हवन कुंड और हवन के नियमों
के बारे में विशेष जानकारी -
हवन दो प्रकार के होते हैं
वैदिक तथा तांत्रिक. आप हवन वैदिक करायें या तांत्रिक दोनों प्रकार के हवनों को
कराने के लिए हवन कुंड की वेदी और भूमि का निर्माण करना अनिवार्य होता हैं.
शास्त्रों के अनुसार वेदी और कुंड हवन के द्वारा निमंत्रित देवी देवताओं की तथा
कुंड की सज्जा की रक्षा करते हैं. इसलिए इसे “मंडल” भी कहा जाता हैं.
हवन की भूमि – हवन करने के लिए उत्तम भूमि को चुनना बहुत ही आवश्यक
होता हैं. हवन के लिए सबसे उत्तम भूमि नदियों के किनारे की, मन्दिर की, संगम की, किसी उद्यान की या
पर्वत के गुरु ग्रह और ईशान में बने हवन कुंड की मानी जाती हैं. हवन कुंड के लिए
फटी हुई भूमि, केश युक्त भूमि तथा सांप की बाम्बी वाली भूमि को अशुभ माना जाता
हैं.
हवन कुंड की बनावट – हवन कुंड में तीन सीढियाँ होती हैं. जिन्हें “ मेखला ” कहा जाता हैं. हवन
कुंड की इन सीढियों का रंग अलग – अलग होता हैं.
1.
हवन कुंड की सबसे पहली सीधी
का रंग सफेद होता हैं.
2.
दूसरी सीढि का रंग लाल होता
हैं.
3.
अंतिम सीढि का रंग काला
होता हैं.
Havan Kund aur Havan ke Niyam |
ऐसा माना जाता हैं कि हवन
कुंड की इन तीनों सीढियों में तीन देवता निवास करते हैं.
1.
हवन कुंड की पहली सीढि में
विष्णु भगवान का वास होता हैं.
2.
दूसरी सीढि में ब्रह्मा जी
का वास होता हैं.
3.
तीसरी तथा अंतिम सीढि में
शिवजी का वास होता हैं.
हवन कुंड के बाहर गिरी
सामग्री को हवन कुंड में न डालें - आमतौर पर जब हवन
किया जाता हैं तो हवन में हवन सामग्री या आहुति डालते समय कुछ सामग्री नीचे गिर
जाती हैं. जिसे कुछ लोग हवन पूरा होने के बाद उठाकर हवन कुंड में डाल देते हैं. ऐसा
करना वर्जित माना गया हैं. हवन कुंड की ऊपर की सीढि पर अगर हवन सामग्री गिर गई हैं
तो उसे आप हवन कुंड में दुबारा डाल सकते हैं. इसके अलावा दोनों सीढियों पर गिरी
हुई हवन सामग्री वरुण देवता का हिस्सा होती हैं. इसलिए इस सामग्री को उन्हें ही
अर्पित कर देना चाहिए.
तांत्रिक हवन कुंड - वैदिक हवन कुंड के अलावा तांत्रिक हवन कुंड में भी कुछ
यंत्रों का प्रयोग किया जाता हैं. तांत्रिक हवन करने के लिए आमतौर पर त्रिकोण कुंड
का प्रयोग किया जाता हैं.
हवन कुंड और हवन के नियम |
हवन कुंड के प्रकार - हवन कुंड कई प्रकार के होते हैं. जैसे कुछ हवन कुंड
वृताकार के होते हैं तो कुछ वर्गाकार अर्थात चौरस होते हैं. कुछ हवन कुंडों का आकार
त्रिकोण तथा अष्टकोण भी होता हैं.
हवन के नियम – वैदिक या तांत्रिक दोनों प्रकार के मानव कल्याण से
सम्बन्धित यज्ञों को करने के लिए हवन में “मृगी” मुद्रा का इस्तेमाल करना चाहिए.
1.
हवन कुंड में सामग्री डालने
के लिए हमेशा शास्त्रों की आज्ञा, गुरु की आज्ञा तथा आचार्यों की आज्ञा का पालन
करना चाहिए.
2.
हवन करते समय आपके मन में
यह विश्वास होना चाहिए कि आपके करने से कुछ भी नहीं होगा. जो होगा वह गुरु के करने
से होगा.
3.
कुंड को बनाने के लिए
अड़गभूत वात, कंठ, मेखला तथा नाभि को आहुति एवं कुंड के आकार के अनुसार निश्चित
किया जाना चाहिए.
4.
अगर इस कार्य में कुछ
ज्यादा या कम हो जाते हैं तो इससे रोग शोक आदि विघ्न भी आ सकते हैं.
5.
इसलिए हवन को तैयार करवाते
समय केवल सुन्दरता का ही ध्यान न रखें बल्कि कुंड बनाने वाले से कुंड शास्त्रों के
अनुसार तैयार करवाना चाहिए. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
Fire Pit and It’s Rules |
हवन करने के फायदे –
1.
हवन करने से हमारे शरीर के सभी
रोग नष्ट हो जाते हैं.
2.
हवन करने से आस – पास का
वातावरण शुद्ध हो जाता हैं.
3.
हवन ताप नाशक भी होता हैं.
4.
हवन करने से आस – पास के
वातावरण में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ जाती हैं.
हवन में आहुति डालने के बाद
क्या करें - आहुति डालने के बाद तीन
प्रकार के क्षेत्रों का विभाजित करने के बाद मध्य भाग में पूर्व आदि दिशाओं की
कल्पना करें. इसके बाद आठों दिशाओं की कल्पना करें. आठों दिशाओं के नाम हैं –
पूर्व अग्नि, दक्षिण, नीऋति, पश्चिम, वायव्य, उत्तर तथा इशान.
आहुति के अनुसार हवन कुंड बनवायें –
1.
अगर अगर आपको हवन में 50 या
100 आहुति देनी हैं तो कनिष्ठा उंगली से कोहनी (1 फुट से 3 इंच )तक के माप का हवन
कुंड तैयार करें.
2.
यदि आपको 1000 आहुति का हवन करना हैं तो इसके
लिए एक हाथ लम्बा (1 फुट 6 इंच ) हवन कुंड तैयार करें.
3.
एक लक्ष आहुति का हवन करने
के लिए चार हाथ (6 फुट) का हवनकुंड बनाएं.
4.
दस लक्ष आहुति के लिए छ: हाथ
लम्बा (9 फुट) हवन कुंड तैयार करें.
5.
कोटि आहुति का हवन करने के
लिए 8 हाथ का (12 फुट) या 16 हाथ का हवन कुंड तैयार करें.
6.
यदि आप हवन कुंड बनवाने में
असमर्थ हैं तो आप सामान्य हवन करने के लिए चार अंगुल ऊँचा, एक अंगुल ऊँचा, या एक
हाथ लम्बा – चौड़ा स्थण्डिल पीली मिटटी या रेती का प्रयोग कर बनवा सकते हैं.
7.
इसके अलावा आप हवन कुंड को
बनाने के लिए बाजार में मिलने वाले ताम्बे के या पीतल के बने बनाए हवन कुंड का भी
प्रयोग कर सकते हैं. शास्त्र के अनुसार इन हवन कुंडों का प्रयोग आप हवन करने के
लिए कर सकते हैं. पीतल या ताम्बे के ये हवन कुंड ऊपर से चौड़े मुख के और नीचे से
छोटे मुख के होते हैं. इनका प्रयोग अनेक विद्वान् हवन – बलिवैश्व – देव आदि के लिए
करते हैं.
8. भविषयपुराण में 50 आहुति का
हवन करने के लिए मुष्टिमात्र का निर्देश दिया गया हैं. भविष्यपूराण में बताये गए
इस विषय के बारे में शारदातिलक तथा स्कन्दपुराण जैसे ग्रन्थों में कुछ मतभेद मिलता
हैं.
हवन कुंड से जुडी अन्य सहायता और पूजन विधियों को जानने के लिए आप तुरंत
नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
हवन कैसे करें |
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sir ji
ReplyDeletemain roj havan karta hun lohe ki sigdi me fal prapt nhi hota ha dridrta badti hi ja rshi ha 9460518253
tijendrbishnoi@gmail.com koi satik upay batayen
Nice Work
ReplyDeleteMujhe havan kundo k praise ka vibrant yani map yoni nabhi Kanth mekhla k pranam or Chitra chahiy
ReplyDeleteHawan samagri jo bach jati hai uska kya kare??
ReplyDeleteM tantrik vidhya ke liye havan karna chahta hun . Kripa marg darshan karen. sahilgodara29@gmail.com
ReplyDeleteI want to ask about tantrik havan. How to get tantrik shakti
ReplyDeleteकृपया पंच कुण्डीय यज्ञ मण्डप और कुण्ड के स्वरूप का चित्र पांचों यज्ञ कुण्ड के चित्र भेजने की कृपा करें।
ReplyDeleteधन्यवाद।
दिशा व योनि निर्माण संबंधित जानकारी प्रदान करें
ReplyDeleteस्थाई हवन कुण्ड को बनाते समय योनी की दिशा तथा आकार बताऐ।
ReplyDeleteअगर हवन कुंड न हो तो गाय के गोबर के ऊपले पर हवन करने की पुरी विधि मुझे मालूम नही है इसलिए बताने की कृपा करे!
ReplyDeleteमेरा whatsapp no 8417052671 पर बताने की कृपा करे! या
मेरे Gmail account:-mauryaakash31223@gmail.com पर बताए!
👉और इसे अपने वेबसाइट पर भी डालें ताकि जरूरत मंदो तक ये विधि पहुंच सके!
सर कृपया बताएं कि क्या सूर्यास्त के बाद हवन करना उचित है ? ध्यान देंवे कि कोई बाध्यता या मजबूरी नहीं है सिर्फ व्यक्तिगत सुविधा अनुसार यदि कोई सूर्यास्त के बाद हवन करता है तो क्या उसका उचित फल मिलेगा ?
ReplyDeleteKya havan kund kisi mandir ki chat pe banaya jaa sakta hai..?
ReplyDeleteOr kin kin baatoon ka dhyan rakhna chahiye usey banaate waqt..
Kay uske aas paas koi wash room posible hai..?
Hawan kund ki yoni kis disha me hoti hai
ReplyDeleteहवन कुंड की योनि किस दिशा में होते हैं
ReplyDeleteKya paani ki tanki ke neeche hawan kund bnwa sakte hain coloony me?
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