जामुन
प्रत्येक वर्ष होने वाले
फलों में से एक जामुन भी एक हैं. जामुन गर्मी ख़त्म होने के बाद तथा बरसात शुरू
होने से पहले होने वाला फल हैं. यह फल भारत के सभी स्थानों में होता हैं. जामुन का
स्वाद कसैला होता है. यह फल सस्ता भी होता है.
जामुन भी आम पेड़ों की तरह
ही ऊंचा होता हैं. तथा इसके पत्ते भी अन्य पत्तों से मिलते जुलते ही होते हैं.
जामुन के पेड़ की ऊँचाई 70 – 75 फुट तक होती हैं. यह पेड़ बहुत घना और फैला हुआ होता
हैं. इसकी शाखाएँ बहुत ही कमजोर होती हैं.
इसे अनेक भाषाओँ में निम्न
नाम से जाना जाता हैं –
1.
संस्कृत में इसे राज जम्बू,
नीलफला, क्षुद्रजम्बू कहा जाता हैं.
2.
हिंदी में इसे बड़ी जामुन या
छोटी जामुन बोला जाता हैं.
3.
मराठी में जामुन को जांभूल
के नाम से जाना जाता हैं.
4.
गुजराती में जाम्बु कहा
जाता हैं.
5.
बंगला में बडजाम या कालजाम
कहा जाता हैं.
6.
तेलगु में हम इसे नेरेडू,
पेद्दानेरडी तथा नेफरी कहते हैं.
7.
तमिल में जामुन को शबल नावल,
शम्बू या नार्वेल बोला जाता हैं.
8.
मलयालम में आप इसे नवल के
नाम से जानते हैं.
9.
कन्नड़ में हम इसे दोहुनिरतु
तथा नेरले बोलते हैं.
10.
फारसी में इसे जमन कहा जाता
हैं.
11.
अंग्रेजी में हम जामुन को Jambul Tree कहते हैं तथा
12.
लैटिन में इसका नाम
जाम्बोलेना हैं. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
जामुन फल के घरेलू प्रयोग |
हमारे भारत में दो प्रकार
के जामुन पाए जाते हैं –
1.
बड़ी जामुन – बड़ी जामुन स्वादिष्ट,
भारी, रूचीकारी और विषटम्भी होती है. इसका रंग गहरा बैंगनी होता है.
2.
छोटी जामुन – छोटी जामुन का
स्वाद कसैला होता हैं तथा इसमें गूदा भी कम पाया जाता है. यह रूखी तथा ग्राही होती
है. इसे कम खाया जाता है. इसका रंग गहरा बैंगनी होता है. इसकी गुठली मल बांधने
वाली होती है, मधुमेहनाशक होती है, तथा बलवर्धक होती है. छोटी जामुन अनेक रोगों का
शमन करने वाली होती है जैसे –
(1)
पित्त
(2)
कफ
(3)
रूधिर विकार
(4)
जलन
Domestic Uses of Jambolan |
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छोटी जामुन की छाल भी हमारे लिए अत्यंत उपयोगी होती है. यह हमें निम्न रोगों से मुक्त करती है –
छोटी जामुन की छाल भी हमारे लिए अत्यंत उपयोगी होती है. यह हमें निम्न रोगों से मुक्त करती है –
1.
मल
2.
पाचक
3.
पित्त
4.
दाह
आयुर्वेदानुसार
जामुन का फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ की छाल, बीज तथा पत्ते भी हमारे लिए बहुत ही
उपयोगी हैं. इसकी गुठली में अनेक पदार्थ पाए जाते हैं जैसे –
(1)
ग्लुकोसाइट जम्बोलीन
(2)
गैलिक एसिड
(3)
स्टार्च
(4)
प्रोटीन तथा
(5)
कैल्शियम
जामुन के फल से अनेक चीजें
बनाई जाती हैं जैसे –
1.
जैली
2.
जैम
3.
शर्बत
4.
सिरका
इसमें अनेक पौष्टिक तत्व
पाए जाते हैं –
1.
100 ग्राम जामुन में 87.2
प्रतिशत पानी पाया जाता हैं.
2.
प्रोटीन 1.3 प्रतिशत पाई
जाती हैं.
3.
कार्बोहाइड्रेट 6.7 प्रतिशत
पाया जाता हैं.
4.
वसा 0.5 प्रतिशत पाई जाती
हैं.
5.
खनिज तत्व 0.5 प्रतिशत पाए
जाते हैं.
6.
रेशा 3.8 प्रतिशत होता हैं.
7.
कैल्शियम 30 मिग्रा. रहता
हैं.
8.
फास्फोरस 20 मिग्रा. होता
हैं.
9.
लौह 43. मिग्रा. पाया जाता हैं
तथा
10.
ऊर्जा 37 किलो पाया जाता
हैं.
Jamun Fal ke Ghrelu Prayog |
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