सूखा च्यवनप्राश (Dry Chyavanaprash)
1.सूखा च्यवनप्राश बनाने के लिए जड़ी बूटियों का पाउडर (जड़ी
बूटियों का पाउडर बनाने की सामग्री और विधि के लिए आप “घर पर च्यवनप्राश कैसे बनाए” पोस्ट पर क्लिक करें)
लें और शक्कर लें. अब इन दोनों को अच्छी तरह से उबाल लें.
2.इसके बाद जब चार तार की चाशनी बन जाएँ तो इसे अच्छी
तरह से ठंडा कर लें. या इसे बर्तन में एक दिन तक ऐसे ही रहने दें. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT घर पर च्यवनप्राश कैसे बनाएं ...
Chyavanaprash ki Visheshtayen |
3.ठंडा करने के बाद इसका बूरा बना लें.
4.बूरा बनाने के बाद आंवले की पिट्ठी लें और इसमें
मिला दें. इसके बाद इसमें सारा सूखा पाउडर मिला दें. इसमें शहद का
प्रयोग न करें और पिट्ठी और सूखा पाउडर मिलाकर इसका दुबारा बूरा बना
लें.
इस प्रकार आपके दोनों ही च्यवनप्राश बन जायेंगे. आप इन दोनों ही च्यवनप्राश की
एक चम्मच का सेवन आप सुबह शाम को एक गिलास दूध के साथ कर सकते हैं.
च्यवनप्राश की विशेषताएँ (Features of Dry Chyavanaprash)
1.च्यवनप्राश में कुछ ऐसे पदार्थों को भी मिलाया जाता हैं.
जिनमें विटामिन सी की मात्रा विद्यमान होती हैं. जिससे जो भी व्यक्ति
च्यवनप्राश का नियमित रूप से सेवन करता हैं. उसके शरीर की जीवन शक्ति, फुर्ती
और प्रसन्नता बढती हैं तथा वृद्ध होने के बाद भी व्यक्ति के शरीर में
युवाओं जैसी स्फूर्ति, कार्य करने की सक्रियता बढती हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT जच्चा के लिए पौष्टिक हरीरा ...
च्यवनप्राश की विशेषताएँ |
2.आयुर्वेद के अनुसार च्यवनप्राश भूख को
बढाने वाला, वात को नष्ट करने वाला, शुक्राणु की वृद्धि करने वाला, खांसी, श्वास, पित्त रोग का शमन करने वाला हैं.
3.
च्यवनप्राश का सेवन करने से मनुष्य के मस्तिष्क की स्मरण
शक्ति का विकास होता हैं.
4.च्यवनप्राश कांतिवर्धक एवं वर्ण वर्धक भी होता हैं.
5.च्यवनप्राश एक बहुत ही उत्तम औषधि और पौष्टिक
खाद्य पदार्थ हैं. च्यवनप्राश का मुख्य रूप से आधार आंवला हैं तथा इसे
ही इसका प्रमुख घटक माना जाता हैं. च्यवनप्राश जठराग्नि वर्धक तथा ताकतवर्धक
होता हैं. इसीलिए इसका सेवन हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए.
6.आमतौर पर सभी लोगों का मानना हैं कि च्यवनप्राश का सेवन
केवल सर्दी के मौसम में ही करना चाहिए. लेकिन यह केवल लोगों के मन की
भ्रान्ति हैं. च्यवनप्राश का सेवन कोई भी किसी भी मौसम में कर सकता हैं.
गर्मी के मौसम में इसे खाने से अधिक गर्माहट महसूस नहीं होती. क्योंकि यह मुख्य
रूप से आंवले का ही प्रयोग करके बनाया जाता हैं. जिससे यह पित्त का शमन
करता हैं.
7.च्यवनप्राश में आंवले का प्रयोग करने के साथ – साथ 56
प्रकार की जड़ी – बूटियों का प्रयोग किया जाता हैं तथा इसमें हिमालय की
प्रमुख बूटी व्रजबला को भी मिलाया जाता हैं.
सूखा च्यवनप्राश |
च्यवनप्राश के लाभ (Benefits of Chyavanaprash)–
1.
च्यवनप्राश का सेवन बच्चे, बूढ़े, क्षत क्षीण, स्त्री
सम्भोग से क्षीण तथा शोषरोगी कर सकते हैं.
2.च्यवनप्राश का सबसे अधिक फायदा हृदय रोग से पीड़ित
तथा क्षीण स्वर वाले व्यक्ति को होता हैं.
3.इसका सेवन करने के बाद व्यक्ति को मूत्र रोग, छाती की
अकडन तथा खांसी से छुटकारा मिल जाता हैं.
4.इसका सेवन यदि वृद्ध व्यक्ति रोजाना करें. तो उसे
कभी भी अपने शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती.
5.च्यवनप्राश को खाने से फेफड़े मजबूत होते हैं, हृदय की
शक्ति बढती हैं, पुरानी से पुरानी खांसी ठीक हो जाती हैं तथा दमे के लिए यह
बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता हैं.
Rogon se Rahat Dilayen Chyavanprash
6.
इसके अलावा इसका सेवन करने से क्षय रोग और हृदय रोग नष्ट
हो जाते हैं, व्यक्ति के शरीर की भूख बढती हैं. अगर कुछ शब्दों में
च्यवनप्राश की विशेषताओं को गिनाना हो तो यह कहा जा सकता हैं कि च्यवनप्राश
पुरे शरीर की कार्य प्रणाली में सुधार करने वाला खाद्य पदार्थ हैं.
च्यवनप्राश का सेवन कितनी मात्रा में करें (How to Eat
Chyavanaprash)
च्यवनप्राश का सेवन केवल बीमारी की हालत में ही नहीं करना चाहिए. इसका
सेवन आप स्वस्थ रहने पर भी कर सकते हैं. क्योंकि यह बीमारी की केवल दवा
ही नहीं बल्कि मनुष्य शरीर के लिए एक उत्तम और सर्व श्रेष्ठ पदार्थ हैं.
बच्चे (Children) – बच्चों को रोजाना 5 से 10 ग्राम तक च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए.
बड़े तथा बड़े (Elder) – बड़े बूढों को रोजाना दिन में कम से कम 15 से
20 ग्राम की मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए. यह बहुत ही लाभकारी
होता हैं.
Chyavanprash ke Labh Fayde |
इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि च्यवनप्राश का सेवन करने से 2
घंटे पहले तथा 2 घंटे बाद तक दूध का बिल्कुल भी सेवन करें.
च्यवनप्राश बनाने की विधि और लाभ के बारे में अधिक जानने के
लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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