कचनार
( Bauhinia )
कचनार
के आयुर्वेद में इतने अधिक औषधीय प्रयोग है कि अगर सबको इसके बारे में पता चल जाए
तो सरकार इसके तोड़ने पर ही प्रतिबंध लगा दें. किसी भी बीमार व्यक्ति के लिए इसका
सेवन अमृत के सेवन के समान गुणकारी होता है. इसके फुल सफ़ेद, स्वाद में
कैषेले और इतने खूबसूरत होते है कि देखते ही मन को मोह लेते है. ये एक ऐसा पेड़ है
जो अधिकतर बाग़ बगीचों में अवश्य देखने को मिलता है. जबकि इसके पत्ते देखने में
लसोहडे, छिवलके जैसे दीखते है, लेकिन
थोडा फर्क है क्योकि कचनार के पत्ते हमेशा जोड़े में होते है, साथ ही इसकी फली भी करीब 6 से 12 इंच लम्बी होती है. CLICK HERE TO KNOW अपामार्ग घटाएगा आपका फैट ...
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Kachnaar Bauhinia as Beneficial as Nectar |
कचनार
एक उपयोगी औषधि ( A Useful Medicine Bauhinia ) :
कचनार
का सेवन करते वक़्त कुछ बातों को ध्यान में रखना होता है जैसेकि
- छाल का सेवन ( How to Use Bark ) : मात्रा 3 से 6 ग्राम ( चूर्ण
महीन पिसा व छना हुआ )
- फूलों के रस का सेवन ( How to Use Flower ) : 10 से 20 मिलीलीटर
- छाल के काढ़े का सेवन ( How to Take Bark’s Brew ) : 40 से 80 मिलीलीटर ( शहद के
साथ )
विभिन्न
रोगों में कचनार का उपयोग ( Use of Bauhinia in
Different Diseases ) :
· बवासीर ( Piles ) : एक शीशी में कचनार की छाल का
पाउडर बनाकर भर लें और रोजाना सुबह शाम 3 ग्राम की मात्रा में 1 ग्लास छाछ के साथ
ग्रहण करें. ये बवासीर के साथ साथ बवासीर में आने वाले खून को भी नियंत्रित करता
है. CLICK HERE TO KNOW सहजन के स्वास्थ्य लाभ ...
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Kachnaar ke Rogon mein Adbhut Prayog |
· मुहं के छाले ( Mouth Ulcer ) : आप कचनार की छाल से काढा तैयार
करें और उसमें थोडा सा कत्था मिला लें. अब इस काढ़े को रुई की मदद से छालों पर
लगाएं और आराम करें.
· प्रमेह ( Gonorrhea ) : कचनार की सुखी कलियाँ लें और
पीसकर चूर्ण बना लें, अब उसमें समान मात्रा में पीसी हुई मिश्री मिलाएं. इस मिश्रण को 1 चम्मच
की मात्रा में दिन में 3 बार ग्रहण करें. कुछ हफ्ते इन्हें लगातार खाएं. अवश्य
प्रमेह में लाभ मिलेगा.
· भूख बढाए ( Increases Appetite ) : 1 कप कचनार का काढा तैयार
करें और उसमें ½ चम्मच पीसी हुई सौंठ डालें.
इस मिश्रण को दिन में 3 बार प्रयोग में लायें.
· गैस भगाये ( Removes Gastric Problem ) : गैस की समस्या को दूर करने
के लिए भी आपको 20 मिलीलीटर कचनार का काढा तैयार करना है और उसमें ½ चम्मच अजवायन का पाउडर
मिलाना है. इस प्रयोग को दिन में 2 बार अपनाने से पेट के अनेक समस्याओं जैसे अफरा
और गैस से राहत मिलती है.
· कब्ज ( Constipation ) : वहीँ कब्ज की समस्या होने पर
आपको कचनार के फूलों में मिश्री मिलाकर घोटना है और शरबत तैयार करना है. अगर इस
शरबत को प्रातः और सायं पीया जाए तो मल की सफाई होती है और कब्ज जैसी समस्या भी
दूर होती है.
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Swasthya Rakshak Sakhaa Kachnaar |
· सुजन ( Swelling ) : अक्सर शरीर के कुछ हिस्सों
में सुजन हो जाती है, ऐसे में आपको इसकी जड़ से लेप बनाना है और उसे गर्म करके उस जगह लगाना है
जहाँ सुजन है.
· खांसी या दमा ( Cough and Asthma ) : फेफड़ों के दूषित होने पर
व्यक्ति को दमे की समस्या होना आम होता है ऐसे में आपको कचनार के काढ़े में 2 चम्मच
शहद मिलाना है और दिन में सुबह दोपहर शाम ग्रहण करना है.
· दांतों के रोग ( Tooth Problems ) : अक्सर दांतों में तरह तरह के
रोगों को देखा जाता है जैसेकि पायरिया, दांतों का हिलना, दर्द, मसूढ़ों में सुजन, खून
आना इत्यादि. इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आप एक कटोरे में पानी लें और
उसमें कचनार की छाल डालकर उबालें. जब छाल अच्छी तरह उबल जाए तो पानी को एक शीशी
में भरकर रख ले और 50 मिली की मात्रा में सुबह शाम गर्म कर इससे कुल्ला करें.
· जीभ और त्वचा का सुन्नपन ( Numbness of Skin and Tongue ) : अगर जीभ या त्वचा सुन्न पड
जाए तो ऐसे में आप 3 ग्राम की मात्रा में कचनार की छाल का चूर्ण दूध या पानी के
साथ दिन में 2 बार लें.
· पेशाब में खून ( Blood in Urine ) : रोजाना प्रातःकाल और शाम को
कचनार के फूलों से काढा बनाएं और उसे पी जाएँ. ये उपाय रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर
और रक्तस्त्राव में सहायक सिद्ध होता है.
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Amrit Smaan Gunkaari Kachnaar |
· रक्त पित्त ( Rakt Pitt ) : रक्त पित्त में आराम पाने के
लिए आपको इसके फूलों का चूर्ण बनाना है और रोजाना दिन में दो बार 2 ग्राम की
मात्रा में चाटें.
· कूबड़ ( Hump ) : कुछ व्यक्ति कूबड़ की समस्या
से ग्रस्त होते है उन्हें अपने बिस्तर पर कचनार के फुल बिछाकर सोना चाहियें. तभी
उन्हें कूबड़ से राहत मिलती है. इसके अलावा एक अन्य उपाय के अनुसार उन्हें 1 ग्राम
का भी चौथाई भाग कचनार का चूर्ण और गुग्गल लेना है फिर उन्हें शहद में मिलाकर
रोजाना खाना है.
· रसूली ( Apostle ) : कचनार की छाल का ½ ग्राम पाउडर लें और उसे थोड़ी
सी सौंठ ( पीसी हुई ) और चावल का पानी मिलाएं. इस मिश्रण क उस स्थान पर लगाएं जहाँ
स्तन में गाँठ बनी हुई है.
· सिर का फोड़ा ( Boil in Head ) : अगर सिर में फोड़ा हो गया है
तो आप सौंठ, कचनार की छाल और वरना की जड़ लें और उनसे काढा तैयर करें. इस काढ़े को 30
ग्राम की मात्रा में प्रातःकाल और सायंकाल लेंने से फोड़ा जल्द ही पक जाते है.
· गले में गाँठ ( Tonsil ) : गले में गाँठ या गंठू होने
पर आप इसकी छाल से काढा तैयार करें और 20 ग्राम काढ़े में थोड़ी सी सौंठ मिलाकर
ग्रहण करें.
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अमृत समान गुणकारी कचनार |
इसके
अलावा भी कचनार के अनेक आयुर्वेदिक प्रयोग है जिनके बारे में अधिक जानने के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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