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Ek Bahuupyogi Aushdhi Bathua | एक बहुउपयोगी औषधि बथुआ | Very Useful Medicine Chenopodium Alba


बथुआ ( Chenopodium Alba )
गुणों की खान कहे जाने वाले साग बथुये को संस्कृत में वास्तुक व क्षारपत्र के नाम से भी जाना जाता है. इसमें ऐसे अनेक पौषक तत्व पाए जाते है जो हर तरह से शरीर के लिए लाभदायी सिद्ध होते है. इसीलिए इसे स्वास्थ्य के लिये एक बहु उपयोगी सब्जी माना जाता है. हर घर की गृहणी इस साग से परिचित है साथ ही वे इसका उपयोग बथुए की सब्जी, रायता या पराठे बनाने में भी जरुर करती है. बथुए की खेती ज्यादातर सर्दियों के मौसम में की जाती है जहाँ ये सर्दियों में होने वाली बीमारियों को दूर रखता है वहीं खून को साफ़ कर त्वचा को निखार प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होता है. 

ये एक ऐसा साग है जो हर उम्र के व्यक्ति के लिए लिए फायदेमंद होता है किन्तु किसी भी चीज की अति हानिकारक होती है अर्थात आप इसका सेवन सिमित मात्रा में ही करें और गर्भवती स्त्री तो इसका सेवन बिलकुल भी ना करें अन्यथा उन्हें गर्भपात होने का ख़तरा बना रहता है. किन्तु वे स्त्रियाँ जिन्हें अनियमित समय में ही माहवारी आने की समस्या है उन्हें और पेट संबंधी विकारों से परेशान लोगों को बथुआ जरुर खाना चाहिए. तो आओ अब बथुए से जुड़े ऐसे ही कुछ अन्य लाभों के बारे में भी जान लेते है. CLICK HERE TO KNOW धनिया के 8 चमत्कारी फायदे ...
Ek Bahuupyogi Aushdhi Bathua
Ek Bahuupyogi Aushdhi Bathua
बथुए में पाए जाने वाले पौषक तत्व ( Nutrients found in Bathua ) :
·     विटामिन ए और डी ( Vitamin A and D )

·     फ़ास्फ़रोस ( Phosphorous )

·     कैल्शियम ( Calcium )

·     पोटैशियम ( Potassium )

·     नाइट्रोजन ( Nitrogen )

·     कार्बोहायड्रेट ( Carbohydrate )

·     लौह तत्व ( Iron )

·     कैरोटिन ( Carotene )

·     खनिज लवण ( Mineral Salts )

·     थायेमिन ( Thymine )

बथुए के स्वास्थ्य लाभ ( Health Benefits of Chenopodium Alba ) :
·     बवासीर भगायें ( Remove Hemorrhoids Problem ) : सर्दियों में उगायें जाने वाले बथुए को अगर रोजाना सुबह शाम खाया जाएँ तो बवासीर जैसी भयानक समस्या से भी आसानी से निजात पाया जा सकता है. बवासीर से मुक्ति पाने के लिए आप बथुए का साग खाएं तो अधिक लाभ मिलेगा. CLICK HERE TO KNOW मुंह की दुर्गन्ध दूर करने के उपाय ...
एक बहुउपयोगी औषधि बथुआ
एक बहुउपयोगी औषधि बथुआ
·     प्लीहा वृद्धि ( Increase Spleen ) : कुछ बीमारियों का असर सीधा प्लीहा अर्थात गले की तितली पर पड़ता है किन्तु अगर बथुए को काली मिर्च और कुछ मात्रा में सेंधा नमक के साथ उबाल कर खाया जाएँ तो इससे प्लीहा वृद्धि जैसी समस्या से भी निजात मिलती है और धीरे धीरे तितली अपनी सही स्थिति और आकार में आ जाती है. 

·     पाचन तंत्र ठीक रखे ( Extend Digestion Power ) : वे लोग जिनको कम भूख लगती है, खाना नहीं पच पाता, खट्टी खट्टी ढकारें आने लगती है या पेट में कब्ज बनने लगती है उन्हें कुछ हफ़्तों तक रोजाना उबले हुए बथुए का सेवन करना चाहियें. 

·     मारे पेट के कीड़े ( Destroy Intestinal Worms ) : जैसाकि हमने पहले भी बताया कि बथुआ पेट की समस्याओं का रामबाण इलाज है इसलिए जब बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते है तो उन्हें सबसे पहले बथुए का साग ही खिलाया जाता है क्योकि इसमें पाए जाने वाले तत्व पेट के कीड़ों को मारकर राहत पहुंचाते है. 
Very Useful Medicine Chenopodium Alba
Very Useful Medicine Chenopodium Alba
·     पीलिया में लाभकारी ( Beneficial in Jaundice ) : गिलोय हर मर्ज की दवा मानी जाती है और जब इसके रस को बथुए के साथ मिला दिया जाता है तो इसका लाभ भी बढ़ जाता है. इनका यही मिश्रण पीलिया से पीड़ित लोगों के लिए एक वरदान की तरह काम करता है. किन्तु इसकी एक मात्रा सिमित होनी चाहियें. अर्थात रोगी को दिन में 2 बार 25 ग्राम की मात्रा में ही इस मिश्रण को पिलायें. 

·     प्रसव संक्रमण ठीक करें ( Cures Delivery Infection ) : गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक महिला के शरीर में अनेक तरह के बदलाव होते है जिनका मुख्य कारण हार्मोन का बनना और बिगड़ना होता है. इसी प्रक्रिया में प्रसव के बाद स्त्रियों को कुछ संक्रमण तक होने की स्थिति बनी रहती है. इसलिए किसी भी समस्या को दूर रखने के लिए आप स्त्री को प्रसव के बाद 10 से 15 दिनों तक 10 ग्राम बथुए में आजवायन, गुड और मेथी मिलाकर खिलाएं. 

·     पेशाब संबंधी संक्रमण ( Protects from Urinal Infection ) : कुछ लोगों को पेशाब से संबंधी अनेक रोग होते है जैसेकि पेशाब का रुक रुक कर आना इत्यादि. अगर ये लोग रोजाना बथुए की पत्तियों का 10 ग्राम रस 50 ग्राम पानी के साथ मिलाकर लें तो इन्हें जरुर आराम मिलेगा. 

·     खून की सफाई ( Blood Purifier ) : कोई भी हरा साग जैसेकि पालक, घीया, तोरी या बथुआ सभी खून को साफ़ करते है और रक्त प्रवाह को बनायें रखते है. बथुए को खून साफ़ करने के लिए आप बथुए की 4 पत्तियों के रस में 4 5 नीम की पत्तियों का रस मिलाकर ग्रहण करें. आपको लाभ मिलेगा. 
सर्दी की दुआ बथुआ
सर्दी की दुआ बथुआ
·     दांतों की सम्पूर्ण देखभाल ( Completer Protection of Teeth ) : जब बथुए की पत्तियों को चबाया जाता है तो उसका रस मुंह संबंधी सभी रोगों को दूर करता है जिससे पायरिया, मुंह का अल्सर और दांतों का हिलाना भी ठीक होता है. साथ ही इससे साँसों की बदबू भी दूर होती है मुंह में ताजगी बनी रहती है.

·     पायें लम्बे रेशमी बाल ( For Long and Silky Hair ) : क्योकि बथुआ खून को साफ़ करता है और इसमें विटामिन ए की प्रचुर मात्रा पायी जाती है इसलिए बथुआ बालों के रंग को बनायें रखता है और उन्हें घना और मजबूत रखता है. 

तो इस तरह बथुआ पुरे शरीर की देखभाल करता है. बथुए के अन्य लाभों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Har Rog Bhagayen Ksharpatra
Har Rog Bhagayen Ksharpatra

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