ग्रह बलवान होने पर क्या न करें
· सूर्य : कुंडली में सूर्य के बलवान होने पर पेट, आँख, ह्रदय से जुड़े रोग उत्पन्न हो जाते है, साथ ही सरकारी कार्य में बाधा आनी भी शुरू हो जाती है. मुँह से जुड़े हुए रोग भी उत्पन्न हो जाते है जैसे:- मुँह में बार-बार बलगम इकट्ठा हो जाता है, मुँह से थूक आता रहता है आदि.
उपाय :- इस अवस्था में ताँबा, गेंहू व गुड का दान करें, प्रत्येक कार्य को मीठा खाकर ही शुरू करना आवश्यक है. तांबे के एक टुकड़े को काटकर उसको दो हिस्सों में बराबर बाँट लें. एक हिस्से को पानी में बहा दें तथा दूसरे हिस्से को जीवन भर अपने साथ जरूर रखें. CLICK HERE TO KNOW कुंडली में गुरु के बुरे प्रभाव ...
Kundali mein Grahon ke Ashubh Prabhav ko Dur Karne ke Upay |
· चन्द्र ग्रह : कुंडली में चन्द्र बलवान होने पर ढूध वाले पशु की मृत्यु हो जाती है और शक्ति भी कमजोर हो जाती है. घर में पानी की कमी हो जाती है कुएँ, तालाब सभी सूख जाते है और इसके द्वारा माता को कष्ट भी उठाना पड़ता है. मानसिक बीमारी भी हो सकती है और व्यक्ति आत्महत्या के बारे में विचार करने लग जाता है.
उपाय :- किसी भी प्रकार के दो मोती या चाँदी के दो टुकड़े लें और उनमें से एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को हमेशा अपने पास संभाल के रखें. अगर कुंडली के छठे भाव में चंद्र हो तो दूध या पानी का दान तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए है.
· मंगल : कुंडली मे मंगल अशुभ होने पर नेत्र रोग, गठिया जैसी बीमारियाँ पैदा हो जाती है. खून की बहुत बड़ी मात्रा में कमी हो जाती है, व्यक्ति बहुत ही गुस्सा करने लग जाता है और यह भी माना जाता है कि बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु भी हो जाती है.
उपाय :- मीठी रोटी दान जरूर करें, बहते हुए पानी मे रेवड़ी व बताशा बहाएँ, मसूर की दाल दान में देनी चाहिए और मिठाई, गुड, शहद आदि मिट्ठी वस्तुएं न तो दूसरों को देनी चाहिए और न ही खिलानी चाहिए. CLICK HERE TO KNOW ग्रहों के प्रभाव से होता है मतिभ्रम रोग ...
कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के उपाय |
· बुध : अगर कुंडली में बुध बलवान है तो इसके कारण दांत कमजोर होकर गिरने लग जाते है और इसके साथ - साथ सूंघने की शक्ति भी कम होने लगती है, गुप्त रोग भी हो जाते है नौकरी मिलने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है और अगर नौकरी मिल भी जाती है, तो उसमें भारी मात्रा में धोखा होने के आसार नजर आते है.
उपाय :- ताबें की प्लेट मे छेद करके बहते हुए पानी मे बहा दें. अपने भोजन मे से कुछ भोजन गाय को अवश्य खाने को दें. दान आदि जरूर करें.
· गुरु : ब्रहस्पति की भी दो राशि होती है धनु और मीन कुंडली मे गुरु के बलवान होने पर सिर के बाल झड़ने लगते है. परिवार में बिना किसी बात के तनाव और कलेश बढ़ता रहता है सोना खो जाता या फिर चोरी हो जाती है. अचानक आर्थिक नुकसान या धन का ज्यादा मात्रा में व्यय होता है और पढाई मे भी बाधां आ जाती है. अपनी वाणी पर संयम नहीं रहता है, किसी से कुछ भी कह देते है.
उपाय :- कलाई पर पीला रेशमी धागा जरूर बांधें, पीले वस्त्र या हल्दी की गाठं साथ में रखें. कोई भी अच्छा काम करने से पहले नाक जरूर साफ़ कर लें. विष्णु भगवान की आराधना करके “ॐ व्री वृहस्पतये नमः” मंत्र का नित्य जाप जरूर करें लाभ प्राप्त होगा.
· शुक्र : शुक्र भी दो राशियों का स्वामी है वृषभ, तुला और किशोरावस्था का सूचक है, मौज मस्ती, घूमना फिरना, दोस्त मित्र इसके प्रमुख लक्षण है. कुंडली मे शुक्र के बलवान होने के कारण मन भटकता रहता है, एकाग्रता नहीं हो पाती है कुछ भी खाने का मन नहीं करता है, धन का भरी मात्रा में नाश होता रहता है. चलते समय अगूँठे में चोट लग सकती है और चर्म रोग भी उत्पन्न हो जाता है.
उपाय :- माँ लक्ष्मी की सेवा व पूजा जरूर करें. गरीब या विद्यार्थियों को ज्ञान सामग्री दान में अवश्य दें, अन्न का दान करें और "ॐ सुं शुक्राय नमः" मंत्र का नित्य जाप करना भी बहुत लाभकारी सिद्ध होता है.
ग्रह बलवान होने पर क्या न करें |
· शनि : शानि की गति बहुत ही धीमी होती है कुंडली मे शनि के बलवान होने के कारण या तो मकान गिर जाता है या फिर मकान के किसी हिस्से में नुकसान हो जाता है. शनिदेव भी दो राशियों का स्वामी है मकर और कुम्भ, शनि के कारण वाहन में हानि होने की सम्भावना भी उत्पन्न हो जाती है.
उपाय :- हनुमान की आराधना करें, बंदरों को चने खिलाएं और सुंदरकांड का पाठ करके “ॐ हन हनुमते नमः” मंत्र का जाप करना भी बहुत लाभकारी होता है तिल, जौ, काले वस्त्र, चमड़ा, काला सरसों आदि दान दें.
· राहू : कुंडली में राहू के बलवान होने पर हाथ के नाखून अपने आप टूटने लग जाते है मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को ले कर ग़लतफहमी, आपसी तालमेल में कमी आने लग जाती है और दुश्मनों से मुश्किलें बढती रहती है और जल स्थान में कोई न कोई समस्या आती रहती है.
उपाय :- माँ दुर्गा, शिव जी व हनुमान जी की आराधना करें, जौ या अनाज को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएँ, माँस दान में दें, इसके साथ हनुमान चालीसा , बजरंग, हनुमानाष्ट, हनुमान बाहु, सुंदरकांड का पाठ और “ॐ रं राहवे नमः” मंत्र का नित्य जाप करना लाभकारी होता है.
· केतु : कुंडली में केतु के बलवान होने पर चर्म रोग, मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को लें कर गलतफहमी, बात - बात पर गुस्सा करना आदि रोग जन्म लेते है. संतान को परेशानी होती है वाहन दुर्घटना कि सम्भावना भी बनी रहती है.
Grahon ko Kaise Shubh Banayen |
उपाय :- दुर्गा, शिव व हनुमान की उपासना जरूर करें, मंदिर में या किसी हवन स्थान पर दान जरूर करें. और “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का जाप जरूर करें. तिल या कपिला गाय दान में दें.
किसी भी उपाय को 43 दिन तक करना चहिये, तब ही फल प्राप्ति संभव होती है मंत्रों के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला सबसे उचित मानी जाती है. इन उपायों का प्रयोग करके कुण्डली में अशुभ प्रभाव में स्थित ग्रहों को शुभ प्रभाव में लाया जा सकता है. ग्रहों की आराधना और उनके जाप, दान उनके नक्षत्र में अत्यधिक लाभप्रद होते है.
कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुये और उनको प्रसन्न करने के लिए अपनायें जाने वाले उपायों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Grah Shanti ke Totke Daan |
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Sir me dob 4/6/1984 10.00 pm muktsar punjab Ka janam hai..mujhaye kya upaye aur kaun se stone dharan karne chaiye...marriage life aur ghar par hamesha tension chalti rahti hai...pls upaye bataye ji
ReplyDeleteGuru ji hamare sasural se rishte theek nahi hai dhan ki bahut problem hai pati ko koi naukri nahi milti ya chalti.help me
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