रसाहर
के चमत्कारिक लाभ ( Wonderful Benefits of Fruit and Vegetable
Juice )
बेशक
आज हम आहार विज्ञान के बारे में बहुत कुछ जानते है और हमारे लिए तरह तरह के खाद्य
पदार्थ खाने के लिए उपलब्ध है. लेकिन एक सत्य ये भी है शरीर को रसाहर से ही उसकी
शक्ति पूर्ण तरीके से वापस मिलती है. रसाहार अर्थात रस का आहार ही एकलौता है जो
हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है और हमें रोगमुक्त रखने में
सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन ध्यान रहें कि रहासार के लिए आप
ताजा फल, सब्जी और अंकुरित आहार इत्यादि का ही प्रयोग करें. बासी, गले हुए या देर से कटे हुए फलों के इस्तेमाल से रोग और संक्रमण होने का
ख़तरा भी अधिक रहता है. CLICK HERE TO KNOW विषाक्त फल और सब्जियां ...
Jaanen Rasahar ke Jivan mein Fayde |
रसाहार
को लेने की विधि ( How to Take Juice ) :
रसाहार
को लेते वक़्त इस बात का ध्यान सबसे पहले रखा जाता है कि रस ताजा हो. अगर रस को
निकालकर काफी देर तक रखा गया हो तो उसे ना पियें क्योकि इस तरह रखें हुए रस में
अनेक हानिकारक एंजाइम सक्रिय हो जाते है तथा थायमिन, एस्कार्बीक एसिड इत्यादि उस रस
की सारी उपयोगिता को खत्म कर देते है. इसके अलावा वातावरण के कुछ दूषित कीटाणु भी
रस में प्रवेश कर लेते है. इस तरह के रसाहार को पीने से अच्छा होगा कि आप रसाहार
पियें ही नहीं.
दूसरी
बात ये यद् रखें कि रसाहार को एक प्याले या गिलास में डालकर आराम से बैठकर धीरे
धीरे पीना चाहियें. इस बात को भी निश्चित कर लें कि रस पीते वक़्त ऊपर वाला होंठ रस
में डूबा हो क्योकि इस तरह रस पीने से पेट में वायु प्रवेश नहीं कर पाती.
रस
निकालने की विधि ( How to Prepare Juice ) :
· टमाटर, अनानास,
नाशपाती, गाजर, ककड़ी,
आलू इत्यादि ठोस फलों और सब्जियों का जूस ( Tomato, Pineapple, Pears,
Carrot, Cucumber and Potato Juice ) : इन सभी फलों और सब्जियों के
फलों को निकालने के लिए आपको अलग अलग मशीनें बाजर में आसानी से मिल जायेंगी. ये
मशीनें हाथ से रस निकालने की अपेक्षा जल्दी रस निकालती है जोकि श्रेष्ठ रहता है.
लेकिन अगर आप हाथ से ही रस निकालना चाहते है तो आप कद्दूकस में सब्जियों को कसें
फिर उन्हें कूटकर रस निकालें. जब फल सब्जियों का रस निकल जाएँ तो आप उनके बचे हुए
पदार्थ को फेंकने के स्थान पर बेसन मिलाकर रोटी भी बना सकते हो. ये बचा हुआ पदार्थ
पेट की सफाई करता है और कब्ज को दूर करता है. CLICK HERE TO KNOW फलों और सब्जियों से पायें खूबसूरती ...
जानें रसाहर के जीवन में फायदे |
किस
रोग में कौन सा रसाहार लें ( Which Juice is Good in
These Disease ) :
· कब्ज ( Constipation ) : कब्ज को सभी रोगों की जननी
के रूप में देखा जाता है. इससे बचे रहने के लिए आप संतरे, पपीते,
करेले, नाशपाती, सेब,
बिल्व, अंजीर, मुनका,
किशमिश को 6 घंटे तक पानी में भिगोयें फिर उसका रस निकालकर पिए.
इनके अलावा आप पालक, लौकी, गाजर,
ककड़ी, आंवले और टमाटर के रस को भी पी सकते हो.
· अपच अजीर्ण ( Indigestion ) : वहीं अजीर्ण की समस्या में
अनानास, ककड़ी, संतरे, गाजर और चुकंदर
का रस ही बेहतर रहता है. इसके साथ ही भोजन करने से करीब 30 मिनट पहले अदरक का आधा
चम्मच रस भी अवश्य पियें.
· एसिडिटी ( Acidity ) : एसिडिटी होने पर आपको गाजर
और गोभी के रस को मिलाकर पीना चाहियें. साथ ही आप ककड़ी, लौकी,
सेब, तरबूज, मौसमी,
पट्ठे, केले और पपीते का रस भी पी सकते हो.
अगर एसिडिटी ज्यादा है तो ठंडा दूध या गाजर का रस पियें.
· दस्त ( Diarrhea ) : जबकि दस्त में राहत पाने के लिए
आप गाजर, ककड़ी, लौकी या बिल्व फल के रस में ½ चम्मच ईसबगोल की भुस्सी
मिलाकर पियें.
Know the Benefits of Rasahaar Fruit Vegetable Juice in Life |
· शुगर ( Sugar Diabetes ) : मधुमेह के रोगियों के लिए
जामुन, गाजर, पालक, टमाटर, गाजर + टमाटर + पालक, गोभी और करेले का रस उत्तम
रहता है.
· पीलिया ( Jaundice ) : पीलिया होने पर आप मौसमी, गन्ने,
अनानास, करेले, मुली,
मुली के पत्ते, शहद और चकोतरा का रस पी सकते
है.
· वजन कम करने के लिए ( To Lose Weight ) : अगर आप अपने बढे हुए वजन से
परेशान है तो आपको तरबूज, पालक, पेठे, टमाटर, खीर, लौकी, ककड़ी और कम कैलोरी
वाली सब्जियों व फलों का रस निकालकर पीना चाहियें.
· वजन वृद्धि के लिए ( For Gaining Weight ) : लेकिन जब आप अपने वजन को
बढाने की इच्छा रख रहे है तो आपके लिए केले, आम, पपीते,
अनानास और दूध से बेहतर कुछ नहीं.
जीवन में रसाहर को शामिल करें |
· मुहँ के छाले ( in Mouth Ulcer ) : मुहँ में छाले होने पर आपको
पत्तागोभी, गाजर, चौलाई, पालक और टमाटर का
रस पीना चाहियें.
· उच्च रक्तचाप ( High Blood Pressure ) : आज के दौर की सबसे बड़ी
समस्याओं में से एक है उच्च रक्तचाप जिसके लिए लोग अपनी सारी धन संपत्ति तक खर्च
कर देते है किन्तु इसका इलाज प्याज, ककड़ी, लौकी,
गाय की छाछ, गाजर और मौसमी के रस में छिपा है.
आप सोयाबीन और दही को भी मिलाकर भी प्रयोग में ला सकते हो.
· पथरी ( Kidney Stone ) : पथरी को पिंघालने या उसे
छोटे छोटे हिस्सों में बांटने का काम सेब, मुली + पालक, इमली, टमाटर और गाजर का रस करता है. लेकिन ध्यान
रहें कि आप ऐसे फल और सब्जियों को खाने से बचें जिसमें छोटे छोटे बीज होते है.
· गुर्दे के रोग ( Kidney Problems ) : गुर्दे संबंधी सभी रोगों को
दूर रखने के लिए आप फालसे, करेले, कडकी, गाजर, अंगूर, तरबूज और अन्य खट्टे फल जैसे इमली व टमाटर का
रस अधिक से अधिक पियें.
Rasaahar ke Chamatkaarik Laabh |
· रक्तहीनता ( Anemia ) : शरीर में खून की कमी को पूरा
करने के लिए आप अंगूर, मुनक्का, भीगी हुई किशमिश, पत्ता
गोभी, पालक, टमाटर, आंवला, चुकंदर, दूर्वा और
खुरबानी इत्यादि का रस आहार में शामिल करें.
· गले के रोग ( Throat Diseases ) : लेकिन गले के रोगों से निजात
पाने के लिए गर्म पानी, गर्म पानी + नीम्बू + शहद, अनानास, गाजर + पालक + चुकंदर और लहसुन + प्याज + अमरुद का रस उपयोग में लायें.
· खांसी ( Cough ) : खांसी से परेशान रोगियों के
लिए गाजर, लहुसन, प्याज, तुलसी, नीम्बू + शहद का रस अच्छा रहता है.
· अनिद्रा ( Insomnia ) : लेकिन गाजर, + पालक,
सलाद, प्याज, लौकी,
अमरुद और सेब का रस अनिद्रा के लिए एक बेहतर उपाय के रूप में
इस्तेमाल किये जाते है.
· मुंहासें ( Acne ) : इसी तरह चेहरे पर कील
मुंहासें होने पर आलू + गाजर + चुकंदर + अंगूर, पालक + टमाटर, ककड़ी और गाजर + पालक का रस पीना चाहियें.
रोगों
से बचे रहने के लिए रसाहर और फलाहार के इस्तेमाल के बारे में अधिक जानने के लिए
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Kis Rog mein Kaun sa Juice Piyen |
Jaanen
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Peene ki Sahi Vidhi
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