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Naakhun Kaatne se Judi Maanyatayen | नाख़ून काटने से जुडी मान्यतायें | Assumptions and Recognitions Related to Nails Cutting

मान्यताएं ( Assumptions and Recognitions )
हम सभी जानते है कि प्राचीन समय से ही हमारे समाज में हर कार्य से जुडी कुछ मान्यताएं है तो कुछ रीती रिवाज है. लेकिन आज के आधुनिक युग के लोगों से जब इन मान्यताओं के बारे में पूछा जाता है तो वे तुरंत उत्तर देते है कि पुराने जमाने की उन मान्याताओं का कोई आधार नहीं था, वे सब बेबुनियादी बातें थी आज के समय में उनका कोई स्थान है. किन्तु जब वे किसी समस्या में होते है तो उनका ध्यान सबसे पहले उन पुरानी मान्यताओं और उनके प्रभावों पर ही जाता है तो आओ आज हम आपको मान्यताओं से जुडी कुछ ख़ास जानकारी देते है. CLICK HERE TO KNOW घर में झाड़ू से जुड़े अंधविश्वास ... 
Naakhun Kaatne se Judi Maanyatayen
Naakhun Kaatne se Judi Maanyatayen
क्यों बनी ये मान्यतायें ( Why People Start Following These Assumptions ) :
कोई भी चीज मनुष्य के लाभ को ध्यान में रखते हुए ही बनाई जाती है साथ ही उनके निर्माण से पहले हर तरह के पहलुओं और तथ्यों पर गहन चिंतन और विचार होता है कुछ प्रमाणों को देखा जाता है इत्यादि. तो प्राचीन काल में बनायी गयी ये सब मान्याताएँ निराधार नहीं है, हमारे पूर्वजों ने जो पाया वहीँ हमे सिखाया. आज हम भी तो वाही कर रहे है जो हम देखते है या जो अनुभव करते है वहीँ अपने बच्चों को सिखाते है. तो इन मान्यताओं को बनाने का एक ही लक्ष्य था और वो था मानव का विकास और उनका कल्याण.

मान्यताओं के पीछे वैज्ञानिक तथ्य ( Scientific Views Behind these Assumptions ) :
जहाँ तक वैज्ञानिक तथ्यों की बात है तो आपको बता दें कि आज तक हमारी जितनी भी मान्यताओं पर शोध किया गया है उनमें कहीं ना कहीं कोई वैज्ञानिक सन्देश या ज्योतिषी कारण अवश्य निकलकर सामने आया है जो इस बात को प्रमाणित करती है कि आज के आधुनिक युग में भी उन मान्यताओं का अपना अहम स्थान है. हाँ ये जरुर है कि हम उन वैज्ञानिक कारणों को समझ नहीं पाते किन्तु वो आपको लाभ अवश्य पहुंचाती है. CLICK HERE TO KNOW अंधविश्वासों का वैज्ञानिक सत्य ... 
नाख़ून काटने से जुडी मान्यतायें
नाख़ून काटने से जुडी मान्यतायें
आधुनिक युग में मान्यताओं की जरूरत ( Assumptions Related to Modern World ) :
अब बात ये उठता है कि क्या आज के इस आधुनिक और विकसित समाज और युग में भी इन मान्यताओं को अपनाया जा सकता है और क्या ये आज भी काम करती है? तो इसका जवाब है हाँ. माना कि जिस काल में ये बनी थी उस वक़्त इन्हें अपनाना बहुत आसान था किन्तु इसकी अहमियत आज भी कम नहीं हुई है. बेशक आज का युग अलग है आज के लोगों की सोच अलग है किन्तु इन तथ्यों का परिणाम आज भी वैसा का वैसा है. बस जरूरत है तो इन्हें समझने और काम में लाने की.

नाख़ून काटने के पीछे मान्यता ( Assumptions Behind Cutting Nails ) :
वैसे तो अनेक तरह की मान्यताएं है जिनका हम अनुसरण करते है उन्ही में से एक है नाख़ून काटने के पीछे छिपी मान्यताएं. नाख़ून से अनेक मान्यताएं जुडी है जैसेकि रात के समय नाख़ून नहीं काटने चाहियें, घर के भीतर नाख़ून नहीं काटने चाहियें. आज के समय में इस मान्यता की कोई जरूरत नहीं है क्योकि इस मान्यता को बनाते वक़्त एक कारण रौशनी था क्योकि घर के अंदर भी अँधेरा होता था और रात को तो अँधेरा होता ही है. तब लोगों ने सोचा कि इस तरह अँधेरे में नाख़ून काटने से लोग खुद को हानि पहुंचा सकता है. तब ये मान्यता बनी किन्तु आज तो हर जगह बिजली है तो आप कभी भी किसी भी वक़्त नाख़ून काट सकते हो. 

दूसरी बात किसी भी शास्त्र में नाख़ून से जुडी ऐसी कोई मान्यता लिखी भी नहीं है तो ये कहा जा सकता है कि लोगों ने ये मान्यता सिर्फ अपनी सहूलियत के लिए ही बनाई थी. जिसका आज के समय में कोई अस्तित्व नहीं है.

ऐसी ही अन्य मान्यताओं, उनके लाभ, उनका आज के समय में अस्तित्व इत्यादि के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Assumptions and Recognitions Related to Nails Cutting
Assumptions and Recognitions Related to Nails Cutting

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