घर में हिंग है लेकिन उसके फायदे नही जानते ( Know the Benefits of Asafetida )
लगभग हर घर में खाने के स्वाद को बढाने के लिए हिंग का इस्तेमाल किया जाता है.
हिंग ना सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाती है बल्कि ये खाने में महक भी लाती है जो
सभी को अपनी तरफ खींचती है और भूख को बढाती है. अधिकतर लोग सिर्फ यही समझते है कि
हिंग को खाने में डालने से पेट में गैस नहीं बनती या फिर अफारा नही होता किन्तु
इनके अलावा भी हिंग के अन्य लाभ होते है जिनके बारे में आज हम आपको बतायेंगे. CLICK HERE TO KNOW आधासीसी दर्द के घरेलू उपचार ...
Hing Khayen Rogon ko Bhagyen |
हिंग जिसका पौधा करिब 5 से 8 फीट का होता है. वहीँ इसकी पत्तियां 1½ से 2 फीट तक लम्बी होती
है. हिंग ना तो कोई फल है, ना फुल और ना ही कोई
जड़ बल्कि ये तो हिंग के पेड़ पर लगने वाला एक गोंद होता है. जिसे पीसकर एक मसाले का
रूप दिया जाता है और सब्जी के छोंक में इस्तेमाल किया जाता है. हिंग में पाए जाने
वाले तत्व इसे एक औषधि भी बनाते है जिससे हिंग को घरेलू नुस्खे के रूप में भी
प्रयोग में लाया जा सकता है.
हिंग के लाभदायक गुण ( Beneficial Properties of the Asafetida ) :
· दांत में दर्द ( Toothache ) : अगर आपके दांतों में
दर्द है तो आप थोड़ी हिंग और थोडा सा कपूर लें और उन्हें अच्छी तरह से पिस लें.
इसके बाद आप इस चूर्ण को उस जगह लगायें जहाँ आपको दर्द हो. कुछ देर बाद आप दर्द
में राहत महसूस करोगे.
· कान में दर्द ( Pain in Ear ) : वहीँ अगर कानों में
दर्द हो तो तिल के तेल में हिंग को पका लेना चाहियें और उस तेल की कुछ बूंदों को
कान में डालने से राहत मिलती है. CLICK HERE TO KNOW दांतों में दर्द होने पर उपचार ...
हिंग खाएं रोगों को भगायें |
· पीलिया ( Jaundice ) : पीलिया एक ऐसा रोग
है जो कभी भी किसी को भी अपना शिकार बना लेता है. लेकिन अगर रोगी को गुलर के सूखे
फल के साथ हींग खाने के लिए दी जाएँ तो उसे तुरंत ही पीलिये में आराम मिलता है.
पीलिया में आँखें और शरीर पीला पड़ने लगता है इस अवस्था में रोगी को हिंग को पानी
में घिसकर उसका एक लेप तैयार कर लेना चाहियें और उसे आँखों पर लगाना चाहिएं इससे
भी रोगी को आराम मिलता है.
· खून बनायें ( Maintains Blood ) : कुछ लोगों में खून
के गाढ़ा होने की शिकायत सामने आती है जिसके कारण उनमें काफी कमजोरी आ जाती है, साथ ही उन्हें हृदय संबंधी रोग खासतौर से हार्ट अटैक होने का खतरा बना रहता है
किन्तु हिंग में पाया जाने वाला कोउमारिन तत्व इस खून को पतला करने में मददगार
सिद्ध होता है. इसके साथ ही ये उच्च रक्तचाप और बड़े हुए कोलेस्ट्रोल को भी कम करने
में सहायक होता है.
· पेट विकार ( Stomach Disorder ) : अक्सर पाचन तंत्र
के सही तरह से काम न करने की वजह से पेट में अनेक रोग उत्पन्न हो जाते है जैसेकि
अफारा, पेट दर्द, अजीर्ण इत्यादि. इस
स्थिति में रोगी को भोजन करते वक़्त छाछ में हिंग मिलाकर सेवन करना चाहियें. इससे
उन्हें तुरंत लाभ मिलता है.
Asafetida Protects from Every Diseases |
· माइग्रेन ( Migraine ) : माइग्रेन को हिंदी
में आधासीसी का दर्द भी कहा जाता है क्योकि इस रोग में रोगी को एक नियमित समय तक
सिर के आधे हिस्से में असहनीय दर्द होता रहता है. ये दर्द रोगी की हालत को दयनीय
बना देता है किन्तु अगर वो रोजाना आधा कप पानी में हिंग मिलाकर उसका सेवन करता है
तो उसे इस रोग में निश्चित रूप से आराम मिलता है.
· त्वचा रोग ( Skin Diseases ) : चर्म रोगों से
निजात पाने के लिए हिंग को रामबाण इलाज माना जाता है इसका इस्तेमाल करने के लिए
रोगी को हिंग को पानी की मदद से पिसना है और उसे त्वचा के उस हिस्से पर लगाना है
जहाँ उसे चर्म रोग, दाद, खाज या खुजली है. इसका नियमित इस्तेमाल त्वचा रोग को जड़ से खत्म कर देता है.
· नासूर ( Cancer ) : नासूर कैंसर की ही
तरह होता है या इसे आप एक ऐसा घाव कह सकते है जो दिन प्रतिदिन सड़ता रहता है और
हालत को बद से बदतर कर देता है. घाव की सडन को रोकने के लिए रोगी कुछ नीम के पत्ते
लें और उसे हिंग के साथ पीस लें. इस तरह एक लेप तैयार हो जाता है अगर उस लेप को
घाव पर रोजाना सुबह शाम लगाया जाता है तो घाव सड़ने की जगह धीरे धीरे भरने लगता है.
Janen Hing ke Anmol Fayde |
· कफ ( Cough ) : छाती में मलगम जम
जाने के पर रोगी एक कटोरा पानी ले और उसमें हिंग के तेल की 3 से 4 बूंदें डालकर
उसे उबाले. रोगी को इस पानी की भाप लेनी है. ये भाप उन्हें छाती में दर्द, सीने में जकडन, कमर में दर्द और सिर
दर्द से राहत दिलाने में सहायक होती है. वहीँ अगर मलगम के कारण सुखी खांसी हो गयी
है तो रोगी ½ चम्मच शहद, ½ चम्मच अदरक का रस
और ½ चम्मच ही हिंग लेकर
एक मिश्रण तैयार करे और उसका सेवन करें. ध्यान रहे रोगी को ये मिश्रण दिन में 3
बार बनाकर लेना है.
· प्रसव के बाद ( After Pregnancy ) : जब कोई भी स्त्री
माँ बनती है तो उसके शरीर में तुरंत अनेक तरह के परिवर्तन होते है और प्रसव के बाद
उन्हें अपने गर्भाशय की शुद्धि भी करनी पड़ती है इसीलिए आपने देखा होगा कि हर
गर्भवती स्त्री को हिंग के लड्डू इत्यादि खिलाएं जाते है. इससे उनके गर्भ में कोई
इन्फेक्शन नहीं होता और ना ही किसी पेट संबंधी विकार के रहने या होने का ख़तरा ही
रहता है.
· काँटा निकलने के लिए
( To Remove
Prong ) : पैर में जब काँटा चुभता है तो बड़ा दर्द होता है किन्तु जब उसे निकालने की
कोशिश की जाती है तो असहनीय दर्द होता है. इसीलिए लोग काँटा निकालने से बहुत
कतराते है किन्तु अगर कांटे को निकला ना जाएँ तो उससे पैरों में सुजन आ सकती है और
इन्फेक्शन का खतरा भी बना रहता है इसलिए काँटा तो निकालना ही पड़ता है किन्तु अगर
आप हिंग का इस्तेमाल करे तो काँटा अपने आप बिना दर्द किये ही बाहर निकल जाता है.
इस उपाय का इस्तेमाल करने के लिए आपको हिंग का घोल तैयार करना है और उस घोल को उस
स्थान पर लगाना है जहाँ आपको काँटा चुभा हुआ है.
Khane mein Hing ka Istemal |
· पेट के कीड़े ( Stomach Worms ) : अगर पेट में कीड़े
हो जाएँ तो आप 1 चम्मच पानी में कुछ हिंग घोल लें और उसे एक रुई के फोहे परर
डालें. अब आप इस रुई के फोहे से इस घोल को बच्चे के पोटी होल पर लगायें. इस उपाय
के बाद जब भी बच्चा पोटी करता है तो सारे कीड़े मरकर बाहर निकल जाते है.
तो आप भी हिंग का इस्तेमाल कर रोगों को दूर रख सकते हो. साथ ही हिंग के ऐसे ही
अन्य लाभकारी गुणकारी लाभों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
हासिल कर सकते हो.
Advantage of Asafetida in Every Home |
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- मकान की नकारात्मकता दूर करें
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ReplyDeleteआगे पीछे दोनों तरफ रहता है
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