मकोय, रसभरी (Solanum Nigrum)
मकोय को आमभाषा में रसभरी के नाम से जाना जाता हैं लेकिन कुछ स्थानों पर इसे काकमाची और भटकोंइया भी कहा
जाता हैं.
मकोय का पौधा (Solanum Nigrum’s Plant) –
मकोय के फल का पौधा अपने आप हर जगह उग जाता हैं. यह बहुत ही छोटा सा होता
हैं. यह अधिकतर भारत के ऐसे स्थानों पर पाया जाता हैं. जहाँ पर ज्यादा छाया
अर्थात गर्मी का कम प्रभाव रहता हैं. मकोय के पौधे पर वर्षभर फूल और फल
लगते हैं. मकोय के पौधे की शाखाएँ करीब एक से डेढ़ फुट लम्बी
होती हैं. इस पौधे की शाखाओं पर कुछ रेखाएं उभरी हुई होती हैं.
पत्ते (Leaves) - इसके पत्तों का रंग हरा होता हैं तथा
इनका आकार आयताकार या अंडाकार होता हैं. इसके पत्तों की लम्बाई 2 से 3
इंच तक होती हैं और चौड़ाई 1 से देश इंच तक होती हैं. ये दन्तुर या खण्डित
पाए जाते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संतरा एक महत्वपूर्ण रसीला और स्वादिष्ट फल ...
Rasbhari Khayen Aur Chintamukt ho Jaayen |
फूल (Flower) – मकोय के पौधे पर छोटे – छोटे सफेद रंग के
फूल उगते हैं. इस पौधे की एक शाखा पर करीब 3 से 8 की संख्या में फूल लगते
हैं.
फल (Fruit) – मकोय के पौधे पर फल भी फूलों की तरह ही छोटे – छोटे होते हैं.
इसके पौधे पर यह फल शुरूआती अवस्था में हल्के हरे – हरे रंग के होते हैं.
जिनका रंग पकने के बाद नीला, बैंगनी, पिला या लाल रंग का हो जाता हैं. ये
फल गोलाकार के होते हैं. मकोय के फलों के अंदर छोटे – छोटे बैंगन के बीज
की तरह छोटे – छोटे बीज होते हैं. ये फल खाने में बहुत ही मीठे और
स्वादिष्ट होते हैं.
विभिन्न रोगों में मकोय का इस्तेमाल (Solanum Nigrum Uses in Various
Disease)
1.अपच (Indigestion) – यदि किसी व्यक्ति को भोजन
न पचने की समस्या हो तो उसे रसभरी का प्रयोग जरूर करना चहिये. रोजाना रसभरी का
सेवन रोजाना सुबह खाली पेट करने से अपच की समस्या ठीक हो जाती हैं.
2.वात, कफ और पित्त (Vat, Cuff And Bile) – मकोय का सेवन वात – पित और
कफ के रोग से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता हैं.
3.सूजन और दर्द (Swelling And Pain) – अगर किसी व्यक्ति के शरीर
के किसी भाग में सुजन आ गई हो या शरीर में निरंतर दर्द रहता हो तो
रसभरी का सेवन प्रतिदिन करें. आपको दर्द और सूजन में काफी आराम मिलेगा.
4.शुगर का रोग (Sugar Disease) – यदि किसी व्यक्ति को शुगर
की बीमारी हो और इस रोग के कारण ही उसको अपने शरीर में कमजोरी महसूस हो रही
हो तो इस रोग को दूर करने के लिए मकोय के बीज लें और उन्हें सुखा लें.
जब बीज अच्छी तरह से सुख जाएँ तो इन्हें पीसकर बारीक़ चुर्ण तैयार कर लें.
इसके बाद इस चुर्ण का सेवन रोजाना एक चम्मच की मात्रा में दिन में दो
बार करें. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT सीताफल के औषधीय गुण व लाभ ...
रसभरी खाएं और चिंतामुक्त हो जाएँ |
5.किडनी का रोग (Kidney Disease) – किडनी से सम्बन्धित किसी
भी प्रकार के रोग के होने पर आप रसभरी की सब्जी बना कर उसका सेवन कर सकते
हैं. इसके अलावा किडनी की बिमारियों से निजात पाने के लिए 10 ग्राम सुखा पंचांग
लें और उसमें करीब 300 ग्राम पानी डालकर उबाल लें. अच्छी तरह से उबालने
के बाद इस काढ़े का सेवन रोजाना दिन में दो बार अवश्य करें. किडनी के सभी
रोगों से छुटकारा मिल जाएगा.
6. हृदय गति (Heart Speed) – यदि किसी बुजुर्ग
व्यक्ति के हृदय की गति कम हो गई हैं और उसे शरीर में कमजोरी महसूस होती
हैं. तो इन दोनों ही परेशानियों से मुक्त होने के लिए 10 ग्राम पंचांग लें
और उसका काढा बनाकर पी लें.
इस समस्या के निदान हेतु आप एक और उपाय कर सकते हैं. इस
उपाय को करने के लिए 10 ग्राम मकोय का पंचांग लें, 5 ग्राम अर्जुन के पेड़ की
छाल लें और आधा लीटर पानी लें. अब एक बर्तन लें और उसमें आधा लीटर
पानी डालने के बाद मकोय का पंचांग और अर्जुन की छाल डाल दें. इस पानी को तब तक
उबालें जब तक की ये पानी घटकर आधे से भी कम न रह जाएँ. इसके बाद पानी का सेवन
कर लें. रोजाना इस पानी को पीने से बुजुर्ग व्यक्ति के हृदय की गति पहले की
तरह हो जायेंगी और उन्हें शरीर में कमजोरी का भी एहसास नहीं होगा.
7.लीवर (Lever) – लीवर ख़राब होने पर, पेट
में पानी भरने पर, आँतों में इन्फेक्शन होने पर भी आप मकोय के फल का
प्रयोग कर सकते हैं. इन सभी बिमारियों से निजात पाने के लिए रोजाना मकोय की
सब्जी बनाएं और उसका सेवन करें.
इसके अलावा इन सभी बिमारियों से निजात पाने के लिए 10
ग्राम मकोय का पंचांग लें और इसका रोजाना काढा बनाकर सेवन करें. आपको सभी रोगों
में आराम मिलेगा.
Rasbhari ka Aushdhiya Prayog |
8.पीलिया (Jaundice) – यदि किसी व्यक्ति को
पीलिया रोग हो गया हो तो मकोय की कुछ पत्तियां लें और इन्हें पीसकर इसका रस
निकाल लें. इसके बाद मकोय की पत्तियों के 4 चम्मच रस को एक गिलास पानी में
मिलाकर पी लें. पीलिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाएगा.
9.नींद (Sleep) – अगर आपको रात को नींद न
आती हो तो इस परेशानी को दूर करने के लिए 10 ग्राम मकोय के पौधे की जड़ लें
और धोने के बाद इसका काढा बना लें और इसका सेवन गुड़ मिलाकर करें.
10. त्वचा (Skin) – यदि आपकी त्वचा अधिक रुखी हो या त्वचा से
सम्बन्धित अन्य कोई परेशानी हो तो भी आप मकोय का प्रयोग कर सकते हैं.
11. सर्दी, खांसी (Cold And Cough) – सर्दी. खांसी, श्वास
रोग और हिचकी को बंद करने के लिए भी आप रसभरी का सेवन कर सकते हैं.
मकोय के अधिक औषधीय उपायों को जानने के लिए आप नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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मकोय (Solanum nigrum) और रसभरी (Physalis peruviana) दो अलग अलग वनस्पतियाँ हैं. चेक करके लिखा करें, भ्रम न फैलाएं.
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