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सच में:-

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Mala Sanskaar Vidhi Jap | माला संस्कार विधि जप | Method of Purification Sacrament of Garland

माला का संस्कार ( Ordination Ritual of Garland )
आप किसी भी जप, अनुष्ठान, साधना इत्यादि जैसे धार्मिक क्रियाकलापों को देख लें उनमें माला की आवश्यकता अवश्य होती है. लेकिन इन कार्यों में संस्कारित माला का इस्तेमाल होता है जबकि हम सभी बाजार में से माला लाते है और उसका उपयोग करना आरम्भ कर देते है जोकि पुर्णतः गलत है क्योकि इस तरह जपी गयी माला का ना तो को फल मिलता है और ना ही लाभ. ऐसा करना आपके लिए पूरी तरह निरर्थक और निषिद्ध होता है, ऊपर से ऐसा करें पर आपको कुछ दोषों का ख़तरा भी बन जाता है. ऐसी स्थिति में आप कहते है कि आपने साधना तो पुरे विधि विधान और मन से की थी किन्तु उनका फल विपरीत क्यों मिल रहा है. CLICK HERE TO KNOW जप के दौरान जरूरी नियम ... 
Mala Sanskaar Vidhi Jap
Mala Sanskaar Vidhi Jap
तो अपने अधूरे ज्ञान से बाहर निकलें और पहले माला को पूर्ण मन्त्रों द्वारा संस्कारित करें. माला के संस्कारित होने पर वो चैतन्य हो जाती है और आपको आपके जप का फल अवश्य प्राप्त होता है. माला का संस्कार करना एक तरह से मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित करने के समान ही होता है. आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको माला के संस्कार की पूर्ण विधि के बारे में बता रहें है.

माला संस्कार विधि ( Process of Garland’s Purification ) :
किसी भी शुभ कार्य के लिए सर्वप्रथम खुद का शुद्ध और स्वच्छ होना अति आवश्यक है तो आप भी नहा धोकर खुद को स्वच्छ करें और उसके बाद पूजा घर में जाएँ, आप अपना आसन इस तरह बिछाएं कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ हो. इसके बाद आचमन व पवित्रीकरण करें और फिर प्रथम पूज्य गणेश जी और अपने इष्ट देव को स्मरण करते हुए उनका पूजन आरम्भ करें.

अब आप 9 पत्ते पीपल के लें और उन्हें अष्टदल कमल की तरह धरती पर बिछा दें, नौवें पत्ते को कमल की आकृति के बीच में रखें. अष्टदल के ये आठ पत्ते आठ दिह्स्सों के प्रतिक होते है. अब इन पत्तों के ऊपर आपको वो माला रखनी है जिसका आप संस्कार करना चाहते हो. CLICK HERE TO KNOW प्रार्थना कैसे करें ... 
माला संस्कार विधि जप
माला संस्कार विधि जप
आप एक कटोरी में पंचगव्य ( गाय के दूध, गोबर, दही, मूत्र और घी को पंचगव्य कहा जाता है ) लें और उससे माला को साफ़ करें अर्थात प्रक्षालित करें. जब आप पंचगव्य से माला को नहला रहें हो तो आप अपने मुहँ से अं आं सं हं इत्यादि सभी स्वरों व व्यंजनों का उच्चारण भी अवश्य करते रहें. इनके उच्चारण के समय इस बात को सुनिश्चित कर लें कि सभी का उच्चारण अनुनासिका से ही हो. ये सभी स्वर व्यंजन निम्नलिखित है.

इनके साथ साथ आपको एक मंत्र का उच्चारण भी करना है. जो ऊपर दिए गए चित्र में अंकित है.
Method of Purification Sacrament of Garland
Method of Purification Sacrament of Garland
माला को धोने के बाद उसे एक स्वच्छ कपडे से साफ़ करें और इस मंत्र का जाप करें.
माला को प्राण प्रतिष्ठित कैसे करें
माला को प्राण प्रतिष्ठित कैसे करें
इसके बाद धुप जलाएं और साथ ही इस मंत्र का जाप भी करते रहे

ॐ अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोर घोर तरेभ्य: सर्वेभ्य: सर्व शर्वेभया नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्य:

धुप जलाने के बाद माला को अपने हाथों में लें उसे दाहिने हाथ से तथा निम्नलिखित ईशान मन्त्र का जप 108 बार करें. ऐसा करने से माला अभिमंत्रित होती है.

ॐ ईशानः सर्व विद्यानमीश्वर सर्वभूतानाम ब्रह्माधिपति ब्रह्मणो अधिपति ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदा शिवोम !!

माला को प्राण प्रतिष्ठित करने के लिए आपको आपने दाहने हाथ में जल लेना है और निम्नलिखित मन्त्रों से विनियोग करना है.

इसके बाद माला को बाए हाथ में रखें और दायें हाथ से उसे ढकें, फिर निम्नलिखित मन्त्रों का जाप करें, मंत्र जाप करते वक़्त आपको अपने मन में ऐसी भावना रखनी है कि आपकी माला चैतन्य हो रही है और उसमें शक्ति भर रही है.
Mala Sanskaar Mantra Siddhi Jap Niyam
Mala Sanskaar Mantra Siddhi Jap Niyam
इस तरह आपकी माला का संस्कार हो जाता है अब माला को सम्मान दें और अपने मस्तक पर माला लगाते हुए उसे मंदिर में स्थान दें. अब जब भी आप इस माला से जप करेंगे तो वो आपको शुभ फल अवश्य प्रदान करेगी.

आप चाहें तो रोजाना माला से जप भी कर सकते है और रोजाना माला से जप करने के लिये आपको  निम्नलिखित मंत्र का जप करना है.
Kaise Deti hai Mala Shubh Fal
Kaise Deti hai Mala Shubh Fal
जप के दौरान सावधानियाँ ( Remember these Precautions during Chanting Mantra ) :
-    सर्वप्रथम इस बात का ध्यान रखना है कि जब भी आप माला से जप करें तो आप वहाँ अकेले हो ताकि किसी की भी आपकी माला पर नजर ना पड़े.

-    अगर ऐसा संभव ना हो तो आपको गौ मुख की एक थैली लेनी है और उसमें माला को रखना है, जप के दौरान आपको अपना हाथ थैली में ले जाकर जप आरम्भ करना है. आप चाहें तो माला पर साफ़ कपड़ा डालकर भी जप कर सकते हो.

तो इस तरह आपकी माला संस्कारित व प्राण प्रतिष्ठित हो जाती है, तो जब भी बाजार से माला लायें तो उपरलिखित तरीके से उसको शुभ फलदायी अवश्य बना लें वर्ना आपके सभी प्रयास और मेहनत व्यर्थ जाती रहेंगी.

माला को संस्कारित करने की अन्य विधि और जप के नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
Maalaa ka Sanskaar
Maalaa ka Sanskaar

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1 comment:

  1. Mala sanskar ke baad mantra ka utkilan kaise kare uski kya vidhi hai

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