि उन्होंने
उस अखबार को पढने से बिलकुल मना कर दिया और कहा कि ये जेल के नियमों के खिलाफ है
तो मैं अखबार नहीं पढूंगा. उनकी इस वफादार और नियमों के प्रति समर्पण को देखकर सब
चौक गये थे, लेकिन
गांधी जी नी ईमानदारी का साथ बिलकुल नहीं छोड़ा.
ईमानदारी का ये गुण हमारी
आत्मा से ही हममे आता है इसलिए जब भी आप किसी उलझन में हो और आपको ईमानदारी या बेईमानी में से कुछ चुनना हो
तो आप अपने मन की नहीं बल्कि आत्मा की सुने, आप हमेशा सही
चुनाव ही करोगे.
आत्मा और मन के बीच युद्ध ( War Between Soul and Mind ) :
असल में ईमानदारी और
बेईमानी की इस लड़ाई में मन
और आत्मा के बीच ही युद्ध होता है, इस युद्ध में मन के पास हजारों अस्त्र शस्त्र होते
है जिन्हें आप झूठ और धोखे पर चलने के बहाने भी कह सकते हो. लेकिन आत्मा के पास एक
ही अस्त्र होता है और वो है सच्चाई जो मन के हर अस्त्र को काटने की शक्ति रखता है,
बस उसे साथ चाहियें होता है तो हमारा. इसलिए अगर आप आध्यात्मिक रूप
से समृद्ध होना चाहते हो तो आत्मा की सुनों और ईमानदारी पर चलो.
अपने बर्ताव में हमेशा
ईमानदारी बरते ( Be Honest to Your Behavior Always ) :
लेकिन आत्मा की बात मानने
के लिए आपको आत्मा के नजदीक जाना होगा और वो तभी होगा जब आप अपने बर्ताव में
ईमानदारी बरतना स्टार्ट कर दोगे. इसकी शुरुआत आप छोटी छोटी चीजों में झूठ ना बोलने
से करें, जैसे
जैसे आप झूठ बोलना कम करेगे वैसे वैसे आपका हौसला और आत्मविश्वास दोनों बढ़ने
लगेगे. फिर आपका यही आत्मविश्वास आपको सच्चाई के मार्ग पर ले जाएगा जहाँ से आप
अपनी आत्मा की सुन और समझ पाओगे. ये सब आपको आपके जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने
में भी हेल्प करेगा.
Sacchayi Par Chalne ke Raste |
तो दोस्तों, उम्मीद है कि आप भी हमेशा ईमानदार
बने रहेंगे और ऐसी ही अन्य प्रेरणादायक आर्टिकल के बारे में अधिक जानने के लिए आप
हमारे साथ बने रहे और कमेंट में अपने विचार जरुर बताएं.
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