महाशिवरात्रि की पूजा (Mahashivratri Worship)
महाशिवरात्रि को देवों के देव महादेव शिवजी की पूजा की जाती हैं. इस पवित्र
दिन को शिवभक्त बहुत ही उत्साह से प्रत्येक वर्ष फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष
की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती हैं. महाशिवरात्रि साल में दो बार आती हैं.
1. फाल्गुन मास की
महाशिवरात्रि – शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन मास की इस शिवरात्रि के दिन भगवान शिव जी
करोड़ों सूर्यों के तेज के समान प्रभाव वाले हो जाते हैं. इस दिन जो व्यक्ति शिवजी
की अराधना बेल पत्र से करता हैं तथा पूरे दिन उपवास करता हैं, शिवलिंग पर दूध
चढाता हैं, उनका अभिषेक करता हैं. शिव जी उस व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत नरक में
जाने से बचाते हैं तथा उसे मोक्ष और आनन्द प्रदान करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के
अनुसार इस दिन शिव जी अपनी सम्पूर्ण शक्तियों के साथ संसार के सभी शिवलिंगों में
विराजमान होते हैं. इसलिए इस दिन शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती हैं.
2. श्रावण मास की शिवरात्रि – श्रावण या सावन मास में
मनाई जाने वाली शिवरात्रि भी बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं. इस शिवरात्रि के आने से
पहले ही शिवभक्त कावड़ लेने के लिए हरिद्वार चले जाते हैं और वहाँ से गंगाजल लाकर
शिवलिंग पर चढाते हैं. यह शिवरात्रि कावड़ियों के लिए बहुत ही महत्व रखती हैं.
क्योंकि इस दिन शिवजी सभी की मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT शिवस्त्रोत से दूर करें दरिद्रता ...
Mahashivaratri ke Din Shiva Pooja |
सावन मास के शुरू होने के पहले सोमवार से ही विवाहित
स्त्रियाँ अपने वैवाहिक जीवन को सुख पूर्वक व्यतीत करने के लिए व्रत रखती हैं तथा
कुंवारी लड़कियां शिवजी की कृपा पाने के लिए तथा अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत
रखती हैं तथा शिवजी की अराधना करती हैं.
इन दोनों ही शिवरात्रि का अपना अलग – अलग महत्व हैं तथा शिव
भक्त इन दोनों ही शिवरात्रियों का बेसब्री से इन्तजार करते हैं तथा इन्हें धूम धाम
से मनाते हैं.
महाशिवरात्रि का व्रत
शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवरात्रि के दिन उपवास करना चाहिए. शिवरात्रि के दिन उपवास करने से भोले अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. लेकिन इस दिन जो भी व्यक्ति शिवजी को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाना चाहता हैं. उसे शिवरात्रि के दिन निराहार रहकर पुरे दिन ॐ नम: शिवाय मन्त्र का जाप करना चाहिए. रात्रि को फल का सेवन करने के बाद कीर्तन में पूरी रात बैठ कर जागरण करना चाहिए तथा भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए.
महाशिवरात्रि की पूजा विधि (Rituals of
Mahashivaratri)
1. शिवरात्रि के दिन भगवान
शिवजी को प्रसन्न करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ कपडे धारण
करने के बाद अपने माथे पर भस्म से त्रिपुण्ड तिलक लगायें.
2. अब अपने गले में एक
रुद्राक्ष की माला धारण कर लें. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT शिव डमरू का संकटहरण मन्त्र ...
महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजा |
3. इसके बाद मंदिर में जाएँ और
शिवलिंग पर चन्दन का तिलक लगायें, बेल पत्र चढाएं, धतूरे के पत्ते चढाएं, पुष्प
अर्पित करें.
4. इसके बाद सुगन्धित धूप या
अगरबत्ती लें और इससे शिवजी की पूजा करें.
5. अब एक कलश लें और उसमें
गंगाजल, चावल, दूध डाल कर "ॐ नम: शिवाय मन्त्र "का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढाएं.
6. इसके बाद शिवजी की आरती
करें और उन्हें भांग या किसी मिष्ठान का भोग लगायें.
मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु शिवजी के उपयोगी
मन्त्र
1. शिवरात्रि के दिन शिवजी जी
की कृपा प्राप्ति तथा फल की प्राप्ति के लिए पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें और
निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें.
मन्त्र - " ऊं ऐं ह्रीं शिव गौरीमव ह्रीं ऐं ऊं "
इस मन्त्र का जाप करने से
आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी तथा आपकी सभी इच्छाएँ पूर्ण हो जायेंगी.
2. शिवरात्रि के दिन विवाहित
स्त्रियाँ शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तथा अपने घर में सुख – सौभाग्य बनाये रखने
के लिए शिवजी की पूजा करें और दूध से शिवजी का अभिषेक करें. अभिषेक करने के बाद
निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें.
मन्त्र - " ऊं ह्रीं नमः
शिवाय ह्रीं ऊं "
इस विधि से शिवजी की पूजा करने से आपके घर में हमेशा सुख –
सौभाग्य बना रहेगा.
Savan ki Shivaratri |
3.
शिवरात्रि के दिन पूजा
करने से लक्ष्मी माता भी प्रसन्न होती हैं. क्योंकि लक्ष्मी जी अपने अखंड स्वरूप
में केवल शिव जी के आदेश पर ही किसी भी स्थान पर प्रकट होती हैं. लक्ष्मी जी को
प्रसन्न करने के लिए तथा धन प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की अर्चना
करने के बाद नीचे दिए गये मन्त्र की दस माला का जाप करें.
मन्त्र - " ऊं श्रीं ऐं ऊं "
4.
धार्मिक ग्रंथों के
अनुसार फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी का विवाह माता पार्वती से
हुआ था. इसलिए यदि किसी व्यक्ति का विवाह नहीं हो पा रहा हैं. तो वह भी इस दिन
व्रत एवं पूजा करके इस समस्या से छुटकारा पा सकता हैं. जल्दी विवाह करने के लिए
शिवजी की पूजा करें और नीचे दिए गये मन्त्र का उच्चारण करें.
मन्त्र - " हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं
शंकरप्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकांता सुदुर्लभाम "
5.
यदि आपके घर में लगातार समस्याएं
उत्पन्न हो रही हैं. तो आप शिवरात्रि के
दिन पूजा कर इन समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं. इसके लिए शिवरात्रि के दिन बेल
पत्र, भांग, धतूरे को चढाने के बाद निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें.
मन्त्र - " ऊं साम्ब सदा शिवाय नमः "
6.
यदि किसी व्यक्ति के
पुत्र का विवाह नहीं हो पा रहा हैं. तो पुत्र का विवाह शीघ्र करने के लिए भी आप इस
दिन भोले की अराधना कर सकते हैं. इसके लिए एक मूंगा की माला लें और शिवजी की पूजा
करने के बाद निम्नलिखित मन्त्र की एक माला का जाप अपने पुत्र से करवाएं.
मन्त्र - " पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। तारिणीं
दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम्। "
महाशिवरात्रि
के दिन शिवजी की पूजा करने के अन्य उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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MahaShivratri ke pawan absar par agar kisi kunwaari ladki ko kisi uchch pratishit ladke ka jis par bahot ki zyaada shaktishali vashikaran suraksha kawach bana hua hain, uska pyyar paane ke liye aur use pati ke rup mein apne jeevan mein laane ke liye. KYA UPAAY KARNA CHAHIYE TAKI WO LADKA USKI ZINDAGI NAIN AAJAYE, AUR LADKI KO APNA LE.
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