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कुछ ख़ास आपके लिए :-

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Badalte Parivesh mein Badalti Pristhitiyan | बदलते परिवेश में बदलती परिस्थितयां | Changing Conditions in Changing Environment

हमारा आज का बदला बदला सा जीवन ( Our Changing Lifestyles )
बदलती परिस्थितियों के कारण इंसान की जीवनशैली भी बदलती जा रही है. जहाँ आज इंसान के स्वभाव में मिलावट हो रही है ठीक वैसे ही हर चीज में मिलावट आने लगती है. ये मिलावट शरीर को कितना नुकसान पहुंचाती है इसके बारे में आप कल्पना तक नहीं कर सकते, मिलावट भी उन कारणों में से एक है जिसके कारण रोग दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है. दिलचस्प बात तो ये है कि हम इन सबके लिए मौसम को जिम्मेदार ठहरा देते है. CLICK HERE TO KNOW बदलता बौधिक स्तर ... 
Badalte Parivesh mein Badalti Pristhitiyan
Badalte Parivesh mein Badalti Pristhitiyan
कलयुग का इंसानों पर प्रभाव ( Effect of Kalyug on Humans ) :
कलयुग का अर्थ है औजारों का युग लेकिन इस युग का प्रभाव इंसानी शरीर पर भी पडा है क्योकि उसने खुद को भी मशीन बना लिया है और अपनी सोच को इस कद्र नीचे कर दिया है कि इंसानों को अपने फायदे के अलावा कुछ और दीखता ही नहीं. हर कोई बस अपना फायदा करने में व्यस्त हैं. इसके लिए आपको चाहिए कि कोई भी नई खाने पीने की वस्तु को जाँच परख कर के ही लें. अगर आपको कोलेस्ट्रोल जैसी बिमारियों से दूर रहना है तो आपको वनस्पति तेल का प्रयोग कम करना होंगा. चावल में भी मिलावट होती हैं, परन्तु वो कुछ अलग तरह से होती हैं. इसमें चावल को मील में इतनी ज्यादा तरह से पोलिश किया जाता हैं कि वो चावल ना रह कर भूसा बन जाता हैं.

जहर बनता आटा ( Decreasing Quality of Flour ) :
छिलका उतरा आटा भी सेहत के लिए हानिकारक माना जाता हैं. उसके सेवन से कब्ज जैसी बीमारियां हो सकती हैं. क्योंकि छिलके उतरे आटे से फाइबर गुम हों जाता हैं. अतः यह कब्ज का कारण बनता हैं. इस बात को कोई नहीं नकार सकता कि परिवार के स्वास्थ्य में महिलाओं का अहम योगदान होता है किन्तु आज के इस व्यस्त जीवन में महिलाओं को समय की कमी हो गई हैं. जिससे वो दुकानों और बाजारों से पैकिंग वाला आटा लेकर आती हैं ये आटा शुद्ध नहीं होता और आपको बीमार बनता है. वहीँ पुराने समय में पूर्णतः इसका उल्ट था. पहले के समय में महिलायें पहले आटे को धोती थी और फिर उसको सुखा कर पिसवाती थी जिससे रोग होने का खतरा कम रहता था. CLICK HERE TO KNOW ध्यान कैसे करें और इसकी प्रक्रिया ... 
बदलते परिवेश में बदलती परिस्थितयां
बदलते परिवेश में बदलती परिस्थितयां
घर की महिला का समझदार और दूरदर्शी होना आवश्यक है क्योकि वो अपनी समझ से चीजों का चुनाव कर सकती है और अपनी दूर दूरदर्शिता से ये देख सकती है कि कौन सी चीज उन्हें परिवारजन के लिएय लाभदायी है और कैसे लाभदायी है. इसके अलावा वो घर पर ही अनेक मसाले तैयार कर सकती है ताकि मिलावट से बचा जा सके.

सरसों के तेल का प्रयोग ( Use of Mustard Oil ) : अपने इस शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि इसे पूरा समय दिया जाएँ, ताकि ये रोगों से लड़ सके और रोगों से लड़ने की शक्ति हमे सरसों के तेल से भी प्राप्त होती है. किन्तु इसकी कीमत आजकल आसमान छू रही है साथ ही इसकी जरूरत को देखते हुए लोग इसमें मिलावट भी अधिक कर रहे है ऐसे में आप खुद सरसों लेकर उनका तेल निकलवाएँ और एक समझदार गृहणी होने का प्रमाण दें. इसके दो लाभ होंगे पहला तो आपको सरसों का तेल सस्ता पड़ेगा और दूसरा आपके परिवार के स्वास्थ्य को कोई ख़तरा नहीं होगा.

बढ़ता फ़ास्ट फ़ूड घटता स्वस्थ्य ( Increasing Fast Food and Decreasing Health ) :
फ़ास्ट फ़ूड आपके शरीर में फैट की मात्रा को बढ़ाता है और कई तरह के रोगों को आमंत्रण भी देता हैं इसलिए जितना हो सके उतना फ़ास्ट फ़ूड से बचे. आपको पता है कि इन फ़ास्ट फ़ूड को बनाने के लिए कढाई में जो तेल डाला जाता है उसी तेल को बार बार गर्म करके प्रयोग किया जाता है. इस तरह एक ही तेल को बार बार गर्म करने से उसके सभी पौषक तत्व खत्म हो जाते है और वो शरीर के लिए अधिक खतरनाक हो जाता है. शरीर में कुछ सफ़ेद रक्त कोशिकाएं होती है जो रोगों से लड़कर हमे सुरक्षित करती है किन्तु ये तेल उन कोशिकाओं की क्षमता को घटाता है और इस तरह फास्ट फूट के कारण अधिक बीमारियों का ख़तरा बना रहता है.
Changing Conditions in Changing Environment
Changing Conditions in Changing Environment
बैक्टीरिया vs रोग प्रतिरोधक शक्ति ( Bacteria vs Immunity Power ) :
हमारे आसपास बैक्टीरिया और वायरस का एक बड़ा जमावड़ा हैं. इनमे से कुछ अच्छे है तो कुछ बुरे, जो बुरे है उनका तो शरीर स्वागत करता है किन्तु जिनसे हमे ख़तरा होता है उनका हमारे शरीर के साथ युद्ध होता है. हमारे शरीर की रक्षा करने के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति ( Disease Resistance Power ) या प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System ) इन खतरनाक दुश्मनो से लड़ाई करती हैं और इन्हें हारती है किन्तु अगर आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति ही कमजोर होगी तो सोचे के आपकी आपकी रक्षा कौन करेगा. हमारी ये शक्ति हमारे खान पान और जीवन शैली पर बहुत हद तक आदारित होती है.

रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के तरीके ( How to Increase Resistive Power ) :
जिस तरह से हमारे शरीर को नियमित आहार की जरूरत होती हैं ठीक उसी प्रकार हमारे शरीर के रोग प्रतिकार शक्ति के लड़ाकू कोशिकाओं और मैक्रोफेज को भी पौष्टिक आहार की जरूरत होती हैं. यह भी देखने को मिलता हैं कि पौष्टिक आहार लेने वाले बच्चों की तुलना में कुपोषित बच्चे जल्दी रोगों के शिकार हो जाते हैं. शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए हमे पौषक तत्वों और कुछ जरूरी oxidants की जरूरत होती हैं जिनमे जिंक, आयरन, सेलेनियम, फोलिक एसिड, विटामिन ए, बी -6, सी, ई और तांबे जैसे सूक्ष्म तत्व शामिल हैं. भोजन में पौष्टिक फल, सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर चीजों को ग्रहण करें और जिन चीजों में वसा की मात्रा ज्यादा हों उन चीजों को कम रखें.
बदलती जीवनशैली का जीवन पर प्रभाव
बदलती जीवनशैली का जीवन पर प्रभाव
जड़ी बूटी का प्रयोग करें ( Use the Herb ) :
शरीर की शक्ति को हम जड़ी बूटी के माध्यम से भी बढ़ा सकते हैंइसके लिए हमे जड़ी बूटियों का ज्ञान होना भी अति आवश्यक हैंजैसे की गुडूची सत्वअश्वगंधा का चूर्णलहसुनअदरकहल्दी आदिसर्दी का मौसम रोग प्रतिरोध शक्ति बढाने के लिए अति उत्तम मौसम माना जाता हैंसर्दी के मौसम में रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ने के लिए आपको रोजाना नियमित तौर पर सुबह और रात में गर्म दूध के साथ 1 से 2 चम्मच च्यवनप्राश लेंसर्दी के मौसम में नियमित तौर पर व्यायाम भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगा.

अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाएं ( Change Your Life Style ) :
रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढाने के लिए हमे अपनी रोजाना की दिनचर्या में भी बदलाव लाना जरूरी हैंहमे अपनी कुछ बुरी आदतें बदलने से अच्छाई का मार्ग मिल सकता हैंबुरी आदतों को बदलने से बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं और रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ जाती हैं.

  • क्रोध को त्यागें ( Discharge Your Anger ) : हमारा सबसे बड़ा शत्रु है क्रोधजब हम क्रोध में होते हैं तो हमारा दिमाग तनाव की स्थिति में आ जाता हैंकोशिश करें कि इन मानसिक बिमारियों से दूर रहेंहमारे तनावपूर्ण शरीर की स्थिति में हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का निर्माण होने लगता हैं और वो भी ज्यादा मात्रा मेंयह हार्मोन हमारे शरीर में कई तरह की बिमारियों के लिए जिम्मेदार होता हैंजैसे कि मोटापादिल की बीमारियांकर्करोग आदिशरीर को तनावमुक्त बनाये रखना अति आवश्यक हैंइसके लिए आप योग और प्राणायाम या ध्यान जिसको हम Meditation भी कहते हैं अवश्य करें.
Jahar Banta Aata
Jahar Banta Aata
  • व्यायाम करें ( Do Exercise ) : नियमित तौर पर सप्ताह में 5 से 6 दिन 30 से 40 मिनट तक व्यायाम करने से रोग और बीमारियां आपके आस पास भी नहीं आयेगींव्यायाम आपके वजन को भी कंट्रोल करता हैं और रोग प्रतिकार शक्ति भी बढाता हैं साथ ही आप अच्छा और ताजा भी महसूस करने लगते हैंअसल में व्यायाम एक स्वस्थ और सफल जीवन का एक मन्त्र हैं.

  • मोटापे से बचें ( Reduce Fat ) : मोटापा यानि की आपकी सुंदरता और पर्सनॅलिटी को तबाह कर देने वाली एक बीमारी जो अगर एक बार आपको लग गई तो आपको इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जायेगाआज के कलयुग में मोटापा एक महामारी की तरह फैलता जा रही हैंयह केवल एकमात्र बीमारी      नहीं हैं अपितु यह बिमारियों का एक झुण्ड है जो अपने साथ अनेक बिमारियों को फ्री में आप तक पंहुचा देता हैं इसलिए मोटे लोगों को तो अपनी प्रतिरोधक शक्ति का विशेष ध्यान रखना चाहिएं.

वजन प्रबंधन कैसे करें ( How to do Weight Management ) :
नींद आपके दिमाग और शरीर के लिए एक बहुत ही आवश्यक तत्व हैं इसके बिना आप ताजा और फ्रेश महसूस ही नहीं कर सकतेंदिन भर काम करने के पश्चात आपको 8 घण्टें की नींद लेना जरूरी है नहीं तो आपको सिर में दर्द और अन्य बीमारियां परेशान करने लगती हैअपने शरीर और दिमाग को आराम दीजिये और फिर देखिये कि आप और भी फुर्ती और तेजी से अपना काम निपटाते हैं.
Khud ko Machine Bananta Insaan
Khud ko Machine Bananta Insaan
  • नशा छोड़ें ( Leave Intoxication ) : अगर आपको स्वस्थ शरीर चाहिए हैं तो आपको शराबबीड़ीसिगरेट और तम्बाकू आदि खतरनाक चीजों के सेवन से भी दुरी बनानी चाहिएकैंसर जैसी लाइलाज बीमारी भी इन्ही की दें है, तो अगर आप इस रोग से बचना चाहते है तो जल्द से जल्द इन्हें छोड़ दें. जरा से आनंद के लिए अपने शरीर को नष्ट करना कहाँ की समझदारी है.

  • सफाई बनाये रखें ( Maintain Hygiene ) : अगर आप अपने आसपास सफाई बनाये रखते है तो वैसे ही आपको आपके से अधिक रोगों से सुरक्षा मिल जाती है क्योकि रोग वहाँ होते है जहाँ गन्दगी होती है. तो खुद भी स्वच्छ रहें और अपने आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ बनाये रखें. खुद को स्वच्छ रखने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना स्नान करेंदिन में दो बार दांत जरूर साफ़ करेंकही बाहर से आने के बाद अपने हाथ पैर अच्छे से धोएं और बालों में हर्बल शैम्पू जा प्रयोग करें.

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Badhta Fast Food Ghatta Swasthya
Badhta Fast Food Ghatta Swasthya

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