ईस्टर सन्डे (Easter Sunday)
जिस दिन यीशु को सूली पर
चढ़ाया गया था. उस दिन को गुड़ फ्राइडे कहा जाता हैं तथा गुड फ्राइडे के तीन
दिन बाद ऐसा माना जाता हैं कि रविवार के दिन ईसा मसीह पुन:जीवित हो गये थे. जिसे ईस्टर
के नाम से जाना जाता हैं. ईस्टर वसंत ऋतु का त्यौहार हैं. इस दिन को ईसाई
समुदाय के लोग ईसा मसीह के दुबारा जीवित होने की ख़ुशी में मनाते हैं.
ईस्टर शब्द का अर्थ (Meaning of Easter Word) – ईस्टर शब्द की उत्पत्ति जर्मन के “ईओस्टर” शब्द से हुई हैं जिसका
अर्थ देवी हैं. इसे ईसाई समुदाय के लोग वसंत की देवी तथा उर्वरता
की देवी मानते हैं. जिससे प्रसन्न करने के लिए अप्रैल माह में उत्सव भी होते
हैं. इस उत्सव को आज भी यूरोप में मनाया जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT गुड़ फ्राइडे ...
Happy Easter Sunday |
ईस्टर के भिन्न – भिन्न नाम (Different
Name of Easter) – ईस्टर सन्डे के लिए इसाई
धर्म के लोग बहुत से शब्दों का प्रयोग करते हैं. कुछ इसे ईस्टर दिवस, ईस्टर
रविवार कहते हैं तथा कुछ इसे खजूर इतवार, ईस्टर महापर्व तथा नवजीवन
कहते हैं.
ईसा की मौत के दिवस को गुड
फ्राइडे के नाम से जाना जाता हैं. तथा उसके पहले दिन को पवित्र ब्रहस्पतिवार,
दुसरे दिन को पवित्र शनिवार या मौन शनिवार कहा जाता हैं. ब्रहस्पतिवार
के दिन को यीशु के प्रवेश दिवस तथा ईसा की अंतिम रात्रि भोज दिवस के
रूप में मनाया जाता हैं. कुछ स्थानों पर ईस्टर का त्यौहार 2 दिनों तक मनाया जाता
हैं. इस स्थानों पर रविवार के दिन को ईस्टर दिवस कहा जाता हैं तथा उसके
अगले दिन को ईस्टर सोमवार कहा जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT पारसी नव वर्ष ...
Easter Sunday
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ईस्टर सन्डे की कहानी (Story of
Easter Sunday) – 2 हजार वर्ष पूर्व यरुशलम
के पहाड़ पर यहूदियों ने तथा रोमन गवर्नर ने ईसा मसीह को सूली (सलीब) पर चढ़ा दिया
था. जिससे उनकी मौत हो गई. ऐसा माना जाता हैं कि यीशु की मौत होने के बाद इनके शव
को कब्र में दफना दिया गया था. लेकिन मृत्यु के तीन दिन बाद रविवार के दिन ईसा
मसीह कब्र में से जीवित हो उठे थे. ऐसा भी माना जाता हैं कि आज भी यीशु की कब्र
खुली हुई हैं. ईसा मसीह ने जीवित होने के बाद अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर
हजारों लोगों को अपने दर्शन दिए.
कहा जाता हैं कि ईसा
पुन:जीवित होकर किसी धर्म या जाती की स्थापना करने के लिए नहीं आये थे. बल्कि वो
प्रेम और सत्य का सन्देश बाँटने के लिए आये थे. जिसके लिए ईसा ने कुछ सन्देश भी
दिए थे. उन्होंने कहा था कि “ परमपिता परमेश्वर हम सब के लिए एक हैं.”
ईस्टर सन्डे मुबारक हो |
ईस्टर महापर्व कैसे मनाया
जाता हैं (How to Celebrate
Easter Sunday)
ईस्टर सन्डे को मनाने के
लिए ईसाई समुदाय के लोग रात्रि को गिरजाघर में एकत्रित होकर मोमबत्ती जलाते हैं और
पूरी रात ईसा मसीह का नाम लेकर तथा उनके द्वारा दिए गये सन्देश को याद करते हुए
जागरण करते हैं. ईस्टर सन्डे के दिन सभी लोग सुबह फिर से एकत्रित होते हैं और
गिरजाघर में सजी हुई मोमबत्ती जलाकर ईसा के पुन:जीवित होने की ख़ुशी मनाते हैं. ईसा
की अराधना करते हैं और प्रभु भोज में शामिल होते. भोज करने के बाद एक दुसरे को ईसा
के दुबारा जीवित होने की शुभकामनाएं देते हैं.
ईस्टर सन्डे को मनाने के
लिए ईसाई समुदाय की एक खास परम्परा भी होती हैं. इस दिन प्रभु भोज करने के बाद सभी
लोग अपने घरों में सजी हुई मोमबत्तियां लाते हैं और उन्हें जलाते हैं तथा इन
मोमबत्तियों को अपने रिश्तेदारों में तथा मित्रों में बाँटते हैं.
ईस्टर
सन्डे के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर
सकते है.
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