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सच में:-

क्या सच में Made In India फ़ोन भारत में बनाते है | Kya Sach mein Made In India Phone Bharat mein Bante Hai

मेड इन इंडिया (  Made in India  ) अक्सर जब भी हम कोई प्रोडक्ट खरीदते है तो ये जरुर देखते है कि वो प्रोडक्ट किस कंट्री में बना है , आपने भ...

Aadaton se Majboor Hone ke Prinaam | आदतों से मजबूर होने के परिणाम | The Result of Being Habitual

आदतों से मजबूर ( Being Habitual )
ये बात आप भी जानते है कि जब किसी चीज का इस्तेमाल किया जाने लगे तो हम उसके आदि हो जाते है और इसी वजह से उस चीज के दाम भी बढ़ जाते है. यही एक व्यापार को स्थापित करने का पहला नियम भी होता है कि हर कंपनी चाहती है कि उपभोक्ता उसके उत्पाद की आदि हो जाए और उनका व्यापार निरंतर चलता रहे. ये सिर्फ अभी की बात नही है ऐसा पहले से ही होता चला आ रहा है उदाहरण के लिए आप अंग्रेजों को ले लें उन्होंने सबको चाय की ऐसी लत डाली कि आज बच्चे पैदा होने के बाद सबसे पहले चाय के स्वाद को पहचानते है, वहीँ आधुनिक यूग में लोगों को मोबाइल की भी बहुत बुरी लत लग चुकी है कुछ तो 2 से 3 फ़ोन रखते है और कुछ फ़ोन को अपनी पत्नी मानते है जिसके बिना वे 1 पल भी नहीं रह पाते और यही कारण है कि इनके दाम और व्यापार दोनों ही निरंतर बढ़ते जा रहे है. CLICK HERE TO KNOW मोबाइल का कीड़ा मतलब फ़ोनी बवासीर ...
Aadaton se Majboor Hone ke Prinaam
Aadaton se Majboor Hone ke Prinaam
लेकिन हर सिक्के के दो पहलुओं की तरह हर चीज के भी दो पहलु होते है एक अच्छा और एक बुरा. अगर इन्टरनेट की बात की जाएँ तो एक समय ऐसा भी था जब लोगों को ये कहकर इन्टरनेट बेचा जाता था कि आप कुछ दिन फ्री में इन्टरनेट इस्तेमाल करें अगर आपको अच्छा लगे तब आप कोई प्लान खरीदना और आज के समय में आप देख सकते है कि इन्टरनेट के कितने महंगे दाम हो चुके है. अभी तो ये GB में बिक रहा है कुछ दिनों में आपसे MB फिर KB के अनुसार पैसे लिए जायेंगे. नेट इतने  भयंकर तरीके से हमपर हावी हो चूका है कि आप एक दिन का राशन लाना भूल सकते है किन्तु 1 मिनट इन्टरनेट के बिना नहीं रह सकते. CLICK HERE TO KNOW फेसबुक का गलत इस्तेमाल ...
आदतों से मजबूर होने के परिणाम
आदतों से मजबूर होने के परिणाम
किन्तु इन्टरनेट के अनेक फायदे भी होते है जैसेकि इससे आपको तरह तरह की जानकारियां प्राप्त होती है, आप अपने जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हो, लोगों व संसार से  जुड़ सकते हो किन्तु युवा पीढी फेसबुक और बाकी सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में इस तरह उलझ कर रह गयी है कि उनको सिवाय टाइमलाइन देखने के कुछ और सूझता ही नहीं. वे हर समय अपने मित्रों के स्टेटस और उनकी प्रोफाइल फोटो को ही देखने में लगे है, कुछ कमेंट पढने और उनका रिप्लाई करने के अलावा कुछ और करते ही नही. इस तरह वे अपना कीमती समय बेवजह बर्बाद करते रहते है. 

अगर स्कूल या कॉलेज के बच्चे फेसबुक पर इतना समय बिताते है तो आप अंदाजा ही लगा सकते है कि उनकी पढ़ायी का क्या हाल होता होगा. उन्हें अपना ये समय लड़कियों से फ्लर्ट करने के बजाय किताबों से मोहब्बत करने में लगाना चाहियें तभी बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह पाता है. ये जिम्मेदारी बच्चों के परिवारजनों की भी बनती है कि जब भी वे अपने बच्चों को इस तरह समय व्यर्थ करते देखने तो उन्हें समय की कीमत के बारे में समझाएं. उन्हें बताएं कि इन्टरनेट पर हर समय ऑनलाइन रहने से अधिक जरूरी है कि वे अपनी पढाई में हमेशा ऑनलाइन रहें. 
The Result of Being Habitual
The Result of Being Habitual
अगर इसी तरह बच्चे फेसबुक पर अपना समय खराब करते रहे तो इसका असर उनके सामाजिक स्तर पर भी पड़ता है और उन्हें हीन भावना के साथ देखा जाने लगता है, वहीँ अगर बच्चे फेसबुक की वजह से अश्लीलता की तरफ मुड गये तो वो अपने आप को इस कदर इस दलदल में घुसा लेते है कि जब तक उनको कोई भयंकर रोग जैसेकि नामर्दी या नपुंसकता नहीं लग जाती तब तक वे इसको छोड़ते ही नहीं. कुछ तो ऐसे भी होते है जो अपनी मर्दानगी को खोने के बाद भी इसके पीछे पड़े रहते है.

हमारे बड़े बुजुर्ग जो हमे इतनी अच्छी शिक्षायें देकर गएँ है, हम उनको भूल चुके है किन्तु जो उन्हें याद रखता है वो अपने आसपास इतनी सारी नकारात्मकता होने के बावजूद भी खुद को स्वस्थ और खुश रह पाता है. अगर आज भी उनके नक़्शे क़दमों पर चला जाएँ तो आज भी बिमारियों को जड़ से उखाड़ा जा सकता है. लेकिन अब तो उन्हें सिर्फ मुर्ख ही समझा जाता है क्योकि उन्हें ग्लैमर की समझ नहीं है. आज के लोग जो हर चीज में मिलावट करना जानते है, मजबूरों का फायदा उठाना जानते है और जो दूसरों के जले पर हाथ सेंकना जानते है उन्ही का बोल बाला रह गया है.

लेकिन ध्यान रहें कि धन का लालच, लोगों को मीठा जहर देने की इच्छा, इर्ष्या और अहंकार किसी तरह का स्थायी सुख नहीं देता बल्कि ये सब चीजें आपके मन में डर पैदा करती है जिससे आप हर समय चिंतित और व्यथित रहते है. कोई अपने साथ कुछ नहीं लेकर जाता सिवाय अच्छे कर्मों के. तो अच्छे कर्म करने पर ध्यान दें, अपने शरीर को स्वस्थ मजबूत रखें, मन को शांत रखें, अच्छे विचार रखें, अच्छा सोचे और अच्छा ही करें. यही सफलता का सूत्र है और यही आदतें है जो आपको आंतरिक सुख देती है. 

सुखी जीवन पाने और अच्छी आदतों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
सफलता का असल सूत्र
सफलता का असल सूत्र

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