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साक्षात् हनुमान जी की हाजरी मात्र सुन्दरकांड पाठ में – Sakshat Hanuman ji Hajir Sundarkand Path mein

Sakshat Hanuman ji Hajir Sundarkand Path mein
Sakshat Hanuman ji Hajir Sundarkand Path mein

 

मेरे घनिष्ठ मित्र है जोगिन्दर जी, जिनको हम मसखरी में जोगी बोलकर संबोधित करते है. बिलकूल साधारण और सादे स्वभाव के है लेकिन हनुमान जी के भक्त है. सालासर में एक रामनामी साधू से दीक्षित है और हनुमानजी ही उसके इष्ट देव भी है.

राम नाम जप Ram Naam Jaap – जोगी चलते फिरते राम नाम जप करता है. मैं उसको अक्सर बोलता हूँ की बैठ कर नियम पूरा किया कर न, बोलता है टाइम कहाँ होता है, घर का भी तो काम करना होता है न. बस इतना बोलकर टाल देता था हमेशा.

सुन्दरकाण्ड का पाठ SundarKand Path – बैठकर जप तो नहीं करता लेकिन हनुमानजी का सुन्दरकांड का पाठ जरूर करता है हर शनिवार को रात 10 बजे के बाद. उसके पाठ में स्पेशल क्या होता है वो जननां जरूरी है, पहले विधि बताता हूँ आपको.

सुन्दरकाण्ड का पाठ विधि SundarKand Path Vidhi – गुरुदेव की फोटो, हनुमान जी की मूर्ति, रामदरबार, देसी घी का दीपक और सरसों के तेल का दीपक, परसाद में मिश्री और पञ्च ड्राई फ्रूट्स तुलसी के पत्ते समेत, और गुग्गल की धुप.

एक धुले साफ़ लाल कपडे पर सब को आसन देकर विराजमान कर देता है, खुद आसन लगाकर बैठ जाता है और एक लौटा जल ज्योत के पास रख देता है. अब बस पाठ शरू कर देता है.

जोगी जप पर ध्यान नहीं देता था मैं तो यही सोचता था की जप तो करता नहीं फिर ये क्या ही कर पायेगा. लेकिन एक दिन जोगी खुद ही बोला की सुंदरकांड का पाठ करेगा??

मैं बोला – क्यों नहीं बिलकूल करेंगे (धार्मिक अनुष्ठान में कभी पीछे नहीं रहता बस मौका मिलना चहिये)

जोगी बोला शनिवार रात को नहर के किनारे करेंगे और रात को 10 बजे घर से निकल ले लेंगे. मैं हाँ में सिर हिला दिया लेकिन मन में बात खटक रही थी की रात को तो ठीक है लेकिन नहर के किनारे की क्या जरूरत है घर पर ही कर लेते.

लेकिन चुप रहा और सोचा देखते है की कैसे क्या करता है. उसने मुझे बोला की पाठ के दौरान सोने की कोसिस मत करना बिलकूल. मैं बोला आधी रात को वहां सोने के लिए थोड़ी ही जा रहे है, मैं क्यों सोऊंगा?

नहर लगभग 3 किलोमीटर दूर है घर से, हम 10:15 तक घर से निकलकर नहर पर पहुचे और सब विधि करके पाठ करने के लिए रेडी हुए 11 बजकर 15 मिनट्स हो गये.

पहले गणेश स्तुति की और गुरु देव को प्रणाम किया और उसने पाठ शरू किया. मैं youtube पर कई अलग अलग तरह की पाठ सुने है और खुद गया भी हूँ जहां पाठ होते है लेकिन इसका मुझसे सबसे अलग लगा.

पाठ में स्पेशल क्या है वो जानिये अब - जोगी ने इतने जोश से पाठ शरू किया की मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी, उसकी आवाज इतनी ज्यादा प्रबल थी की आधी रात को दूर दूर तक सुनी जा सकती थी. मैं भी साथ साथ बोल रहा था. एक एक दोहा जो वो बोल रहा था तो ऐसा लग रहा था की सामने ही हनुमान जी साक्षात् विराजमान है. मैं तो केवल उसको और हनुमान जी को देख रहा था. वो इतना उत्तेजित था की म वर्णन नहीं कर पा रहा हूँ.

उसने जब पाठ शरू किया था तो वहां केवल गुग्गल की धुप की सुगंध थी और कुछ नहीं, लेकिन कुछ देर बाद हनुमान जी के केसरी सिंदूर और चमेली के तेल की तीव्र महक शरू हो गयी थी. शरू में तो मैं यही सोच रहा था की जोगी लाया होगा साथ में और रखा होगा इधर कही और मन ध्यान से देख रहा था की कहाँ रखा है, लेकिन कहीं दिखाई नहीं दी, न सिंदूर और न ही चमेली का तेल. लेकीन महक भरपूर थी.

साक्षात् हनुमान जी की हाजरी मात्र सुन्दरकांड पाठ में
साक्षात् हनुमान जी की हाजरी मात्र सुन्दरकांड पाठ में

     एक ख़ास अहसास और था, जब हनुमान जी की पूँछ में आग वाला दोहा चला उस टाइम भरपूर आंधी आई लेकिन मैं तो केवल ये देहकर हैरान था की ज्योत जरा सि भी नहीं हिल रही है और जोगी राम तो मस्त एकदम पाठ में खोये हुए है. हर श्लोक पर जोगी राम नाम का एक कीर्तन कर रहा था और इस तरह ये पाठ सुबह 3 बजे जाकर ख़तम हुआ. फिर हनुमान चालीसा, संकटमोचन और बजरंग बाण का पाठ किया और आरती की. उसके बाद कुछ देर जप किया और ध्यान फिर सुबह 5 बजे तक हम घर लौट कर आ गए.

बाद में मैंने कई बार पूछा की सिंदूर और चमेली का तेल कहाँ रखा था दिखाई नहीं दिया तो जोगी ने क्लियर बोला की सिंदूर और तेल वो नहीं ले गया था, वो पवन की स्मेल थी और पथ करते वक़्त वो अगर न आये तो पाठ ही क्या किया फिर.

जोग ने नहर पर पाठ क्यों किया मुझे नहीं बताया लेकिन मैं जब भी उस पाठ समय को याद करता हूँ आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है. ये होती है असली भक्ति की कोई चमत्कार नहीं लेकिन अहसास अमृत तुल्य ...आनंद ही आनंद – जय श्री राम

 

सुन्दरकाण्ड पाठ Sundarkand Path
सुन्दरकाण्ड पाठ Sundarkand Path

साक्षात् हनुमान जी की हाजरी मात्र सुन्दरकांड पाठ में – Sakshat Hanuman ji Hajir Sundarkand Path mein.

 

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