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Guru ki Anya Grahon ke Saath Yuti | गुरु की अन्य ग्रहों के साथ युति | When Guru Joins with Other Planets

गुरु ग्रह के साथ अन्य ग्रहों के मिलने पर ( When Guru Meets with Other Planets )
गुरु को जीव और वायु का रूप कहा जाता है. यें साँसों में तो निवास करता ही है साथ ही गुरु जल, थल और आकाश के जीवों में भी अपनी मान्यता सबसे पहले रखता है. जब तक जीव में गुरु है सिर्फ तभी तक ही जीवन है, जैसे ही गुरु की सीमा खत्म हो जाती है. बस उसी पल जीवों का अस्तित्व भी खत्म हो जाता है. जीवों की जिन्दगी गुरु के जीवन पर ही निर्भर करती है. CLICK HERE TO KNOW ग्रहों की युति क्या है ...
Guru ki Anya Grahon ke Saath Yuti
Guru ki Anya Grahon ke Saath Yuti
·     सूर्य से मिलकर ( When Combines with Sun ) : जहाँ सूर्य आत्मा का कारक और सूरज का तेज बल, पराक्रम और साहस का प्रतीक होता है. वहीं गुरु ज्ञान, धर्म, न्याय और महत्वाकांक्षी होता है. गुरु और सूर्य का मेष राशि में गठबंधन लगभग 12 सालों में ही आता है. गुरु के साथ सूर्य के मिलने से जीव और आत्मा का मिलन हो जाता है. गुरु जीव है और सूर्य आत्मा है जिस भी इंसान की कुंडली या भाव में ये दोनों मिलकर प्रवेश करते है वे व्यक्ति धनी, न्याय और कुशल हो जाते है. विभिन्न भावों में होने से फल में भी अंतर आना स्वभाविक है. उसके अनुसार इस महीने के अंतराल में धार्मिक भावना, बड़े न्याय से जुड़े कार्यों में सफलता मिलने के योग बनते है और यह भाव जीवात्मा के रूप में माना जाता है.

·     चन्द्रमा से मिलने पर ( When meets with Moon ) : चन्द्रमा के नीच अथवा धीमे होने के कारण शंख का दान करना बहुत ही उत्तम माना जाता है. अगर सेवा धर्म में चन्द्रमा की दशा में सुधार लाना चाहते है. तो फिर जातक की कुंडली में माता के भाव उत्पन्न होने लगते है, वह बहुत ही शांत स्वभाव का हो जाता है और उसके मन में माता के प्रति भाव उत्पन्न होने लगते है, उसको माता पिता का साथ भी मिलता है. साल में एक बार किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए, सफेद खुशबू वाले पौधे घर में लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए ऐसा करने से लाभ प्राप्त होता है और जिस व्यक्ति की कुंडली में ये दोनों होते है, वो अपने शब्दों और अपनी इच्छाओं को दुनिया के सभी व्यक्तियों को बताना चाहता हैCLICK HERE TO KNOW सूर्य के साथ तीन ग्रहों की युति के परिणाम और फल ...
गुरु की अन्य ग्रहों के साथ युति
गुरु की अन्य ग्रहों के साथ युति
·     मंगल से मिलकर ( Combines with Mangal ) : गुरु के साथ मंगल के मिलने पर घर में जो भी क़ानूनी झगड़ा चल रहा होता है, उसमे पुलिस का साथ हमारे पक्ष में हो जाता है. धर्म के कार्यों में पूजा-पाठ में मन लगने लगता है और इसी प्रकार की क्रिया हमारे जीवन में भी शामिल हो जाती है. विदेश के रहन - सहन, अच्छा खान पान और अन्य प्रकार के नये नये खुशियों से भरे कार्य जीवनं से जुड़ जाते है. लेकिन अगर आपको कोई कमी मह्सुश हो तो आप मंगल की दशा सुधारने के लिए मंगलवार का दिन आपके लिए बहुत अच्छा होता है. जिनका मंगल भारी है उनको मंगलवार के दिन उपवास और किसी गरीब या भूखे व्यक्ति को पेट भरकर भोजन खिलाना चाहिए. ध्यान रखें कि ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाएं तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए और अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या पेड़ लगाकर उनकी अच्छे से देखभाल करनी चाहिए.

·     बुध के होने से ( When Mercury Joins ) : बुध ग्रह तो वैसे ही ज्ञान का देवता होता है और फिर बुध का गुरु के साथ होना जातक के अन्दर समझदारी का संकेत है. वह धर्म और न्याय का आदि हो जाता है. उसके अन्दर भाव के अनुसार क़ानूनी दावपेच समझने की गति तीव्र हो जाती है और वह हर फैसले पर सोच समझकर विचार करता है. बुध की दशा में सुधार के लिए बुधवार के दिन उपवास रखें. गाय को हरी सब्जी खिलाएं, साथ ही रविवार को छोडकर अन्य किसी भी दिन रोज़ाना तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार आता है. आपको अनाथों व गरीबों की मदद करने से भी बहुत फायदा मिलता है
When Guru Joins with Other Planets
When Guru Joins with Other Planets
·     शुक्र के साथ मिलकर ( When Combines with Shukra ) : शुक्र ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है. किसी भी जातक की कुंडली में अगर शुक्र गुरु के साथ मिल जाता है तो उसकी स्थिति आध्यात्मिकता से भौतिकता की तरफ होनी शुरू हो जाती है. कानून के बारे में तो पहले से ही जानता है, लेकिन वो कानून को भी भौतिक रूप में देखना चाहता है. वह धर्म, पूजा - पाठ को तो मानता है ही साथ ही वो तीर्थ स्थानों पर जाता है, लेकिन इनको भी भौतिक रूप में देखने की इच्छा रखता है और अपने भगवान को भी सजावट आदि के द्वारा देखना चाहता है. किसी कारण से अगर कुछ परेशानी आ रही है तो शुक्रवार के दिन उपवास रखें और गरीबों व कौओं को मिठाई खाने के लिए दें. अगर किसी कन्या के विवाह में दान का अवसर मिलें तो उसे हाथ से बिल्कुल भी न निकलने दें और अपने घर में सफेद रंग का पत्थर लगवाएं.

·     शनि के साथ ( When Saturn Joins ) : शनि से मिलने पर मनुष्य के अन्दर किसी प्रकार की ठंडी हवा का संचार शुरू हो जाता है. मनुष्य धर्म से जुड़े हुए कार्य करने वाला हो जाता है लेकिन जो कार्य करता है, उसके फल के लिए अपनी तरफ से उन इच्छाओं को सबके सामने बोल नहीं पाता है. जिसको जो कुछ भी दे देता है वापस नही ले पाता है. उसका यही स्वभाव बन जाता है, जिसके कारण उसको दुख - दर्द सहन करने की आदत हो जाती है. ऐसे व्यक्ति शनिवार के दिन उपवास रखें और लोहे के बर्तन में दही, चावल और नमक मिलाकर भिखारियों को खाने के लिए दें. जिस व्यक्ति पर शनि की दशा ज्यादा खराब है उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए
Kiske Sath Judne par Guru Hota Hai Shubh
Kiske Sath Judne par Guru Hota Hai Shubh
·     राहू के साथ ( When Raahu Comes ) : राहू का साथ होने से जातक धर्म और न्याय आदि के मामले में अपनी वाह - वाह खुद ही करने लगता है. वो कानून की जानकारी तो रखता है लेकिन उसके अन्दर झूठ बोलने की आदत भी होती है. वह ऊपरी मन से धर्म और भगवान को मानता तो है लेकिन भीतर से पाखंड और धोखे का काम करता रहता है. इस दुष्प्रभाव से बचने के लिए उन्हें ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल दान देने चाहियें. किसी भी व्यक्ति जो कष्ट में है उसकी मदद करनी चाहिए, किसी भी गरीब व्यक्ति की लड़की की शादी में मदद करनी चाहिए. यदि किसी व्यक्ति के पास पैसा फंस गया है, तो उसको निकलवाने के लिए रोज सुबह पक्षियों को दाना खाने के लिए डालें.   

·     केतु के साथ मिलकर ( When Ketu Joins ) : केतु के साथ मिलते ही वह न्याय और धर्म का अधिकारी बनकर कार्य करने लग जाता है. कानून को जानते हुए वह कानून का अधिकारी बन जाता है. अगर मंगल युक्ति दे तो जातक कानून और धर्म के साथ में दंड देने का अधिकारी भी बन जाता है. जिनकी कुंडली में केतु की दशा ठीक नहीं रहती है वो व्यक्ति बकरे, कम्बल, लोहे के बने हथियार, तिल और भूरे रंग की वस्तु दान में दें. अगर केतु की दशा का फल संतान को भुगतना पड़ रहा है. तो मंदिर में कम्बल दान करें. शनिवार व मंगलवार के दिन व्रत रखने से केतु की दशा शांत होती है.  

गुरु ग्रह के अन्य ग्रहों के साथ युति पर होने वाले प्रभावों और दुष्प्रभावों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो
कुंडली में ज्ञान के देवता गुरु की स्थिति
कुंडली में ज्ञान के देवता गुरु की स्थिति
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16 comments:

  1. Budh aur guru ki yuti 8 ghar me ho to kya hota (rashi vrishchik.Lagna kanya)

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  2. Mangal aur Guru Lagna me hai to Kya hota hai aur mera Vidyabhas aur Dhan Daulat ka Vishay Kaisa Rahega ??? Kanya Lagna Karka Rashi

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    1. मंगल+ गुरु- युद्घ और झगड़े में या कोर्ट केस में, सफलता प्राप्त करने के लिए, शत्रु-पथ पर भी जनमत को अनुकूल बनाने के लिए।

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  3. managal guru Yuti ( lagn me) Aur Chandra Budh Yuti 11 ghar me hoto .mera vidhyabhas aur mera agla Bhavish kaisa hoga ( Kanya lagna kark rashi ashasha pada 2)

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    1. सबसे पहले एक बात बताना चाहूंगा कि बुद्ध और चंद्रमा की युति कहीं भी श्रेष्ठ फलदायक नहीं होगी जिस भाव में भी ये युति होगी उस भाव से जुड़े फल को कम करेगी और आपके अनुसार यह आपके लाभ भाव में है तो उससे जुड़े फल में कमी करेगी। लग्न में मंगल गुरु की युति श्रेष्ठ फलदायक होगी क्योंकि गुरु लग्न में दिकबली हो जाते है। परन्तु इससे बेहतर फलादेश के लिए सम्पूर्ण कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है।

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  4. surya aur shani in 8 house ke effect

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    1. pita ji or unki aged persns se mn mutav rhega hmesa

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  5. Guru or ketu ki lagna me Yuri rashi makar hai

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  6. Guru aur Ketu ki yuti 12 ghar mein kark Rashi me ho to Uska mahtav or upaye

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  7. meri tula rashi mai lagna mai guru or ketu sath mai hai to kya hota hai

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  8. Mangal, guru, ketu ki yuti navmansh kundli main pancham bhao aur kumbh rashi main kya fal dete

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  9. Guru aur budh ki Yuri asthma bhav me kark rashi ka hi kya galti deta hi...ye Yuri lagne kundli me hi

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  10. Guru aur budh ki Yuti astham bhav me kark rashi ka hi kya fal deta hi...ye Yuti lagne kundli me hi

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  11. Ketu guru ka yuti kanya rashi ka 4rth house me or rahu mangal 10th house me ho to ketu ka mahasabha kaisa rahega ?

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  12. कर्क राशि में गुरु बृहस्पति और मंगल की युति कब होगी

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  13. कर्क राशि में गुरु बृहस्पति और मंगल की युति कब होगी

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