ये
उपवास है ख़ास ( Fast is So Important for Body )
हर
दफ्तर या कारखाने का एक नियम होता है जिसके अनुसार सप्ताह में एक दिन का अवकाश रखा
जाता है, कुछ ऑफिस में तो अब दो दिन अवकाश रखा जाने लगा है. जिससे मात्र सप्ताह में
5 दिन ही काम हो पाता है. अगर इन छुट्टियों पर प्रत्यक्ष नजर से देखा जाएँ तो आपको
ये काम की हानि लगेगा लेकिन जब इन्हें परोक्ष रूप से देखा जाता है तो ये एक बड़ा
लाभ दिखाता है. दरअसल सप्ताह में 1 या 2 दिन की छुट्टी मिलने पर व्यक्ति आराम कर
पाता है जिसकी वजह से वो अपनी खोई ऊर्जा और उत्साह को वापस पा लेता है और फिर से
अगले 6 दिन पुरे मन से कार्य करता है. CLICK HERE TO KNOW व्रत के प्रकार और उसकी परिभाषा ...
Rognivarak v Shaktivardhak Upvas |
ये
तो बात हुई बाहरी जीवन की अब बात करते है शरीर के अंदर की. हमारा पाचन तंत्र भी
खाना खाते ही निरंतर कार्य करता है.
अपने कार्य की प्रक्रिया के अनुसार ये बार बार फूलता और सिकुड़ता रहता है. इसके साथ
साथ अमाशय, आँते, लीवर और बाकी के तंत्र भी काम करते है. अगर हम
अपने इन सभी अंगों और इनके तंत्रों पर जरूरत से ज्यादा दबाव बनाते है या उसे ठुंसा
हुआ रखते है तो वो कस जाता है. ये स्थिति पाचन तंत्र में बाधा पैदा करती है और
उसकी कार्यक्षमता को घटाती है.
कम
खाएं अच्छा खाएं ( Eat Less Eat Better ) :
पाचन
तंत्र के इन अंगों में से रासायन निकलते है, अगर ये रासायन कम निकलने लगे
तो उससे पेट के विकार जैसेकि कब्ज दस्त इत्यादि हो सकता है. पाचन तंत्र ही शरीर का
वो तंत्र है जिसकी वजह से हम खाने से ऊर्जा ले पाते है और उसे रक्त में मिलाकर
शरीर तक पहुंचा पाते है. लेकिन अगर आप आवश्यकता से अधिक खाना खाते हो तो इससे पाचन
तंत्र में तोड फोड़ की स्थिति बन जाती है. इसीलिए आयुर्वेद भी कहता है कि कम खाना
खाने से वो जल्दी पचता है और उसकी ऊर्जा और पौषक तत्व सुव्यवस्थित तरीके से शरीर
के बाकी अंगों तक पहुँचती है. CLICK HERE TO KNOW उपवास का अर्थ लाभ और नियम ...
रोगनिवारक व शक्तिवर्धक उपवास |
बुढापे
में तो ये और भी अधिक हो जाता है कि आप कम खाएं, लेकिन लोग गलत सोचते है कि कम
खाना खाने से शरीर को कम ऊर्जा मिलती है. सीधी सी बात है अधिक खाना खाओगे तो पेट
की पाचन तंत्र की मशीन में अधिक खाना फंस जाएगा जिसके कारण उसे चलने में समस्या
आने लगेगी और खाना बिना पचे हुए ही बाहर निकल जाएगा. तो बेहतर है कि आप दिन में कई
बार खाना खाएं लेकिन थोडा थोडा खाएं.
छोटे
बच्चों का भी रखें ध्यान ( Take Care for Children’s
Food ) :
सभी
छोटे बच्चों से प्रेम करते है जिसके कारण जब भी हम उनके साथे खेलते है तो उन्हें
कुछ ना कुछ खिलाने लगते है इस तरह उनका पेट जरूरत से ज्यादा भरा रहता है. अगर ऐसी
आदत उसे शुरू में ही लग जाती है तो उसका पाचन तंत्र कभी सही से कार्य नहीं कर
पाता. उनका शरीर ही नहीं बल्कि पेट भी कोमल होता है अगर उसमें अनावश्यक ही भोजन भर
दिया जाएँ तो ये उनके पेट के मरण के समान ही होता है.
Fast for Preventing Diseases and Increase Power |
उपवास
( Fast ) :
उपवास
को कोई भी शरीरिक लाभ की दृष्टि से नहीं देखता और ना ही रखता है, सभी इसे
मात्रा एक धार्मिक क्रिया ही मानते है. इनका अधिक उत्साह भी महिलाओं में ही देखा
जाता है लेकिन वे भी इसमें अनियमितता अधिक बरतती है. इसके अलावा उपवास के दिन
इन्हें खाने के लिए कुछ स्वादिष्ट पकवान जैसे आलू, कुट्टू,
सिंघाड़े और फल मिलते है, जिनकी चाह में ये
पहले से भी अधिक खाना खा लेते है जो इनके उपवास के फल को एक हानिकारक परिणाम में
बदल देता है. क्योकि इस दिन तो उपवास रखने वाले को सात्विक भोजन और फलाहार ही करने
चाहियें वो भी दिन में मात्र एक ही बार. इनके अलावा आप शाकों को उबालकर उनका रस या
फलों का रस पी सकते है. दूध, दही या छाछ भी अच्छे रहते है.
वास्तविक
उपवास ( Real Fast ) :
वास्तविक
उपवास उसे माना जाता है जब दिन में मात्रा पानी ही पीया जाएँ वो भी दिन में कई बार
लेकिन थोड़ी थोड़ी मात्रा में, इससे ना तो पेट व वजन पड़ता है और ना ही
भार. एक तरह से देखा जाएँ तो उस दिन पेट को कम्पलीट रेस्ट मिलता है. अगर आप उस दिन
पेट की सफाई करना चाहें तो आप उपवास वाले दिन थोडा पानी गुनगुना करें और उसमें
थोडा सा नीम्बू, सोडा, तुलसी के पत्ते,
शहद और गुड मिलाकर चाय की तरह पियें. ये उपाय पेट की ऐठन को भी कम
करता है.
वास्तविक व्रत उपवास क्या है |
पशु
पक्षियों में एक ख़ास बात होती है कि जब भी उनमें कोई बीमार होता है तो वे खुद ही
अपना उपचार कर लेते है. अपने उपचार के लिए भी निराहार रहते है इससे उनकी जीवन
शक्ति एकत्रित हो जाती है और वो सारी शक्ति रोगों से लड़ने में लग जाती है. अगर
मनुष्य भी चाहे तो खुद को रोगमुक्त रखने के लिए इस सबसे सुलभ उपचार को अपना सकते
है. इसीलिए सप्ताह में कम से कम एक बार उपवास अवश्य रखना चाहियें क्योकि हमारे पेट
को भी आराम का अधिकार है. अगर आप पुर्णतः निराहार नहीं रह सकते तो आप खिचड़ी जैसे
हल्के भोजन का सेवन कर सकते हो. साथ ही अगले दिन जब आप अपना उपवास तोड़ों तो आप एक
साथ अधिक खाना ना खाएं बल्कि पहले थोडा खाएं फिर अपनी पूरी डाइट लें.
रोगमुक्त
और स्वस्थ रहने के ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों और उपायों को जानने के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Vrt ke Din Kya Khaayen or Kya Nahi |
Rognivarak
v Shaktivardhak Upvas, रोगनिवारक व शक्तिवर्धक उपवास, Fast for Preventing
Diseases and Increase Power, वास्तविक व्रत उपवास क्या है, Vrt ke Din Kya Khaayen or
Kya Nahi, Ye Upvaas Hai Khaas, Kam Khayen Accha Khayen, Vrt ke Prati Galat
Dharnaa, Upvaas, Vrt
YOU MAY ALSO LIKE
No comments:
Post a Comment