घर का मुख्य द्वार और वास्तुशास्त्र (Main Gate of House And Vastushastra)
वास्तुशास्त्र में घर की दिशाओं, घर पर ग्रहों का प्रभाव तथा घर
पर पांच तत्वों के प्रभाव के अलावा घर के मुख्य द्वार पर भी चर्चा
की गई हैं. इसमें यह बताया गया हैं कि अगल – अलग दिशाओं में मुख्य द्वार होने
पर इन दिशाओं का घर पर कैसा प्रभाव पड़ता हैं. इन दिशाओं के गुण दोष सभी
स्थितियों का वर्णन वास्तुशास्त्र में किया गया हैं. जिनकी जानकारी नीचे दी गई हैं
–
1.
पूर्व दिशा (East) –
·
यदि आपके घर के मुख्य द्वार का मुख पूर्व दिशा की ओर हैं
तो आपने घर की पूर्व और उत्तर दिशा में खाली स्थान अवश्य छोड़ दें. इस
दिशाओं में खाली स्थान छोड़ने से आपको धन लाभ होगा, वंश बढेगा तथा पुत्र को भी लाभ
प्राप्त होगा.
·
पूर्व दिशा की वाला भवन निर्मित करवाते समय घर की पूर्व
दिशा वाले स्थान को थोडा सा नीचे की ओर रखें. इससे आपके घर का स्वामी सभी साधनों
से सम्पन्न होगा तथा उसका स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहेगा. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT वास्तु और पांच तत्वों का सम्बन्ध ...
Sahi disha mein ho dwar to khusiyan aayen ghar mein beshumar |
·
यदि आप भवन निर्माण के पश्चात् भवन में किरायेदार रखने
की योजना बना रहे हैं किरायेदारों के रहने का स्थान नीचे की ओर बनाए
तथा स्वयं ऊपर वाले फ्लोर पर रहें.
·
पूर्व दिशा वाले घर की आग्नेय कोण में छोटा या बड़ा किसी
भी तरह का दरवाजा न लगवाएं इससे आपको, मुदम्मे, चोरी, भवन में आग लगने का
तथा आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड सकता हैं.
·
घर में जल के लिए हैंडपंप, कुआं, तथा ट्यूबवेल की
व्यवस्था आप पूर्व उत्तर दिशा में कर सकते हैं.
·
घर में यदि बरामदे के लिए खाली स्थान छोड़ना चाहते
हैं तो बरामदे के फर्श को थोडा नीचा रखें. इससे आपको धन, यश, कीर्ति की
प्राप्ति तथा स्वास्थ्य में वृद्धि होती हैं.
पश्चिम दिशा (West) –
·
वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि पश्चिम दिशा की ओर मुख वाले
घर में मुख्य द्वार और घर के अन्य कमरों के दरवाजे पश्चिम दिशा की ओर ही हैं
तो इससे घर के सदस्यों को शुभ फल की प्राप्ति होती हैं.
·
यदि सम्भव हैं तो घर बनवाते समय घर की पश्चिम दिशा में
एक ऊंचा चबूतरा बनवा लें या इस दिशा की दीवार अन्य दिशा से ऊंची रखें. इससे
आपके घर की सम्पत्ति बढ़ेगी तथा आपको सुख और यश की प्राप्ति होगी.
· यदि आप ऐसी भूमि को खरीदने वाले हैं जिसकी पश्चिम
दिशा में गड्ढे हो और उसे भर पाना असम्भव हो तो उस भूमि को घर बनाने के लिए
बिल्कुल भी न खरीदें.
· भवन का निर्माण करवाते समय पश्चिम दिशा की चार दीवारों
को अन्य दिशाओं की चार दीवारों से ऊंचा रखे. क्योंकि ये दीवारे आपके घर के
धन को बढाने में काफी मददगार साबित होती हैं और इन दीवारों को धन का कारक माना
जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT घर की सुख समृद्धि शांति के लिए वास्तु ...
सही दिशा में हो द्वार तो खुशियाँ आयें घर में बेशुमार |
·
यदि आप घर में वृक्ष लगाना चाहते हैं तो पश्चिम
दिशा वृक्ष लगाने के लिए श्रेष्ठ हैं. इस दिशा में वृक्ष लगाने से भी आपको शुभ
फल प्राप्त होगा.
·
अपने घर का घर का कूड़ेदान हमेशा पश्चिम दिशा में रखें.
क्योंकि यह भी शुभ माना जाता हैं.
·
इसके अलावा घर के पश्चिम दिशा में कोई गड्ढा न खोदें,
इस दिशा में भूमिगत पानी की टंकी रखने की व्यवस्था बिल्कुल न करें. इससे
आपके घर के सदस्यों को हानि पहुँच सकती हैं.
उत्तर दिशा (North) –
·
वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि आप उत्तर दिशा में अपने
घर का मुख्य द्वार बनवाना चाहते हैं तो ऐसे घर में जब पूरे भवन का निर्माण हो
जाए तो उसके बाद उत्तर दिशा की चार दीवारों को बनवाएं. यदि आप ऐसा नहीं करते
हैं तो आपको धन की हानि तथा विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड सकता
हैं.
·
यदि उत्तर दिशा वाले घर के निवासी भी अपने घर में किरायेदार
रखना चाहते हैं तो पूर्व दिशा वाले घरों की ही तरह किरायदारों के रहने का स्थान
नीचे बनवाएं और खुद के रहने का स्थान उसके ऊपर वाली मंजिल पर बनवाएं.
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घर की इस दिशा में कभी भी कोई ख़राब समान या वस्तु न
रखें. इससे आपके घर में आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं.
Ghar ke Main Gate ke liye Vastu Tips |
·
घर में जल का प्रवेश तथा बहाव की व्यवस्था हमेशा ईशान
कोण की ओर करें.
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उत्तर दिशा वाले घर में रसोई का स्थान आग्नेय कोण तथा
पूजा घर का स्थान ईशान कोण में बनाएं. इससे आपके घर में हमेशा सुख –
शांति पूर्ण वातावरण बना रहेगा.
·
घर में यदि खाली स्थान छोड़ रखा हैं या बरामदा बना
रखा हैं तो उस भाग को नीचे की ओर रहने दे . इससे आपके घर के पारिवारिक
सुख और धन में वृद्धि होती हैं.
दक्षिण दिशा (South) –
·
जिस घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर हो उस घर
में हमेशा जल निकासी की व्यवस्था उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए. ऐसा करने से
उस इस घर की महिलाओं की तबियत हमेशा ठीक रहती हैं तथा घर के पुरुष
यशस्वी होते हैं.
·
यदि दक्षिण दिशा मुखी घर के सामने कोई ऊंचा पहाड़, टीला
या भवन हैं तो इस स्थान का इस घर पर विशेष और शुभ प्रभाव पड़ता हैं.
·
दक्षिण मुखी भवन के दक्षिण भाग में बोरिंग या कुआं न
बनवाएं. इससे घर के धन का नाश होता हैं, अचानक ही दुर्घटना होने के
योग बनते हैं तथा घर में मृत्यु होने की सम्भावना बनती हैं.
·
इस घर की दक्षिण दिशा में बनने वाले कमरों के फर्श को
ईशान, पूर्व तथा उत्तर दिशा के फर्श से ऊंचा रखने का प्रयास करें.
घर के मुख्य द्वार की दिशा के अनुसार घर पर कैसे प्रभाव पड़ते
हैं इस बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे तुरंत कमेंट करके जानकारी हासिल कर
सकते हैं.
Bhavan ke Mukhy Dvar ki Vibhinn Dishaon ke liye Vishesh Jankari |
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दक्षिण पूर्व घर के बारे में वास्तु टिप्स दें
ReplyDeleteअमर जी,
ReplyDeleteआप नीचे दिए लिंक से दक्षिण पूर्व मुखी घर के वास्तु के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हो और किसी भी तरह का संदेह होने पर दोबारा कमेंट अवश्य करें.
http://www.jagrantoday.com/2016/02/aagneyamukhi-bhavan-ka-vaastu-vaastu.html
संपर्क के लिए धन्यवाद
जागरण टुडे टीम