बेल के औषधीय प्रयोग (Medicine Uses of Beal)
1. अपच – बेल का पका हुआ फल पेट
की अपच को खत्म करने के लिए बेहद उपयोगी ओता हैं. यदि आपके पेट में कब्ज हो गई हैं
तो आपको पके हुए बेल के गूदे का सेवन 2 – 4 दिनों तक रोजाना करना चाहिए. कुछ ही
दिनों में आपको पेट की कब्ज से मुक्ति मिल जायेगी.
2. अल्सर – अल्सर के रोग से मुक्ति
पाने के लिए भी बेल का प्रयोग किया जा सकता हैं. बेल के अलावा बेल के पेड़ की
पत्तियां जिन्हें बेलपत्र भी कहा जाता हैं. उसका प्रयोग भी आप इस रोग से छुटकारा
पाने के लिए कर सकते हैं. अल्सर के रोग से निजात पाने के लिए बेल की दस या बारह
पत्तियां लें और इन्हें पानी में भिगो दें. अगले दिन सुबह उठकर इन पत्तियों को पानी
में से निकालकर पानी को छान लें और इसे पी जाएँ. कुछ दिनों तक लगातार ऐसे करने से
आपको अवश्य ही इस रोग से राहत मिल जायेगी.
3. नेत्ररोग – बेल के पेड़ की पत्तियां
नेत्र से सम्बन्धित रोगों के लिए भी कभी लाभदायक होती हैं. आप इनका प्रयोग कर नेत्र
के रोगों से मुक्ति पा सकते हैं. नेत्र के रोगों को ठीक करने के लिए बेल की कुछ
पत्तियों का रस निकाल लें और उसे अपनी आँखों में काजल की तरह लगा लें. कुछ दिनों
तक लगातार बेल के पत्तों का प्रयोग करने से नेत्र रोग ठीक हो जाएगा.
4. श्वास रोग – सांस से सम्बन्धित रोगों
को दूर करने के लिए भी बेल के पत्तों का रस बहुत ही लाभदायक होता हैं. सांस की
बिमारी से राहत पाने के लिए बेल की कुछ पत्तियां लें और उन्हें पीसकर पत्तियों का
रस निकाल लें. अब बेल की पत्तियों के रस की समान मात्रा में तिल का तेल लें और इसे
बेल की पत्तियों के रस में अच्छी तरह से मिला लें. अब इस रस को थोडा गर्म कर लें
और इसमें काली मिर्च तथा जीरे का पाउडर मिला दें. अब इस रस को कुछ देर ठंडा करने
के बाद अपने गले पर लगा लें. इस मिश्रण को गले पर लगाने से आपको काफी राहत मिलेगी
तथा अगर आपको खांसी या जुखाम की शिकायत हैं तो इन दोनों परेशानियों से भी आपको
मुक्ति मिल जायेगी. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल एक उपयोगी फल ...
Bel ke Aushdhiy Pryog |
5. संग्रहणी – यदि आप संग्रहणी की
बिमारी से अत्यधिक परेशान हैं और लगातार यह बिमारी बढती जा रही हैं और संग्रहणी का
वेग अधिक हो गया हैं और उसमें खून आने की भी शिकायत हैं तो आप इस रोग से मुक्ति
पाने के लिए कच्चे बेल के चुर्ण का प्रयोग कर सकते हैं. इस बिमारी से राहत पाने के
लिए बेल के कच्चे फल का चुर्ण लें और एक चम्मच शहद लें. अब इन दोनों को एक साथ
मिला लें और इसका सेवन करें. प्रतिदिन 1 या 2 चम्मच इस मिश्रण का सेवन करने से
आपको संग्रहणी के रोग से छुटकारा मिल जाएगा.
संग्रहणी के रोग से मुक्ति पाने के लिए आप पके हुए बेल का
भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए पके हुए बेल को फोड़ कर इसके अंदर का गूदा निकाल
लें. अब एक कटोरी दही लें और उसमें बेल के गूदे को मिलाकर हल्की आँच पर भून लें.
भूनने के बाद इस मिश्रण को उतार लें और इसमें अपनी इच्छानुसार कच्ची शक्कर मिला
लें. अब एक गिलास हल्का गरम दूध लें और उसके साथ इस मिश्रण का सेवन करें. प्रतिदिन
दूध के साथ दो चम्मच मिश्रण का सेवन करने से जल्द ही पुरानी संग्रहणी की बिमारी
ठीक हो जायेगी.
6. शरीर में ठंडक – शरीर को ठंडक प्रदान करने
के लिए बेल बहुत ही लाभप्रद होता हैं. इसलिए गर्मी के दिनों में इसके जूस का सेवन
करना अधिक्तर लोग पसंद करते हैं. बल का फल शरीर को ठंडक प्रदान करने के साथ – साथ शरीर के पाचन तंत्र के
लिए भी फायदेमंद होता हैं. गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडक प्रदान करने के लिए
पके हुए बेल का गूदा निकाल लें. अब एक बर्तन में दूध लें और उसमें बेल के गूदे को
डालकर मिला लें. अब इसमें 2 चम्मच शक्कर डालें और शर्बत को अच्छी तरह से घोलने के
बाद इस मिश्रण का सेवन करें. गर्मी के दिनों में रोजाना बेल के शर्बत का प्रयोग
करने से शरीर को ठंडक मिलती हैं.
7. कब्ज – अगर आपके पेट में गैस
(कब्ज) बनने की शिकायत हैं तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी आप बेल के गूदे
का प्रयोग कर सकते हैं. पेट की कब्ज से मुक्ति पाने के लिए 150 ग्राम पके हुए बेल
का गूदा लें और उसे रोजाना सोने से पहले खाकर सोयें. बेल के गूदे को खाकर सोने से
मल मुलायम होकर निकल जाता हैं और पेट की कब्ज भी ख़त्म हो जाती हैं. यदि खुश्की
अधिक हैं तो भी आप बेल के गुदे का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए बेल का गूदा लें
और उसमें मिश्री के दाने या शक्कर अच्छी तरह से मिला लें. अब इस मिश्रण का सेवन
करें. इस मिश्रण का सेवन रोजाना करने से खुश्की नहीं होती. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल का आयुर्वेदिक इस्तेमाल ...
बेल के औषधीय प्रयोग |
8. अतिसार – अतिसार की बिमारी से राहत
पाने के लिए भी आप बेल का प्रयोग कर सकते हैं. अतिसार के रोग से मुक्ति पाने के
लिए 30 ग्राम सुखी बेलगिरी लें और 10 ग्राम कत्था लें. अब इन दोनों को अच्छी तरह
से पीस कर बारीक़ चुर्ण बना लें. अब इस चुर्ण में 1 ग्राम चीनी मिला लें. अब एक
गिलास पानी लें. अब एक चम्मच चुर्ण को पानी के साथ फांक लें. रोजाना इस चुर्ण का
सेवन करने से कुछ ही दिनों के अन्दर अतिसार का रोग ठीक हो जाएगा.
9. बच्चों में अतिसार की
बिमारी – अगर बच्चों को अतिसार की बीमारी हो गई हैं तो भी आप उन्हें इस बिमारी से
निजात दिलाने के लिए भी सूखे हुए बेल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए सुखी बेलगिर
का एक टुकड़ा लें और अर्क वाली सौंफ लें. अब एक साफ पत्थर पर इन दोनों को पीसकर
बारीक़ चुर्ण तैयार कर लें. अब इस पिसे हुए चुर्ण की एक चौथाई मात्रा दिन में 2 – 3
बार अपने बच्चे को चटायें. रोजाना बच्चे को चुर्ण चटाने से कुछ ही समय में बच्चे
को अतिसार की बिमारी से छुटकारा मिल जाएगा.
10. यौन रोग – यौन रोग जैसे स्त्रियों के रक्तप्रदर, श्वेतप्रदर तथा
पुरुषों में धातु दुर्बलता, स्वप्नदोष, पुरुष प्रमेह आदि रोगों के लिए भी बेल बहुत
ही फायदेमंद होता हैं. इन सभी रोगों से मुक्ति पाने के लिए 4 ग्राम बेल के पत्तें
लें और इन्हें पीस लें. अब एक चमच्च शहद लें और उसे बेल के पत्ते के चूर्ण में
मिला दें. अब एक गिलास दूध लें और इसके साथ एक चमच्च मिश्रण का सेवन करें. रोजाना
दूध के साथ एक चम्मच चुर्ण का सेवन करने से इन सभी यौन रोगों से पुरुष और महिला को
मुक्ति मिल जाती हैं.
बेल के अन्य औषधीय उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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