सुर्यतप्त जल से पायें रोगों से मुक्ति ( Sun Ray filled Water Protects form
Many Diseases )
सूरज की किरणों से निर्माण जल औषधि से अनेक रोगों का इलाज किया जाता है. हर रोग
के लिए अलग रंग की बोतल के पानी का इस्तेमाल होता है और हर जल के सेवन और इस्तेमाल
की विधि भी अलग ही होती है. माना जाता है कि जल करीब 30 दिनों के अंदर पूर्ण रूप
से हर रोग का इलाज कर देता है. इस औषधि को बनाने के लिए 7 रंग की बोतलों को 8 घंटे
के लिए सूरज की रौशनी में रखना होता है. लेकिन याद रखें कि हर रंग की बोतल का जल
अलग अलग रोगों में प्रयोग होता है और हर जल की तासीर भी उसके रंग के आधार पर अलग
ही होती है. जरूरी नहीं है कि जल को ही बोतल में रखा जा सकता है बल्कि अलग अलग
औषधि को बनाने के लिए उसमे तेल या ग्लिसरीन इत्यादि को भी भरा जा सकता है. तो आओ
जानते है कि सूर्य की किरणों से किस किस तरह की औषधि बनाई जा सकती है और ये किन
किन रोगों में लाभदायी होती है. CLICK HERE TO KNOW सूर्य किरण जल चिकित्सा क्या है ...
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Surya Kiran Tapt Jal se Upchar |
खाने वाली औषधि ( Eating Medicine ) :
· अगर आप सूरज की
किरणों से खाने वाली दवाई बनाना चाहते है तो आप आवश्यक रंग की बोतल में शक्कर, मिश्री या फिर बतासे भर कर सूरज की किरणों में रखें. किन्तु इन्हें आप जल की
तरह 1 दिन के बाद इस्तेमाल नहीं कर सकते बल्कि आपको लगातार 30 दिनों तक रोज 8 घंटे
के लिए बोतल को सूरज की किरणों में रखना है. उसी के बाद इन बतासों या मिश्री का
खाने वाली औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
लगाने वाली औषधि ( Medicine uses as Paste ) :
· लगाने वाली औषधि से
अभिप्राय लेप से होता है और आप तो जानते ही हो कि लेप चिकना होता है जिससे शरीर की
मालिश व मसाज इत्यादि की जाती है. तो लगाने वाली दवाई को बनाने के लिए आप शीशी में
तेल या फिर ग्लिसरीन भर कर 30 दिनों तक रोज 8 घंटों के लिए रखें और उसके बाद ही
इसका इस्तेमाल रोगों के उपचार के लिए करें.
पीने वाली दवाई ( Drinking Medicine ) :
· पीने वाली दवा बनाना
बहुत ही सरल है इसके लिए आपको बस आवश्यक रंग की बोतल में पानी डालकर सूर्योदय के
समय 8 घंटे तक सूरज की किरणों में रखना है और आपकी पीने की दवाई तैयार हो जाती है.
किन्तु ध्यान रहें कि आप इस जल का इस्तेमाल मात्रा 5 दिनों तक ही कर सकते हो. उसके
बाद आपको दोबारा से पीने वाली दवाई बनाने के लिए पानी को सूरज की किरणों में रखना
होता है. CLICK HERE TO KNOW सुर्यतप्त जल से रोगों का इलाज ...
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सूर्य किरण तप्त जल से उपचार |
रोगों में सुर्यतप्त पानी का इस्तेमाल ( Use of Sun Ray Filled Water in Diseases ) :
· सर्दी जुखाम ( Cold and Cough ) : अगर किसी व्यक्ति को
सर्दी या जुखाम हो जाता है तो उसे लाल या फिर नारंगी बोतल में तैयार पानी को दिन
में 5 बार दिया जाता है. अगर इन रंग की बोतल में तेल को डालकर सूर्यतप्त किया जाता
है तो उस तेल से छाती, गले और नाक पर हल्के
हाथों से मालिश करनी चाहियें.
· आँखों के रोग ( Eye Diseases ) : आजकल हर बच्चे के
पास मोबाइल फ़ोन है जिनमे वे गेम खेलते या मेसेज करते रहते है जिनका प्रभाव सीधे
तौर से उनकी आँखों पर पड़ता है और उनकी आँखे कमजोर होने लगती है. कुछ बच्चों की
आँखों में पानी आने लगता है तो कुछ की में खुजली होने लगती है. बच्चों की इस
समस्या से मुक्ति के लिए आप नारंगी रंग की बोतल में पानी डाल सुर्यतप्त करें और
उससे बच्चे की आँखों को धुलवाएँ. अगर हो सके तो बच्चे को लाल रंग का चश्मा पहनने
के लिए भी कहें.
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Treatment with Sun Ray Filled Water |
वहीँ अगर आँखों में जलन हो या दर्द महसूस होता हो तो उन्हें नीले रंग की बोतल
के पानी से आँखों को साफ़ करना चाहियें और नीला चश्मा पहनना चाहियें.
· अकडन ( Tightness ) : समय और उम्र के साथ
सबसे अधिक परेशान करने वाला रोग होता है अकडन और जोड़ों में दर्द, साथ ही कुछ लोगों के हाथ पैर सुन्न होने लगते है. इस अवस्था से बाहर निकलने के
लिए आपको लाल बोतल का पानी इस्तेमाल करना चाहियें. आप एक थरैपी भी अपना सकते है
जिसके अनुसार आप जिस जगह अकडन है वहाँ लाल रंग की पन्नी या कांच का रुकदा रखें और
धुप में बैठ जाएँ. करीब 40 मिनट तक आप उस हिस्से को इसी तरह सिखने दें. इस तरह
लगातार कुछ दिन इस उपाय को अपनाने से आपका रोग जल्द ही ठीक होता है.
· मासिक स्त्राव ( Menstruation Bleeding ) : महिलाओं में होने
वाले ये मासिक क्रिया उनके लिए बहुत जरूरी होती है किन्तु कुछ महिलाओं के इस चक्र
में कभी कभी अनियमितता आ जाती है और उन्हें मासिक स्त्राव कम होने लगता है या 2 – 3 महीनों तक होता ही नहीं है. इस अवस्था से बाहर निकलने के महिलाओं को लाल रंग
की बोतल का पानी पीना है. आप अपने पेट पर लाल पन्नी बांधकर अपने पेट को सेकें. आप
चाहें तो लाल रंग की बोतल में तेल रख उसे सूर्य तप्त कर उससे पेट की मालिश भी कर
सकती है. ये सभी उपाय आपके लिए लाभदायी होते है.
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कैसे करें सूर्य किरण जल से इलाज |
· मुंह के छालें ( Mouth Ulcer ) : मुंह में छाले होने
पर आपको नीले रंग की बोतल का पानी लेकर उससे दिन में 2 से 3 बार कुल्ला करना है और
नीले रंग की बोतल में ग्लिसरीन को सुर्यतप्त कर उसे मुंह के अन्दर लगाना है.
· ह्रदय रोग ( Heart Problem ) : बदलता खानपान और
मानसिक तनाव हृदय रोगों का कारण बनता जा रहा है किन्तु अगर रोगी नारंगी रंग की
बोतल में तेल डालकर उसे सुर्यतप्त करे और उसे सीने या पीठ पर लगायें तो उसे हृदय
संबंधी सभी रोगों से निजात मिलती है.
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Suraj ki Krinon se Bnayen Lep |
· लू से बचाव ( Prevention form Heat Stroke ) : गर्मियों में जब
बच्चे घर से बाहर खेलने के लिए जाते है तो उन्हें अक्सर लू लग जाती है और उनकी
तबियत खराब हो जाती है. अगर लू सिर में चढ़ जाए तो ये अन्य समस्याओं को भी बुलावा
दे देती है किन्तु अगर नीले रंग की बोतल में रखकर उसे सुर्यतप्त किया जाये और उसका
निरंतर सेवन किया जाए तो बच्चों को लू की समस्या से बचाया जा सकता है. ऐसा इसलिए
होता है क्योकि नीले रंग की बोतल के पानी से शीतलता मिलती है.
इस तरह सूर्यतप्त जल का उपयोग कर आप रोगों से मुक्त रह सकते हो. सुर्यतप्त जल
से अन्य रोगों में उपचार के बारे में जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
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Divya Surya Kiran Jal V Rang Chikitsa |
Surya Kiran
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Surytapt Khane Pine or Lagne Vaali Aushdhi, Divya Surya Kiran Jal V Rang
Chikitsa
- मकान की नकारात्मकता दूर करें
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Weght kam karne ke liye konse rang ka pani piye
ReplyDeleteसूर्य तप्त तेल से नपुंसकता कैसे दूर करें
ReplyDeleteसूर्य तप्त तेल से नपुंसकता कैसे दूर करें
ReplyDeleteBawsir me hara jal pine me kya kya nahi khana chahiye
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