वास्तु शास्त्र में बिस्तर
( Vaastu Tips for
Bedroom )
शयनकक्ष घर के उस
कमरे को कहते है जहाँ आप आराम फरमाते है और अगर आप शादीशुदा है तो आपका यही कमरा
आपके जीवन के कुछ यादगार पलों का साक्षी होता है. अकसर ये माना जाता है कि मनुष्य
अपने जीवन का लगभग 33 % हिस्सा इसी कमरे में बिताता है. किन्तु अगर आपके इसी खास कमरे
में कोई वास्तुदोष हो जाएँ तो, यही कमरा आपके ऐसे पलों का साक्षी बन जाता है
जिन्हें आप भूलने की कोशिश करते हो. साथ ही वास्तुदोष के कारण ये कमरा आपके बुरे
स्वास्थ्य का कारण भी बनता है और ये आपके आलस को दूर करने के स्थान पर आपकी
कार्यक्षमता को कम कर देता है. इसलिए जरूरी है कि आपका कमरा सही वास्तु विज्ञान से
बना हो. तो आओ जानते है कि शयनकक्ष को बनाते वक़्त किन वास्तु सिद्धांतों को स्मरण
रखना चाहियें. CLICK HERE TO KNOW रसोई के लिए वास्तु ...
Vastushastra or Shyankaksh |
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दिशा और
शयनकक्ष ( Bedroom
and Direction ) : वास्तुशास्त्र में हर दिशा का अपना एक स्थान और
अपना एक महत्व होता है तो आओ जानते है कि शयनकक्ष में दिशायें क्या भूमिका निभाती
है.
§ पूर्व दिशा ( East Direction ) : पूर्व दिशा में बना शयनकक्ष सिर्फ बच्चों के लिए लाभकारी होता है, अगर
पूर्व दिशा में बने शयनकक्ष में कोई युवा या बड़ा व्यक्ति सोता है तो उन्हें भयंकर
रोग की संभावना बनी रहती है, साथ ही धन की हानि भी होती है.
§ दक्षिण – पूर्व दिशा ( आग्नेय ) ( South - East Direction ) : इस दिशा में बना शयनकक्ष भी स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, साथ ही अगर
आप किसी कानूनी कार्यवाही में उलझे हुए हो तो आपको वहां भी असफलता का मुंह देखना
पड़ता है. वास्तुशास्त्र में ये भी माना जाता है कि इस दिशा में बने बिस्तर पर सोने
से महिला को बांझपन हो जाता है या महिला को मानसिक या शारीरिक रोग से ग्रस्त
विकलांग संतान पैदा होती है. CLICK HERE TO KNOW वास्तु की नज़र में पूजाघर ...
वास्तुशास्त्र और शयनकक्ष |
§ उत्तर पूर्व दिशा ( ईशान ) ( North - East Direction ) : इस दिशा में बना शयनकक्ष दम्पति के बीच के रिश्तों पर बुरा प्रभाव
डालता है, साथ ही ये दिशा इनकी कामेच्छा को भी कम कर देती है, जिस कारण गृह क्लेश
होने लगते है और दंपति को आर्थिक और सामजिक मान हानि को झेलना पड़ता है.
§ पश्चिम दिशा ( West Direction ) : इस दिशा को शयनकक्ष के लिए बहुत शुभ माना जाता है क्योकि ये शयनकक्ष
के मुख्य उद्देश्य आराम, शांति व विश्राम को पूरा करता है. साथ ही मुखिया की घर
में आदर्श स्थिति बनी रहती है.
§ दक्षिण - पश्चिम दिशा ( नैत्रत्य ) ( South – West Direction ) : दक्षिण पश्चिम दिशा बिस्तर के लिए आदर्श दिशा है, इस दिशा में सोने
वाले व्यक्तियों के पास धन की कभी कमी नहीं रहती और ना ही इनका कभी स्वास्थ्य खराब
होता है. साथ ही इनके घर में सुख समृद्धि बढती रहती है और ये जातक अपनी
जिम्मेदारियों का पुर्णतः निर्वाह करते रहते है.
§ उत्तर दिशा ( North Direction ) : ये दिशा सोने वाले जातक के मन में बेचैनी, मन की अशांति और गुस्सा
पैदा करती है, इसलिए कोशिश करें कि इस दिशा में शयनकक्ष ना बना हो.
§ उत्तर पश्चिम दिशा ( वायव्य ) ( North – West Direction ) : इस कोने को आप चंचल कोण का नाम दे सकते हो क्योकि ये दिशा प्यार
मोहब्बत के लिए उत्तम है, साथ ही अगर आपके घर में मेहमान आते है तो आप उन्हें भी
इसी दिशा में बने कक्षा में रखें. इससे अथिति संतुष्ट भी रहते है और आपका मान भी
बढ़ता है. इस दिशा के खास होने की एक वजह ये भी है कि इस दिशा में हमेशा वायु का
प्रवाह होता रहता है. अगर इस कोण में बने कक्ष का इस्तेमाल कोई कन्या करती है तो
जल्द ही उसके विवाह के योग भी बनते है.
Architectural Tips and Bedroom |
· सोते समय सिर की स्थिति ( The Position of Head while Sleeping ) : शयनकक्ष के निर्माण की दिशा के साथ साथ इस कमरे में सोने के समय सिर
की दिशा भी अहम होती है. तो आओ अब देखते है कि सोते वक़्त सिर किस दिशा में होना
चाहियें.
- उत्तर या दक्षिण दिशा ( North – South Direction ) : अगर सोते वक़्त आपका सिर उत्तर या फिर दक्षिण दिशा की तरफ होता है तो
इसे आपकी आयु कम हो जाती है.
- पूर्व दिशा ( East Direction ) : बच्चों और विद्यार्थियों को हमेशा पूर्व दिशा की तरफ सिर करके ही
सोना चाहियें क्योकि ये दिशा बच्चों में ज्ञान और विद्या को प्रवाहित करती है. साथ
ही ये बच्चों की मानसिक स्थिति को मजबूत कर उन्हें हर स्थिति से लड़ने और उसमे
सफलता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है.
- पश्चिम दिशा ( West Direction ) : ये दिशा चिंता को बढाती है, अगर सोने की इस दिशा को जल्द नही बदला
जाता तो जातक को अनेक विपदाओं, परेशानियों और कष्टों को भुगतना पड़ता है.
वास्तुशास्त्र में शयनकक्ष का महत्व |
- दक्षिण दिशा ( South Direction ) : दक्षिण दिशा में सोने से एक चुम्बकीय तरंगों का प्रवाह होता है जिससे
जातक को अच्छी और चैन की नींद आती है.
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शयनकक्ष
में दर्पण (
Mirror in Bedroom ) : शयनकक्ष में दर्पण का होना बहुत ही अशुभ माना
जाता है खासतौर पर उस बिस्तर को तो बिलकुल भी इस्तेमाल नही करना चाहियें जिस पर
शीशा लगा हो. फिर भी आजकल सब ऐसा ही बेड खरीदते है. ये दम्पति के रिश्तों पर गहरा
प्रभाव डालता है.
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शयनकक्ष
में क्या ना करें (
What Should Not Do in Bedroom ) : शयनकक्ष में दो
बातों का ख़ास ध्यान रखना होता है पहला तो ये कि शयनकक्ष में पूजाघर ना हो क्योकि
इससे ईश्वर गुस्सा होते है और दूसरा शयनकक्ष में कभी भी खाना नहीं खाना चाहियें.
अगर आपके घर छोटा है तो शयनकक्ष में बने मंदिर पर मोटा पर्दा लगायें रखें.
Kis Disha mein Ser Karke Sona Chahiyen |
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शयनकक्ष
में अलमारी (
Cupboard in Bedroom ) : अगर आप अपने शयनकक्ष में अलमारियों को बनवाना
चाहते हो तो उन्हें दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ ही बनवाएं, साथ ही ध्यान रखें कि
वे उत्तर व पूर्व की दिशा की तरफ खुलें.
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शयनकक्ष
का रंग ( Color of
Bedroom ) : वैसे तो शयनकक्ष की दीवारों का रंग हमेशा हल्का
ही रखें किन्तु अगर आप नवदम्पति है तो आप कमरे में आसमानी या फिर लाल रंग का
इस्तेमाल करें, इससे आप दोनों के बीच में प्रेम बढ़ेगा और आपका रिश्ता हमेशा
खुशियों से भरा रहेगा. दम्पति के बिस्तर पर एक ही गद्दा इस्तेमाल करने से उनका
रिश्ता भी हमेशा जुडा रहता है और आप कमरे में पक्षियों का चित्र भी जरुर लगायें
इससे आप दोनों खुद को लव बर्ड की तरह महसूस करोगे.
शयनकक्ष से जुड़े ऐसे
ही अन्य वास्तु ज्ञान और सिद्धान्तों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
Bedroom mein Pyar Badhane ke Vastu Tips |
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