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Muladhar Chakar ki Shakti |
Muladhar Chakar मूलाधार चक – हमारे शरीर में 7 मुख्य केंद्र है और बाकी बहुत से केंद्र है जिनका उल्लेख हमारे शास्त्रों में दिया है. उन सात मुख्य केन्द्रों में सबसे पहले मूलाधार केंद्र गुदा और लिंग के मध्य में स्थित है. इसी चक्र में हमारी कुण्डलिनी महाशक्ति सोयी हुई रहती है. जो मन्त्र शक्ति से जागृत की जाती है. इसी चक्र के साथ हमारी मूल चित शक्ति भी विराजमान है. इस शक्ति को जगाकर नियंत्रण करना मन्त्र जाप की मुख्य उपलब्धि है. ये मूलाधार ही मानव शरीर का आधार है. इसीलिए इसे ही मूलाधार पद्म कहा जाता है.
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Power of Yoga |
प्रधानता – इसमें पर्थ्वी तत्व की प्रधानता होती है ...
ध्यान – इस मूलाधार का ध्यान करने से गद्य पद्य के लेखन शक्ति और वाक् शक्ति मिलती है यानी कवी लेखक बन्ने के लिए यही चक्र जिम्मेदार होता है और वाक् सिद्धि मिलती है जिससे जो बोलोगे वो ही सिद्ध हो जायेगा. तथा शरीर से सभी रोग स्वत ही दूर होकर बिलकूल आरोग्य प्राप्त होता है. यानी जिसे भी कोई भी बिमारी हो उसे मन्त्र जाप मूलाधार चक्र पर ध्यान करके करना चहिये. तुरंत लाभ होना शरू हो जायेगा.
मूलाधार जगाने का परिणाम – यानी मात्र मूलाधार चक्र को भी हम जागृत कर ले और नियंत्रित कर लें तो भी हमारा जीवन मूल रूप से बदल सकत है. यही शक्ति सीधे सम्पूर्ण ब्रह्मांड से जुडी होती है. सम्पूर्ण ब्रह्मांड में जितनी शक्तियां समाई हुई है उन सब का रास्ता इसी चक्र से होकर जाता है. यानी इस चक्र को जागृत करने पर सारे रास्ते खुल जाते है. ऐसे ऐसे अनुभव इसमें छुपे हुए है की शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता. मन्त्र जापक इस चक्र को जगाकर सीधा इस विशाल ब्रह्मांड से संपर्क में आ जाता है.
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मूलाधार शक्ति चक्र योग |
सम्पुर्ण ब्रह्मांड की शक्ति से संपर्क करने के लिए Power of Muladhar Shakti ki Shakti Yoga - मूलाधार शक्ति चक्र योग
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सीमा की भक्ति में शक्ति. Seema ki Bhakti mein Shakti
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